Kolkata: कोर्ट का बड़ा सवाल, शिक्षक भर्ती से जुड़ा काम निजी कंपनी को क्यों सौंपा

Kolkata News: कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सात दिन के भीतर इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है कि शिक्षकों की भर्ती से जुड़ा पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड का गोपनीय काम एक निजी कंपनी को ठेके पर क्यों दिया गया।
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राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित तथा सहायता प्राप्त स्कूलों में प्राथमिक अध्यापकों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं के संबंध में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सीबीआई को कंपनी के चयन का तरीका भी पता लगाने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने सीबीआई को 10 फरवरी तक इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने का बृहस्पतिवार को निर्देश दिया कि बोर्ड का गोपनीय काम एम/एस एस. बासु रॉय एंड कंपनी को क्यों सौंपा गया।
अदालत ने सीबीआई को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। उसने जांच एजेंसी से रिपोर्ट में यह बताने के लिए भी कहा कि क्या बोर्ड ने ऐसे काम के लिए निजी कंपनी का चयन करने से पहले कोई निविदा निकाली थी।
अदालत ने निर्देश दिया कि इस उद्देश्य के लिए सीबीआई राज्य के प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य से विस्तारपूर्वक पूछताछ करे।
उच्च न्यायालय ने बोर्ड के पूर्व सचिव रत्न चक्रवर्ती बागची को एक हलफनामे में साफ तौर पर यह बताने का निर्देश दिया कि प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए एक अतिरिक्त समिति की जानकारियां प्रकाशित क्यों नहीं की गईं।
अदालत ने जनवरी में सीबीआई के विशेष जांच दल (एसआईटी) के एक अधिकारी को उचित तरीके से जांच न करने के आरोप में हटा दिया था।
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राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित तथा सहायता प्राप्त स्कूलों में प्राथमिक अध्यापकों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं के संबंध में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सीबीआई को कंपनी के चयन का तरीका भी पता लगाने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने सीबीआई को 10 फरवरी तक इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने का बृहस्पतिवार को निर्देश दिया कि बोर्ड का गोपनीय काम एम/एस एस. बासु रॉय एंड कंपनी को क्यों सौंपा गया।
अदालत ने सीबीआई को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। उसने जांच एजेंसी से रिपोर्ट में यह बताने के लिए भी कहा कि क्या बोर्ड ने ऐसे काम के लिए निजी कंपनी का चयन करने से पहले कोई निविदा निकाली थी।
अदालत ने निर्देश दिया कि इस उद्देश्य के लिए सीबीआई राज्य के प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य से विस्तारपूर्वक पूछताछ करे।
उच्च न्यायालय ने बोर्ड के पूर्व सचिव रत्न चक्रवर्ती बागची को एक हलफनामे में साफ तौर पर यह बताने का निर्देश दिया कि प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए एक अतिरिक्त समिति की जानकारियां प्रकाशित क्यों नहीं की गईं।
अदालत ने जनवरी में सीबीआई के विशेष जांच दल (एसआईटी) के एक अधिकारी को उचित तरीके से जांच न करने के आरोप में हटा दिया था।







