UP News : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए एक सख्त कदम उठाया है। अब यदि भर्ती परीक्षाओं में बायोमीट्रिक सत्यापन में कोई भी गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित एजेंसी पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जाएगा।
नई व्यवस्था की मुख्य बातें:
बायोमीट्रिक सत्यापन में गड़बड़ी पर 10 गुना जुर्माना:
यदि किसी परीक्षा केंद्र पर बायोमीट्रिक सत्यापन में गलती पाई जाती है, तो एजेंसी को परीक्षा में उपस्थित प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए निर्धारित भुगतान राशि का 10 गुना तक जुर्माना देना होगा।
RO/ARO पेपर लीक के बाद सख्ती:
11 फरवरी 2024 को आयोजित RO/ARO प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक की घटना के बाद यह कड़ा कदम उठाया गया है। इसके तहत अब बायोमीट्रिक आइरिस स्कैन और उपस्थिति की अनिवार्यता लागू कर दी गई है।
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर निगरानी की जिम्मेदारी भी एजेंसी पर:
ब्लूटूथ, मोबाइल या अन्य गैजेट्स के साथ केंद्र में प्रवेश रोकने की जिम्मेदारी अब एजेंसी की होगी। यदि कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पकड़ा गया तो भी एजेंसी पर जुर्माना लगेगा।
जुर्माना होगा गड़बड़ी की संख्या के आधार पर:
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1 अभ्यर्थी पकड़े जाने पर – 10 गुना जुर्माना
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2 अभ्यर्थी – 20 गुना
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3 अभ्यर्थी – 30 गुना
इस तरह हर अतिरिक्त गड़बड़ी के साथ जुर्माने की राशि बढ़ती जाएगी।
ब्लैकलिस्ट और FIR की भी व्यवस्था:
गंभीर गड़बड़ियों की स्थिति में एजेंसी को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा और संबंधित अभ्यर्थियों पर एफआईआर भी दर्ज की जाएगी।
तीन लाख रुपये का जुर्माना भी लग चुका है:
हाल ही की एक परीक्षा में एक अभ्यर्थी के पास ब्लूटूथ डिवाइस मिलने पर परीक्षा में उपस्थित सभी छात्रों की संख्या के आधार पर संबंधित एजेंसी पर ₹3 लाख का जुर्माना लगाया गया।
बायोमीट्रिक सिस्टम की पूर्ण जिम्मेदारी एजेंसी की:
एजेंसी को यह सुनिश्चित करना होगा कि:
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सभी बायोमीट्रिक डिवाइस सही ढंग से कार्य करें
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प्रत्येक अभ्यर्थी की स्कैनिंग ठीक से हो
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कोई भी अवांछित डिवाइस केंद्र में प्रवेश न कर पाए UP News :
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