UP News : उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि जीता तथा साली के बीच बने अवैध सम्बंध को Rape (बलात्कार) नहीं माना जा सकता। उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने साफ कहा कि जीजा तथा साली के बीच Sex सम्बंध बनना अनैतिक कार्य है। कोर्ट ने साफ कहा कि अनैतिकता तथा कानून को एक साथ नहीं जोड़ा जा सकता है। उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट के इस फैसले की पूरे उत्तर प्रदेश में खूब चर्चा हो रही है।
क्या है उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाईकोर्ट को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) कहा जाता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रयागराज (पुराना नाम इलाहाबाद) में स्थापित है। उत्तर प्रदेश के इसी हाईकोर्ट ने रेप (बलात्कार) के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने पत्नी की बहन यानी साली के साथ बलात्कार के मामले में आरोपी पति को राहत दी है। अदालत का कहना है कि भले ही जीजा और साली के बीच रिश्ता अनैतिक है, लेकिन अगर महिला वयस्क है तो इस रिश्ते को बलात्कार नहीं माना जा सकता है। आरोपी को जुलाई 2024 में गिरफ्तार किया गया था और अब उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने उसे जमानत दे दी है।
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उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट के जस्टिस समीर जैन की बेंच रेप के मामले की सुनवाई कर रही थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आवेदक के वकील ने अदालत को बताया कि इस मामले में मुवक्किल के खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने बेंच को जानकारी दी है कि जीजा और साली के बीच अवैध संबंध बने थे और जब इसकी जानकारी सूचनादाता को लगी, तब उन्होंने FIR दर्ज कराई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट को बताया गया था कि कथित पीडि़ता बालिग है और उसने CrPC की धारा 161 के तहत दिए बयान में आरोपों से इनकार किया था। बाद में CrPC की धारा 164 के तहत बयान बदला था और अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन किया था। इधर, जमानत का विरोध कर रहे AGA इस तथ्य से इनकार नहीं कर सके कि कथित पीडि़ता बालिग है और रिकॉर्ड से यह पता नहीं चलता है कि उसने सहमति नहीं दी थी।
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सुनवाई के दौरान अदालत ने आरोपी के खिलाफ लगे आरोप, दोनों पक्षों की दलीलें और इस तथ्य को भी विचार में लिया कि कथित पीडि़ता ने पहले आरोपों से इनकार किया था और बाद में बयान बदला था। साथ ही कहा था कि उसने आवेदक और शादीशुदा शख्स के साथ संबंध बनाए थे।
ऐसे में कोर्ट का कहना है कि रिश्ता अनैतिक है, लेकिन कथित पीड़िता के बालिग होने के चलते इसे बलात्कार नहीं माना जा सकता है। कोर्ट ने इस बात पर भी विचार किया कि आवेदक और पीडि़ता के बीच अवैध संबंध बने थे। आरोपी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहा और उसे जुलाई 2024 में गिरफ्तार किया गया था। इन तथ्यों को ध्यान में रखकर कोर्ट ने आरोपी को जमानत दे दी। उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट के इस फैसले की पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा हो रही है। इस बड़े फैसले पर हर कोई अपने-अपने ढंग से राय दे रहा है।
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