Rajsthan News : सौगातों का पिटारा खोल सीएम अशोक गहलोत ने जताया जोगिन्दर अवाना पर भरोसा

Rajsthan News : जोगिन्दर अवाना के बुलावे पर उच्चैन में उमड़ा जनसैलाब
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गौरतलब है कि नदबई विधानसभा क्षेत्र के विधायक व देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री) जोगिन्दर सिंह अवाना का संबंध नोएडा से भी है। वह नोएडा के सेक्टर—11 के झुंडपुरा गांव के मूल निवासी हैं। दरअसल, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर विधायक चुने गए थे। लेकिन, बाद में उन्होंने अशोक गहलोत की सरकार को बचाने के लिए बसपा के सभी छह विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए थे।Lucknow : हर महानगर में कुछ विशिष्ट गलियां बनें जो खानपान के लिए ही चिन्हित हों: योगी
अपनी निष्ठा और अथक परिश्रम के कारण वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबियों में गिने जाने लगे। नदबई के विधायक चुने जाने के बाद जोगिन्दर सिंह अवाना ने अपने को राजस्थान के बड़े गुर्जर नेताओं में शुमार किया। राजस्थान की राजनीति के जानकारों का मानना है कि राजस्थान में गुर्जर बिरादरी का दखल राज्य की तमाम सीटों पर है। गुर्जर बिरादरी के मतदाता किसी भी पार्टी की सरकार बनाने या उसे सत्ता से हटाने का माद्दा रखते हैं। माना जाता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निष्ठा के इनाम के तौर पर ही जोगिन्दर सिंह अवाना को देवनारायण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया था। इतिहास की मानें तो भगवान देवनारायण गुर्जरों के ईष्टदेव के रूप में स्थापित हैं।
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कैबिनेट मंत्री का दर्जा पाने के बाद जोगिन्दर सिंह अवाना ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निराश नहीं किया। उन्होंने क्षेत्र की जनता की समस्याओं के समाधान और विकास के लिए जो काम किया, उससे उनकी लोकप्रियता पूरे प्रदेश में फैली। मुख्यमंत्री को भी अब यह भरोसा हो गया है कि जोगिन्दर अवाना पार्टी के लिए काफी अहम हो सकते हैं। यही कारण है कि रविवार को उच्चैन में आयोजित जनसभा के दौरान अशोक गहलोत ने सौगातों का पिटारा खोल दिया। उन्होंने वर्षों से टूटी पड़ी सड़कों के नए सिरे से निर्माण कार्य का ना सिर्फ शिलान्यास किया, बल्कि क्षेत्र के विकास के लिए 50 से अधिक परियोजनाओं के लिए 1500 करोड़ रुपये देने का ऐलान कर दिया।अगली खबर पढ़ें
Rajsthan News : जोगिन्दर अवाना के बुलावे पर उच्चैन में उमड़ा जनसैलाब
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गौरतलब है कि नदबई विधानसभा क्षेत्र के विधायक व देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री) जोगिन्दर सिंह अवाना का संबंध नोएडा से भी है। वह नोएडा के सेक्टर—11 के झुंडपुरा गांव के मूल निवासी हैं। दरअसल, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर विधायक चुने गए थे। लेकिन, बाद में उन्होंने अशोक गहलोत की सरकार को बचाने के लिए बसपा के सभी छह विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए थे।Lucknow : हर महानगर में कुछ विशिष्ट गलियां बनें जो खानपान के लिए ही चिन्हित हों: योगी
अपनी निष्ठा और अथक परिश्रम के कारण वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबियों में गिने जाने लगे। नदबई के विधायक चुने जाने के बाद जोगिन्दर सिंह अवाना ने अपने को राजस्थान के बड़े गुर्जर नेताओं में शुमार किया। राजस्थान की राजनीति के जानकारों का मानना है कि राजस्थान में गुर्जर बिरादरी का दखल राज्य की तमाम सीटों पर है। गुर्जर बिरादरी के मतदाता किसी भी पार्टी की सरकार बनाने या उसे सत्ता से हटाने का माद्दा रखते हैं। माना जाता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निष्ठा के इनाम के तौर पर ही जोगिन्दर सिंह अवाना को देवनारायण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया था। इतिहास की मानें तो भगवान देवनारायण गुर्जरों के ईष्टदेव के रूप में स्थापित हैं।
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कैबिनेट मंत्री का दर्जा पाने के बाद जोगिन्दर सिंह अवाना ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निराश नहीं किया। उन्होंने क्षेत्र की जनता की समस्याओं के समाधान और विकास के लिए जो काम किया, उससे उनकी लोकप्रियता पूरे प्रदेश में फैली। मुख्यमंत्री को भी अब यह भरोसा हो गया है कि जोगिन्दर अवाना पार्टी के लिए काफी अहम हो सकते हैं। यही कारण है कि रविवार को उच्चैन में आयोजित जनसभा के दौरान अशोक गहलोत ने सौगातों का पिटारा खोल दिया। उन्होंने वर्षों से टूटी पड़ी सड़कों के नए सिरे से निर्माण कार्य का ना सिर्फ शिलान्यास किया, बल्कि क्षेत्र के विकास के लिए 50 से अधिक परियोजनाओं के लिए 1500 करोड़ रुपये देने का ऐलान कर दिया।संबंधित खबरें
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