NIA Action Against Khalistani Terrorists : एनआईए खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ एक्शन में, उनके विरुद्ध शुरू की गई कार्यवाही

NIA Action Against Khalistani Terrorists
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 09:56 AM
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NIA Action Against Khalistani Terrorists : कनाडा और भारत में बढ़ते विवाद के बीच खालिस्तानी आतंकवादी और प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू की संपत्ति जब्त करने के बाद अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने विदेश में रह रहे दूसरे खालिस्तानियों पर भी कार्रवाई करने की तैयारी में है। इन आतंकियों पर आरोप है कि यह विदेशों में रहकर भारत विरोधी गतिविधियां चला रहे हैं। सूत्रों ने बताया है कि एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) की धारा 33(5) के तहत 19 खालिस्तानी आतंकवादियों की संपत्तियों को जब्त करने का फैसला किया है। एनआईए की ओर से उन आतंकियों की लिस्ट भी जारी की गई है।

कौन है पन्नू जिसके खिलाफ एनआईए ने की है कार्यवाही

गुरपतवंत सिंह पन्नू खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस का संस्थापक है। वो अक्सर भारत के खिलाफ बयानबाजी करता है। 2020 में भारत सरकार ने पन्नू को UAPA के तहत आतंकवादी घोषित कर दिया था। एनआईए ने पन्नू के खिलाफ कार्रवाई के बाद प्रेस को इसकी जानकारी दी। NIA Action Against Khalistani Terrorists गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कनाडा में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोगों को देश छोड़कर जाने की धमकी दी है। पन्नू के खिलाफ भारत में राजद्रोह सहित कई मामलों में केस दर्ज हैं। उस पर पंजाब में 6 जुलाई, 2017 से लेकर 28 अगस्त, 2022 तक आतंकवाद और देशद्रोह सहित कई धाराओं में कुल 22 मामले दर्ज किए गए।

NIA Action Against Khalistani Terrorists : भगोड़े आतंकियों की लिस्ट में ये नाम हैं शामिल

एनआईए ने गुरपतवंत सिंह पन्नू की संपत्तियों को जब्त करने के बाद अब 19 अन्य भगोड़े आतंकवादियों पर कार्यवाही करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब इन आतंकियों की भारत व अन्य देशों की संपत्तियों को जब्त किया जाएगा। यह भगोड़े आतंकी यूके, यूएस, कनाडा और यूएई में रह रहे हैं। इन आतंकियों के तहत यूएपीए (UAPA) के तहत कार्रवाई की जाएगी। एनआईए की भगोड़ों की इस लिस्ट में ब्रिटेन में छिपे परमजीत सिंह पम्मा, पाकिस्तान में छिपे वाधवा सिंह बब्बर उर्फ चाचा, ब्रिटेन में छिपे कुलवंत सिंह मुथरा, अमेरिका में छिपे जय धालीवाल, ब्रिटेन में छिपे सुखपाल सिंह, अमेरिका में छिपे हरप्रीत सिंह उर्फ राणा सिंह, ब्रिटेन में छिपे सरबजीत सिंह बेन्नूर, ब्रिटेन में छिपे कुलवंत सिंह उर्फ कांता के नाम हैं। इसके अलावा अमेरिका में छिपे हरजाप सिंह उर्फ जप्पी सिंह, पाकिस्तान में छिपे रणजीत सिंह नीटा, ब्रिटेन में छिपे गुरुमीत सिंह उर्फ बग्गा उर्फ बाबा, ब्रिटेन में छिपे गुरप्रीत सिंह उर्फ बाघी, यूएई में छिपे जसमीत सिंह हकीमजादा, ऑस्ट्रेलिया में छिपे गुरजंत सिंह ढिल्लों, कनाडा में छिपे लखबीर सिंह रोडे, अमेरिका में छिपे अमरदीप सिंह पूरेवाल, कनाडा में छिपे जतिंदर सिंह ग्रेवाल, ब्रिटेन में छिपे दुपिंदर जीत, अमेरिका में छिपे एस हिम्मत सिंह के नाम शामिल हैं।

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India’s Reply in UN : यूएन में भारत का पाक को करारा जवाब, भारतीय प्रवक्ता ने पाकिस्तान की बोलती बंद कर दी

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India's Reply in UN : यूएन में भारत का पाक को करारा जवाब, भारतीय प्रवक्ता ने पाकिस्तान की बोलती बंद कर दी

पेटल गहलोत
India's Reply in UN
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 02:56 PM
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India's Reply in UN : पाकिस्तान ने कल यूएन में फिर से कश्मीर का राग अलापा था। आज भारत की ओर से पाकिस्तान को उसकी इस नीच हरकत का मुंह तोड़ जवाब दिया गया। संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली (UN General Assembly) में भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए, आतंकवाद की दुकान बंद करने और अवैध तरीके से कब्जाए पीओके को खाली करने को कहा है। इसके अलावा पाकिस्तान को उसके यहां अल्पसंख्यकों और महिलाओं के हालात भी याद दिलाए गए।

भारत ने दिया पाक को मुंह तोड़ जवाब

भारत ने पाकिस्तान की ओर से कल दिए गए उसके बयान पर आज करारा जवाब दिया। भारत की ओर बोलते हुए पेटल गहलोत ने कहा, "पाकिस्तान की आदत है कि वह बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए करता है। हम फिर दोहराते हैं जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है।" आगे इस मसले पर UNGA में बोलते हुए भारतीय प्रवक्ता पेटल गहलोत (Petal Gehlot) ने कहा "केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से जुड़ा हर मामला भारत का आंतरिक विषय है। पाकिस्तान के पास हमारे घरेलू मामलों में टिप्पणी का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें अपने यहां के हालत देखने चाहिए।"

India's Reply in UN : पीओके (POK) खाली करे पाकिस्तान

पाक पीएम अनवर उल हक काकर (Anwar Ul Haq Kakar) ने कश्मीर को लेकर बयान दिया था। उसके जवाब में पाकिस्तान के खिलाफ सख्त बयान देते हुए भारत की प्रवक्ता पेटल गहलोत ने आगे कहा, "पाकिस्तान उन लोगों को संरक्षण देता है, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी घोषित किया गया है।" उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि "पाकिस्तान दक्षिण एशिया में शांति बनाने के लिए तीन कदम उठाए। पहला सीमा पर आतंकवाद रोके, दूसरा जबरन कब्जाए गए भारतीय इलाके पीओके को खाली करे और तीसरा पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को रोके।" India's Reply in UN

पाक में अल्पसंख्यकों और महिलाओं की स्थिति याद दिलाई

पाक द्वारा कश्मीरियों की चिंता जताने पर पेटल गहलोत ने पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों और महिलाओं की स्थिति याद दिलाते हुए कहा, "संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश और अन्य बहुपक्षीय संगठन अच्छी तरह जानते हैं कि पाकिस्तान का रिकॉर्ड मानवाधिकारों पर बेहद खराब है। इससे ध्यान भटकाने के लिए वह ऐसा करता है।" साथ ही उन्होंने पाकिस्तान में अगस्त महीने में चर्चों पर हुए हमलों और अल्पसंख्यक महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों पर भी प्रकाश डाला। पेटल गहलोत ने कहा "पाकिस्तान को पहले अपना घर संभालना चाहिए, जहां चर्चों पर हमले हो रहे हैं। अल्पसंख्यक लोगों पर जुल्म ढाए जा रहे हैं। अल्पसंख्यक लड़कियों का जबरन अपहरण, धर्म परिवर्तन की घटनाएं बढ़ रही हैं।"

पाकिस्तान ने फिर अलापा कश्मीर का राग

हिंदी में कहावत है कि 'कुत्ते की दुम कभी सीधी नहीं होती, वो टेढ़ी ही टेढ़ी ही रहती है', हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का भी वही हाल है। हर बार मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली (UN General Assembly) में पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर ने एक बार फिर कश्मीर का रोना रोया था। आज भारत के करारे जवाब से उसकी बोलती बंद हो गई।

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India And Canada Dispute : कनाडा के नागरिकों को भारत का वीजा नहीं मिलेगा, भारत ने फिलहाल सेवा लंबित की

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International sign language day 2023: अंतराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस 2023 की थीम है ये , जानें इस दिन का इतिहास

WhatsApp Image 2023 09 22 at 11.18.01 PM
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 12:53 AM
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अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस 2023: साइन लैंग्वेज भी एक कमाल की भाषा है। इसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से बिना बोले ही सब कुछ कह जाता है। इसमें आप संकेतों के इस्तेमाल करके सामने वाले को अपनी बात समझाते हैं। हाथों पैरों और चेहरे के हाव भाव से जो बातचीत की जाती है उसी को साइन लैंग्वेज कहते हैं। इसे आमतौर पर हम सांकेतिक भाषा के रूप में जानते हैं। ये भी बाकी लैंग्वेजेज की तरह ही है। इसके भी व्याकरण और नियम आदि होते हैं। ये भाषा मुख्यतः मूक बधिर लोगों के लिए होती है। जो बोल नहीं सकते या फिर सुन नहीं सकते, उनके लिए विशेष तौर पर इस भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में इस भाषा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए 23 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस (International sign language day) मनाया जाता है। आइये जानते हैं कि इसको मनाने की शुरुआत कैसे हुई और इस साल इसकी थीम क्या है।

सांकेतिक भाषा का इतिहास;-

इस खास दिन को मनाने की घोषणा पहली बार संयुक्त राष्ट्र ने 23 सितंबर, 2018 में की थी। हम आप सभी की जानकारी के लिए बता दें कि विश्व मूक फाउंडेशन की स्थापना 1951 में 23 सितंबर में की गई थी। बस इसी के उपलक्ष्य में ही 2018 से सांकेतिक भाषा दिवस के तौर पर इसे मनाया जाने लगा है।

International sign language day 2023 Theme :अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस 2023 थीम-

हर साल 23 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस मनाया जाता है। इनका उद्देश्य है लोगों को सांकेतिक भाषा के बारे में बताना और इसको लेकर उनमें जागरूक पैदा करना। साइन लैंग्वेज एक ऐसी लैंग्वेज है जिसमें आपकी हरकतों से सामने वाला व्यक्ति आपकी भावनाओं को समझता है। ऐसे में इसकी भी व्याकरण होते, बाकी भाषाओं की तरह अलग नियम होते हैं। हर साल इस दिन के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है। साल 2023 में इसकी थीम "A World Where Deaf People Everywhere Can Sign Anywhere!" रखी गई है। जिसका शाब्दिक अर्थ है -"एक ऐसी दुनिया जहां हर जगह बधिर लोग कहीं भी हस्ताक्षर कर सकते हैं!"

International Olympic Day: नई थीम और नए उद्देश्य के साथ इस वर्ष मनाया जा रहा अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस