Navratri : काशी नगर निगम ने 1 अप्रैल से शुरू होने वाली नवरात्रि (Navratri) के दौरान और 31 मार्च को पड़ने वाली ईद पर नॉनवेज की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। यह फैसला नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में लिया गया, जिसके बाद हिन्दू संगठनों ने इस कदम का समर्थन किया था। उनका कहना था कि काशी एक धार्मिक नगरी है और नवरात्रि (Navratri) के दौरान शाकाहार को बढ़ावा देना चाहिए। इस निर्णय के तहत पूरे नवरात्रि (30 मार्च से 6 अप्रैल तक) काशी में मटन, चिकन और मछली की दुकाने बंद रहेंगी। इसके साथ ही 31 मार्च को ईद के अवसर पर भी नॉनवेज की दुकाने बंद रहेंगी।
नवरात्रि (Navratri) के दौरान स्वच्छता और सार्वजनिक सुविधाओं पर जोर
मेयर अशोक तिवारी ने कहा कि इस फैसले का उद्देश्य नवरात्रि (Navratri) के दौरान शहर की स्वच्छता और सार्वजनिक सुविधाओं को बेहतर बनाना है। उन्होंने यह भी कहा कि नवरात्रि (Navratri) शुरू होने से पहले सीवर सफाई, स्ट्रीट लाइट्स और सड़कों का निर्माण हो जाना चाहिए। इस फैसले का असर न केवल नवरात्रि पर, बल्कि ईद के त्योहार पर भी पड़ेगा।
विपक्ष ने उठाए सवाल
इस फैसले पर विपक्ष ने आपत्ति जताई है। सपा के पार्षद और नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष, अमरदेव यादव ने कहा कि यह निर्णय कार्यकारिणी बैठक के एजेंडे में नहीं था और इसे बहुमत को थोपने का तरीका बताया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह बीजेपी की नई परिपाटी है, क्योंकि पहले केवल स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती पर ही नॉनवेज की बिक्री पर रोक लगाई जाती थी।
औरंगाबाद का नामकरण मामला
इस बैठक में औरंगाबाद के नाम बदलने का भी प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन इसे फिलहाल रोक दिया गया। नगर निगम ने इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया और कहा कि इसे मिनी सदन में लाया जाएगा।
यह फैसला काशी की धार्मिक पहचान को लेकर चर्चा में है, और इसके राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव पर चर्चा जारी है।Navratri :
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