UP News : उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद निवासी गैंगस्टर अनुराग दुबे उर्फ डब्बन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि पुलिस को संवेदनशीलता दिखानी चाहिए, न कि केवल अपनी शक्ति का आनंद लेना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि अगर याचिकाकर्ता को किसी प्रकार की चोट पहुंचाई गई, तो ऐसे आदेश पारित होंगे, जो पूरी जिंदगी याद रहेंगे।
कौन है अनुराग दुबे उर्फ डब्बन?
अनुराग दुबे फर्रुखाबाद का कुख्यात गैंगस्टर है। उस पर धोखाधड़ी, मारपीट और जालसाजी जैसे गंभीर आरोपों के साथ-साथ एनएसए और गुंडा एक्ट के तहत भी केस दर्ज हैं। उसके भाई अनुपम दुबे, जो बसपा नेता है, पर भी हत्या समेत कई संगीन मामले दर्ज हैं। इन दोनों भाइयों पर आरोप है कि वे एक बड़ा गैंग चलाते हैं और क्षेत्र में दहशत फैलाते हैं। उनका करीब 100 करोड़ रुपये से अधिक का साम्राज्य बताया जाता है। वर्तमान में अनुपम दुबे मथुरा जेल में बंद है, जबकि अनुराग कई महीनों से फरार है।
पुलिस कार्रवाई और अनुराग की याचिका
पुलिस ने अनुराग दुबे के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज किए हैं। संपत्तियों की कुर्की से लेकर उसे पकड़ने की कोशिशें जारी हैं। पुलिस द्वारा घर पर कुर्की का नोटिस चस्पा किए जाने के बाद अनुराग ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की। 28 नवंबर को, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और उज्जवल भुयान की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। UP News
अनुराग की सुरक्षा सुनिश्चित
कोर्ट ने कहा कि बिना पूर्व अनुमति के पुलिस उसे किसी भी मामले में गिरफ्तार नहीं कर सकती। अनुराग को जांच अधिकारी द्वारा दिए गए किसी भी नोटिस का पालन करने का निर्देश दिया गया। कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि आज के युग में केवल पत्र भेजना क्यों पर्याप्त माना जा रहा है? फोन और अन्य आधुनिक तरीकों से संपर्क करने की बात कही। कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आप हर बार एक ही व्यक्ति पर इतने सारे मुकदमे क्यों दर्ज कर रहे हैं?
कोर्ट का आदेश
बिना अदालत की अनुमति के पुलिस कोई नया मामला दर्ज नहीं करेगी। कोर्ट की पूर्व अनुमति के बिना अनुराग को किसी मामले में गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। साथ ही अनुराग को नोटिस का पालन करने और समय पर जांच में शामिल होने का निर्देश दिया गया। UP News