Jahangirpuri Case: जहांगीरपुरी में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश, SC में 15 दिन बाद होगी सुनवाई

Jahangirpuri Case : राजधानी दिल्ली में 16 अप्रैल के दिन शोभायात्रा के दौरान जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा मामले में आज, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। दरअसल, ये सुनवाई जहांगीरपुरी में बुधवार को एमसीडी (MCD) की अवैध कब्जों पर हुई कार्रवाई पर आज हो रही है। कोर्ट ने फ़िलहाल जहांगीरपुरी में यथास्थिति बरकरार रखने को कहा है। साथ ही एमसीडी को एक हलफनामा देने को भी कहा है। अगली सुनवाई दो हफ्ते के बाद होगी।
Jahangirpuri Case
सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में सुनवाई अगले 15 दिन के लिए टाल दी है। तब तक के लिए कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों से जवाब मांगा है। कोर्ट ने ये भी कहा कि सभी लोग एक दूसरे की दलीलों पर जवाब दें। हम सभी याचिकाओं पर नोटिस कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि हमारे आदेश के बाद भी कार्रवाई चलती रही है, तो हम इसे भी गंभीरता से लेते हैं। कोर्ट ने साफ किया कि यथास्थिति का आदेश सिर्फ दिल्ली के लिए है।
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत दवे ने बहस की शुरुआत की। दवे बोले कि यह नेशनल इम्पोर्टेन्ट का मामला है। इस पर कोर्ट ने दवे से पूछा कि आप अगर जहांगीरपुरी मामले में पेश हो रहे हैं, तो इसमें नेशनल इम्पोर्टेन्ट क्या है? जस्टिस नागेश्वर राव ने उनसे कहा कि इसमें राष्ट्रीय का मुद्दा क्या है? यह एक इलाके से सम्बन्ध से जुड़ा मामला है। राष्ट्रीय मुद्दा अगली याचिका में है।
जहांगीरपुरी बुलडोजर मामले पर वकील दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस कार्रवाई के जरिए समाज के एक तबके को निशाना बनाया जा रहा। दवे ने पक्ष रखते हुए कहा, एमसीडी को जब पता चला कि हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं, तो इन्होंने ने सुबह 9 बजे से ही निर्माण ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस दौरान दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली एक्ट को भी पढ़ा।
याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत दवे ने कहा, यह देश संविधान और कानून के शासन से चलता है। जिस जगह कार्रवाई हुई वहां 30 साल से ज्यादा पुरानी दुकानें हैं। जे.जे कॉलोनी, स्लम एरिया, गांव आदि के लिए नियम-कानून बनाए गए हैं। इस दौरान उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष की चिट्ठी को देश के हालात की दुखद कमेंट्री बताया। याचिकाकर्ताओं के मुस्लिमों को टारगेट करने के सवाल पर सॉलिसिटर जनरल ने इसका जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में मुस्लिमों से ज्यादा हिंदुओं के घर गिराए गए हैं।
Jahangirpuri Case : राजधानी दिल्ली में 16 अप्रैल के दिन शोभायात्रा के दौरान जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा मामले में आज, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। दरअसल, ये सुनवाई जहांगीरपुरी में बुधवार को एमसीडी (MCD) की अवैध कब्जों पर हुई कार्रवाई पर आज हो रही है। कोर्ट ने फ़िलहाल जहांगीरपुरी में यथास्थिति बरकरार रखने को कहा है। साथ ही एमसीडी को एक हलफनामा देने को भी कहा है। अगली सुनवाई दो हफ्ते के बाद होगी।
Jahangirpuri Case
सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में सुनवाई अगले 15 दिन के लिए टाल दी है। तब तक के लिए कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों से जवाब मांगा है। कोर्ट ने ये भी कहा कि सभी लोग एक दूसरे की दलीलों पर जवाब दें। हम सभी याचिकाओं पर नोटिस कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि हमारे आदेश के बाद भी कार्रवाई चलती रही है, तो हम इसे भी गंभीरता से लेते हैं। कोर्ट ने साफ किया कि यथास्थिति का आदेश सिर्फ दिल्ली के लिए है।
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत दवे ने बहस की शुरुआत की। दवे बोले कि यह नेशनल इम्पोर्टेन्ट का मामला है। इस पर कोर्ट ने दवे से पूछा कि आप अगर जहांगीरपुरी मामले में पेश हो रहे हैं, तो इसमें नेशनल इम्पोर्टेन्ट क्या है? जस्टिस नागेश्वर राव ने उनसे कहा कि इसमें राष्ट्रीय का मुद्दा क्या है? यह एक इलाके से सम्बन्ध से जुड़ा मामला है। राष्ट्रीय मुद्दा अगली याचिका में है।
जहांगीरपुरी बुलडोजर मामले पर वकील दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस कार्रवाई के जरिए समाज के एक तबके को निशाना बनाया जा रहा। दवे ने पक्ष रखते हुए कहा, एमसीडी को जब पता चला कि हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं, तो इन्होंने ने सुबह 9 बजे से ही निर्माण ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस दौरान दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली एक्ट को भी पढ़ा।
याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत दवे ने कहा, यह देश संविधान और कानून के शासन से चलता है। जिस जगह कार्रवाई हुई वहां 30 साल से ज्यादा पुरानी दुकानें हैं। जे.जे कॉलोनी, स्लम एरिया, गांव आदि के लिए नियम-कानून बनाए गए हैं। इस दौरान उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष की चिट्ठी को देश के हालात की दुखद कमेंट्री बताया। याचिकाकर्ताओं के मुस्लिमों को टारगेट करने के सवाल पर सॉलिसिटर जनरल ने इसका जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में मुस्लिमों से ज्यादा हिंदुओं के घर गिराए गए हैं।







