2026 में खेती बनेगी मुनाफे की मशीन, ये 5 फसलें बदल देंगी किसानों की किस्मत

खेती का भविष्य अब बदल चुका है। जो किसान आज स्मार्ट फैसले लेगा, वही 2026 में मुनाफे की दौड़ में सबसे आगे होगा। सही फसल चुनिए और सही जानकारी लीजिए और खेती को बिजनेस की तरह अपनाइए।

Farming in 2026
खेती में बड़ा बदलाव (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar29 Dec 2025 02:34 PM
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बता दें कि एक समय था जब खेती को केवल मेहनत और पसीने से जोड़ा जाता था, लेकिन अब तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। आज के दौर में खेती भी एक हाई-प्रॉफिट बिजनेस मॉडल बनती जा रही है। सही फसल, सही तकनीक और सही बाजार की समझ हो, तो किसान भी लाखों-करोड़ों की कमाई कर सकता है। जो कि विशेषज्ञों के अनुसार, साल 2026 तक भारत की खेती पूरी तरह बिजनेस मॉडल में तब्दील हो जाएगी। ऐसे में अगर किसान आज भी सिर्फ गेहूं-धान तक सीमित हैं, तो वे पीछे रह सकते हैं। बाजार अब सेहत, क्वालिटी और वैल्यू एडिशन की तरफ बढ़ चुका है।

आइए जानते हैं वो 5 खेती, जो 2026 तक किसानों को बना सकती हैं मुनाफे की मशीन।

1. ड्रैगन फ्रूट (कमलम फल) की खेती

ड्रैगन फ्रूट की डिमांड भारत में तेजी से बढ़ रही है। पहले यह फल विदेशों से आयात किया जाता था, लेकिन अब सरकार भी इसकी खेती को बढ़ावा दे रही है और सब्सिडी उपलब्ध करा रही है।

जाने क्यों है फायदेमंद:

  • एक बार लगाया गया पौधा 20–25 साल तक फल देता है
  • बहुत कम पानी की जरूरत
  • बंजर जमीन पर भी बेहतर उत्पादन

कमाई का गणित: एक एकड़ में करीब 1800–2000 पौधे लगाए जा सकते हैं, जिससे 1 से 2 लाख रुपये तक का शुद्ध मुनाफा संभव है। 2026 तक इसके एक्सपोर्ट की मांग और बढ़ने की उम्मीद है।

2. औषधीय पौधों की खेती

पूरी दुनिया आज आयुर्वेद और प्राकृतिक इलाज की तरफ लौट रही है। दवा कंपनियां अब सीधे किसानों से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कर रही हैं।

प्रमुख औषधीय फसलें:

  • अश्वगंधा
  • तुलसी
  • सतावरी

फायदे:

  • लागत कम
  • जड़ और बीज दोनों की अच्छी कीमत
  • पारंपरिक फसलों से 3–4 गुना ज्यादा मुनाफा

संभावित कमाई: एक एकड़ से 1–2 लाख रुपये या उससे अधिक की कमाई संभव। 2026 तक हेल्थ इंडस्ट्री में इसकी मांग चरम पर रहने की संभावना है।

3. श्री अन्न (मिलेट्स) – बाजरा, रागी और ज्वार

सरकार अब मोटे अनाज को ‘श्री अन्न’ के नाम से प्रमोट कर रही है। शहरों में हेल्दी डाइट के चलते मिलेट्स की डिमांड तेजी से बढ़ रही है।

जाने क्यों है खास:

  • कम पानी में भी बेहतर उत्पादन
  • खराब मौसम में भी सुरक्षित फसल
  • बिस्किट, नमकीन और हेल्थ ड्रिंक्स में बढ़ता उपयोग

कमाई: एक एकड़ से 1 से 2 लाख रुपये तक की आमदनी संभव।

4. चंदन और महोगनी की खेती

जिन किसानों के पास अतिरिक्त या खाली जमीन है, उनके लिए यह खेती फ्यूचर इन्वेस्टमेंट की तरह है।

फायदे:

  • महोगनी की लकड़ी की भारी मांग
  • जहाज, फर्नीचर और इंटीरियर में उपयोग

रिटर्न: आज लगाया गया एक पौधा 12–15 साल बाद लाखों रुपये का हो सकता है। एक पेड़ से 1 से 10 लाख रुपये तक की कमाई संभव मानी जाती है।

5. मशरूम की खेती (बिना खेत वाली खेती)

मशरूम की खेती उन किसानों के लिए बेहतरीन विकल्प है जिनके पास जमीन कम है।

खास बातें:

  • छोटे कमरे में भी खेती संभव
  • 30–40 दिनों में फसल तैयार
  • होटल और रेस्टोरेंट्स में लगातार डिमांड

फायदा: कम समय में पैसा हाथ में आता है और जोखिम भी कम होता है।

किसानों के लिए जरूरी 3 खास टिप्स

अगर आप 2026 में खेती से बड़ा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो इन बातों को जरूर अपनाएं:

  1. मिट्टी की जांच: बिना जांच के महंगी खेती शुरू न करें
  2. डायरेक्ट मार्केटिंग: बिचौलियों से बचें, डिजिटल मंडी और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें
  3. ट्रेनिंग: नई खेती से पहले नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) से प्रशिक्षण जरूर लें


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कांग्रेस का 140वां स्थापना दिवस, खरगे ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस के 140वां स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, संविधान, लोकतंत्र और जनता के अधिकार खतरे में हैं। उन्होंने जल, जंगल और जमीन के संरक्षण पर भी चिंता जताई और मनरेगा सहित अन्य नीतियों पर सरकार की आलोचना की।

कांग्रेस 140वां स्थापना दिवस
मल्लिकार्जुन खरगे का मोदी सरकार पर हमला
locationभारत
userअसमीना
calendar28 Dec 2025 12:40 PM
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कांग्रेस ने 28 दिसंबर 1885 को मुंबई में स्थापना पाई थी और इस साल पार्टी का 140वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, आज संविधान और लोकतंत्र खतरे में हैं और मोदी सरकार संवैधानिक संस्थाओं और जन अधिकारों को कमजोर कर रही है। खरगे ने जल, जंगल और जमीन के संरक्षण को लेकर भी चिंता व्यक्त की।

कांग्रेस स्थापना दिवस समारोह

कांग्रेस का ध्वजारोहण समारोह इंदिरा भवन में आयोजित किया गया। इस अवसर पर संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। खरगे ने कांग्रेस के 140 साल के इतिहास और योगदान को याद करते हुए कहा कि पार्टी हमेशा भारतवासियों के कल्याण, सशक्तिकरण और समावेशी विकास के लिए काम करती रही है।

खरगे का मोदी सरकार पर तीखा हमला

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार ने कांग्रेस की तरफ से बनाई गई संस्थाओं को कमजोर किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने मनरेगा को नष्ट किया, फर्जी आंकड़ों का खेल खेला और पूंजीपतियों के लिए कानून बनाए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जल-जंगल-जमीन खतरे में हैं और जनता के अधिकारों को छिनने की कोशिश की जा रही है।

UPA सरकार और कांग्रेस की उपलब्धियां

खरगे ने याद दिलाया कि जब सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थीं और डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब सरकार ने RTI, RTE, खाद्य सुरक्षा, MGNREGA, वन अधिकार और भूमि अधिग्रहण कानून जैसे महत्वपूर्ण कानून बनाए। इन नीतियों ने लोगों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की।

कांग्रेस का दृष्टिकोण और इतिहास

खरगे ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा समाज को आगे बढ़ाने की सोच रखी है। उन्होंने बताया कि 62 सालों तक करोड़ों कांग्रेसियों ने संघर्ष किया, जेल गए और देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। कांग्रेस का सौभाग्य है कि देश की कई प्रमुख हस्तियां पार्टी से जुड़ी रहीं। महात्मा गांधी के नेतृत्व में गरीब और किसान संघर्ष करते रहे और आजादी दिलाने में अहम योगदान दिया।

संविधान और लोकतंत्र के लिए चिंता

खरगे ने कहा कि आज संविधान और लोकतंत्र खतरे में हैं। RSS और बीजेपी नेताओं ने देश के संविधान, तिरंगा झंडा और वंदे मातरम को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जनता सतर्क नहीं रही तो जल, जंगल और जमीन सहित अन्य संसाधनों पर गंभीर खतरा मंडरा सकता है।

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PMC चुनाव: शरद पवार गुट MVA में लौटने को तैयार

पुणे महानगरपालिका (PMC) चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-SP) ने अजित पवार गुट के साथ संभावित गठबंधन की बातचीत विफल होने के बाद फिर से महाविकास आघाड़ी (MVA) के साथ बातचीत शुरू कर दी है।

Pune Municipal Corporation
PMC चुनाव में नया मोड़ (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar27 Dec 2025 04:56 PM
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पिछले सात दिनों से दोनों एनसीपी गुटों के बीच पीएमसी चुनाव को लेकर गठबंधन पर चर्चा चल रही थी, लेकिन ये वार्ता सफल नहीं हो पाई। सूत्रों के मुताबिक, अजित पवार ने कोई अंतिम निर्णय नहीं दिया और शरद पवार गुट की प्रमुख मांगों को ठुकरा दिया। अजित पवार का कहना था कि शरद पवार गुट के समर्थित उम्मीदवार केवल 'घड़ी' चुनाव चिह्न पर ही चुनाव लड़ें। साथ ही उन्होंने NCP-SP की 68 सीटों की मांग को भी अस्वीकार कर दिया।

अजित पवार ने 68 सीटों का प्रस्ताव ठुकराया

बता दें कि अजित पवार का तर्क था कि 2017 के पीएमसी चुनाव में एनसीपी एकजुट थी, तब केवल 43 सीटें ही जीत पाई थीं, इसलिए 68 सीटें देना व्यावहारिक नहीं है। शरद पवार गुट के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर हम अजित पवार की शर्त मान लेते, तो पुणे शहर में शरद पवार गुट की एनसीपी का अस्तित्व ही मिट जाता। इसलिए यह प्रस्ताव अस्वीकार्य था। शरद पवार गुट की शर्तों को अजित पवार द्वारा ठुकराए जाने के बाद सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल और अन्य वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पीएमसी चुनाव एमवीए के साथ मिलकर लड़ा जाएगा। इस फैसले के बाद पुणे में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी-एसपी के बीच नई वार्ता शुरू हो गई है। वहीं, पिंपरी-चिंचवड़ में दोनों एनसीपी गुटों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की संभावना बनी हुई है।

शरद पवार गुट की एमवीए में वापसी

बता दें कि अजित पवार के साथ गठबंधन की संभावनाओं ने पहले पुणे में एमवीए में दरार पैदा कर दी थी। उस समय कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) एक साथ चुनाव लड़ने का विकल्प सोच रहे थे। लेकिन अब एनसीपी-एसपी की एमवीए में वापसी से तीनों दलों के बीच समन्वय बैठकें फिर से शुरू हो गई हैं। वहीं अजित पवार ने शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे से संपर्क साधा है। सूत्रों के मुताबिक एनसीपी की शिंदे गुट के नेताओं के साथ बातचीत चल रही है, और अजित पवार पुणे में समर्थन हासिल करने के लिए सक्रिय हैं।