UP Elections 2022 : खबर यूपी के लखनऊ है, जहां विधानसभा चुनाव 2022 की तारीखों का ऐलान हुआ चुका है और पहले चरण के लिए 10 फरवरी को मतदान होना है। मतदान से से पहले समाजवादी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती है। दरअसल, भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में समाजवादी पार्टी की मान्यता रद्द करने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की है। इस अर्जी पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया है।
भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की जानकारी वेबसाइट, सोशल मीडिया, प्रिंट एवं टीवी मीडिया पर नहीं दी गई है। यह निर्वाचन आयोग और सुप्रीम कोर्ट के दिए गए फैसले की अवमानना है। ऐसे में समाजवादी पार्टी समेत ऐसे सभी दलों का पंजीकरण खत्म होना चाहिए, जो अपने उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास का खुलासा नहीं करते हैं। याचिकाकर्ता ने गैंगस्टर ऐक्ट में जेल गए सपा के प्रत्याशी रहे नाहिद हसन का जिक्र किया।
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इस याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कैराना से सपा ने नाहिद हसन को चुनावी मैदान में उतारने घोषणा की है। उनका आरोप है कि हसन एक गैंगस्टर है लेकिन सपा ने इस उम्मीदवार के आपराधिक रिकॉर्ड को समाचार पत्र, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में प्रकाशित-प्रसारित नहीं किया।
यही नहीं उनके चयन की वजह भी नहीं बताई। याचिकाकर्ता का कहना है कि उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी नहीं देना उच्चतम न्यायालय के फरवरी 2020 के फैसले के खिलाफ है। उपाध्याय का कहना है कि अपने फैसले में शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करते वक्त राजनीतिक दलों के लिए संबंधित व्यक्ति का अपराधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक करना अनिवार्य है।
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सपा प्रत्याशी नाहिद हसन गैंगस्टर एक्ट में वांछित चल रहे थे, जिन्हें 15 जनवरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तार उस वक्त हुई जब नाहिद हसन कलक्ट्रेट में अपने नामांकन से संबंधित काम के लिए जा रहे थे। इस दौरान पुलिस ने हसन को कैराना शामली मार्ग पर गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने हसन को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।