Sanskrit : त्वं ताँ इन्द्रोभयाँ अमित्रान्दासा वृत्राण्यार्या च शूर।
वधीर्वनेव सुधितेभिरत्कैरा पृत्सु दर्षि नृणां नृतम॥ ऋग्वेद ६-३३-३॥
Hindi : हे राजन! आप अच्छे और दुष्ट मनुष्यों में अंतर करो। अच्छे मनुष्यों की सहायता करो और दुष्ट मनुष्यों को उस तरह से दूर करो जैसे हरे पेड़ से सूखी लकड़ी को तोड़कर दूर किया जाता है। (ऋग्वेद ६-३३-३)
English : O Rajan! You differentiate between good and wicked people. Help good people and drive away the wicked ones, like plucking dry wood from a green tree. (Rig Veda 6-33-3)
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भारत
चेतना मंच
19 Jan 2022 05:57 PM
Sanskrit : त्वं ताँ इन्द्रोभयाँ अमित्रान्दासा वृत्राण्यार्या च शूर।
वधीर्वनेव सुधितेभिरत्कैरा पृत्सु दर्षि नृणां नृतम॥ ऋग्वेद ६-३३-३॥
Hindi : हे राजन! आप अच्छे और दुष्ट मनुष्यों में अंतर करो। अच्छे मनुष्यों की सहायता करो और दुष्ट मनुष्यों को उस तरह से दूर करो जैसे हरे पेड़ से सूखी लकड़ी को तोड़कर दूर किया जाता है। (ऋग्वेद ६-३३-३)
English : O Rajan! You differentiate between good and wicked people. Help good people and drive away the wicked ones, like plucking dry wood from a green tree. (Rig Veda 6-33-3)
Sanskrit : स सर्गेण शवसा तक्तो अत्यैरप इन्द्रो दक्षिणतस्तुराषाट्।
इत्था सृजाना अनपावृदर्थं दिवेदिवे विविषुरप्रमृष्यम्॥ ऋग्वेद ६-३२-५॥
Hindi : हे इंद्रियों पर विजय प्राप्त करने वाले मनुष्य! आप अपने अंदर त्याग और बल को उत्पन्न करके सतत क्रियाशील होकर सरलता से अपने कर्मों को करते रहो। अपने हिंसक शत्रु पर विजय प्राप्त करो और लौकिक वासनाओं के सामने झुको नहीं। आप मुक्ति प्राप्त करने के मार्ग पर चलते रहो। (ऋग्वेद ६-३२-५)
English : O man, who conquers the Indriyan! By generating renunciation and strength within yourself, be swiftly act and do your deeds with ease. Conquer your violent enemy and do not bow down to worldly lusts. May you continue on the path of attaining salvation. (Rig Veda 6-32-5)
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चेतना मंच
01 Dec 2025 11:42 AM
Sanskrit : स सर्गेण शवसा तक्तो अत्यैरप इन्द्रो दक्षिणतस्तुराषाट्।
इत्था सृजाना अनपावृदर्थं दिवेदिवे विविषुरप्रमृष्यम्॥ ऋग्वेद ६-३२-५॥
Hindi : हे इंद्रियों पर विजय प्राप्त करने वाले मनुष्य! आप अपने अंदर त्याग और बल को उत्पन्न करके सतत क्रियाशील होकर सरलता से अपने कर्मों को करते रहो। अपने हिंसक शत्रु पर विजय प्राप्त करो और लौकिक वासनाओं के सामने झुको नहीं। आप मुक्ति प्राप्त करने के मार्ग पर चलते रहो। (ऋग्वेद ६-३२-५)
English : O man, who conquers the Indriyan! By generating renunciation and strength within yourself, be swiftly act and do your deeds with ease. Conquer your violent enemy and do not bow down to worldly lusts. May you continue on the path of attaining salvation. (Rig Veda 6-32-5)
Sanskrit : त्वद्भियेन्द्र पार्थिवानि विश्वाच्युता चिच्च्यावयन्ते रजांसि।
द्यावाक्षामा पर्वतासो वनानि विश्वं दृळ्हं भयते अज्मन्ना ते॥ ऋग्वेद ६-३१-२॥
Hindi : हे परमेश्वर! आपके डर से पृथ्वीलोक, द्युलोक, आदि जिनका अपने स्थान से हिलना भी कठिन है। वह भी आप की व्यवस्था के अनुसार क्रियाशील होते हैं। समस्त संसार प्रभु के शासन में ही चलता है। (ऋग्वेद ६-३१-२)
English : O God! Due to your fear, Prithviloka, Dulok, etc., which are difficult to move from their own place. They also move according to your system. The whole world runs under your rule. (Rig Veda 6-31-2)
भारत
चेतना मंच
29 Nov 2025 12:00 PM
Sanskrit : त्वद्भियेन्द्र पार्थिवानि विश्वाच्युता चिच्च्यावयन्ते रजांसि।
द्यावाक्षामा पर्वतासो वनानि विश्वं दृळ्हं भयते अज्मन्ना ते॥ ऋग्वेद ६-३१-२॥
Hindi : हे परमेश्वर! आपके डर से पृथ्वीलोक, द्युलोक, आदि जिनका अपने स्थान से हिलना भी कठिन है। वह भी आप की व्यवस्था के अनुसार क्रियाशील होते हैं। समस्त संसार प्रभु के शासन में ही चलता है। (ऋग्वेद ६-३१-२)
English : O God! Due to your fear, Prithviloka, Dulok, etc., which are difficult to move from their own place. They also move according to your system. The whole world runs under your rule. (Rig Veda 6-31-2)