वक्फ पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, कुछ प्रावधानों पर लगाई रोक

वक्फ पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, कुछ प्रावधानों पर लगाई रोक
locationभारत
userचेतना मंच
calendar15 Sep 2025 11:40 AM
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सुप्रीम कोर्ट ने आज वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पर बड़ा अंतरिम फैसला सुनाते हुए कुछ अहम धाराओं पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आज वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पर बड़ा अंतरिम फैसला सुनाकर सबकी निगाहें अपने ऊपर खींचा हैं। कोर्ट ने पूरे एक्ट को नहीं रोका, लेकिन कुछ अहम धाराओं पर रोक लगाते हुए यह स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) जहां तक संभव हो मुस्लिम होना चाहिए।    Waqf Amendment Bill

22 मई को सुनवाई के दौरान दलीलों को ध्यान से सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। देशभर में इस कानून को लेकर बहस जोरों पर है और आज का फैसला इस चर्चित मुद्दे में और भी गरमा-गरम मोड़ लेकर आया। सीजेआई ने साफ कहा कि पूरे एक्ट पर रोक का आधार नहीं बनता, लेकिन दो महत्वपूर्ण प्रावधानों को लेकर कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में ‘स्टॉप’ का सिग्नल दे दिया।

दो प्रावधानों पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) कानून में दो अहम प्रावधानों पर रोक लगाकर सभी की निगाहें अपने फैसले पर टिकाई हैं। पहला, अब जिला कलेक्टर यह तय नहीं कर सकेगा कि कोई संपत्ति वक्फ है या नहीं, क्योंकि यह सीधे तौर पर विधायिका और न्यायपालिका के दायरे में हस्तक्षेप माना गया है और ‘शक्तियों के विभाजन’ के सिद्धांत का उल्लंघन करता है। दूसरा, जो प्रावधान कहता था कि वक्फ बनाने के लिए किसी व्यक्ति को कम से कम 5 साल तक इस्लाम धर्म का अनुयायी होना चाहिए, उस पर भी रोक लग गई है। यह रोक तब तक लागू रहेगी जब तक राज्य सरकारें यह तय नहीं कर लेतीं कि कौन इस्लाम का अनुयायी है और कौन नहीं।

पूरे एक्ट पर रोक का कोई आधार नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि पूरे वक्फ संशोधन कानून पर रोक लगाना उचित नहीं होगा। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या तीन से अधिक नहीं हो सकती। शुरुआती जांच में कोर्ट ने पाया कि पूरे कानून को रोकने का कोई ठोस कारण नहीं है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई को सुनवाई के बाद अपना अंतरिम आदेश सुरक्षित रखा था। चीफ जस्टिस बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने लगातार तीन दिनों तक याचिकाकर्ताओं और केंद्र सरकार की दलीलों को ध्यान से सुना, और अब अदालत का यह कदम कानून और धार्मिक संपत्तियों के बीच संतुलन बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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याचिकाकर्ताओं का तर्क

याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि संशोधित वक्फ कानून में वक्फ संपत्तियों को हटाने का अधिकार बहुत ही व्यापक और संभावित रूप से विवादास्पद है। उनका कहना है कि जिला कलेक्टर के माध्यम से संपत्ति का दर्जा बदलना कानून के मूल सिद्धांतों को ताक पर रखता है। साथ ही, वे यह भी मानते हैं कि राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद की सदस्यता सिर्फ मुस्लिमों तक सीमित रहनी चाहिए, सिवाय पदेन (ex-officio) पदों के।

वहीं केंद्र सरकार ने याचिकाकर्ताओं के दावे का विरोध करते हुए कहा कि वक्फ धर्मनिरपेक्ष अवधारणा है और संशोधित कानून पूरी तरह से संविधान के अनुरूप है। सरकार का तर्क है कि भले ही वक्फ इस्लामी परंपरा से जुड़ा हो, यह धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है और इसे केवल धार्मिक अधिकार के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। अदालत में दोनों पक्षों के बीच यह बहस काफी तीव्र और दिलचस्प मोड़ ले रही है।

कानून को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी

वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को 8 अप्रैल को अधिसूचित किया गया। इससे पहले 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे अपनी मंजूरी दी थी। संसद ने भी इसे तेजी से पास किया था—लोकसभा ने 3 अप्रैल और राज्यसभा ने 4 अप्रैल को। अधिसूचना जारी होते ही सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएँ दायर कर दी गईं। अब अदालत ने अंतरिम आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि कानून के मुख्य प्रावधान धारा 3(ग), 3(घ) और 3(ङ) पर रोक रहेगी, जबकि बाकी सभी प्रावधान सामान्य रूप से लागू रहेंगे। इस कदम से कानून और धार्मिक संपत्तियों के बीच संतुलन बनाने की दिशा में अहम संकेत मिले हैं।    Waqf Amendment Bill

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शिखर धवन से उर्वशी रौतेला तक: ईडी की रडार पर कौन-कौन सितारे?

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calendar02 Dec 2025 04:21 AM
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप 1xBet मामले में सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। इस सिलसिले में बॉलीवुड अभिनेत्री उर्वशी रौतेला और पूर्व सांसद मिमी चक्रवर्ती को समन भेजा गया है। इसके पहले, भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन और सुरेश रैना समेत कई हाई-प्रोफाइल हस्तियों से पूछताछ की जा चुकी है।ईडी का यह कदम देश में तेजी से फैल रहे अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क पर लगाम लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि मिमी चक्रवर्ती को 15 सितंबर और उर्वशी रौतेला को 16 सितंबर को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है।    Illegal Betting App Case

क्रिकेट और बॉलीवुड हस्तियों की पूछताछ

इस महीने की शुरुआत में, 4 सितंबर को पूर्व भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन से लगभग आठ घंटे तक पूछताछ की गई। उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था। धवन पर कथित तौर पर 1xBet ऐप से जुड़े विज्ञापनों के जरिए प्रमोशन करने का संदेह था। अगस्त में सुरेश रैना और राणा दग्गुबाती को भी इसी मामले में ईडी के सामने पेश होना पड़ा। एजेंसी ने इस जांच में विजय देवरकोंडा, प्रकाश राज और अन्य 25 मशहूर हस्तियों को शामिल किया है, जिन पर अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को बढ़ावा देने के आरोप हैं।

साउथ इंडस्ट्री के सितारे भी जांच में

ईडी की लिस्ट में राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज, विजय देवरकोंडा के अलावा मांचू लक्ष्मी, प्रणीता, निधि अग्रवाल, अनन्या नागल्ला समेत दक्षिण की कई और अभिनेत्रियां और प्रभावशाली लोग शामिल हैं। जांच में इनसे टैक्स चोरी और निवेशकों को धोखा देने के भी मामले सामने आए हैं। आगे चलकर एजेंसी और भी क्रिकेटर्स और बॉलीवुड सितारों से पूछताछ कर सकती है।

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महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी मामला

साल 2023-24 में महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ने खूब विवाद खड़ा किया था। इसमें छत्तीसगढ़ के बड़े नेता और नौकरशाह भी संदिग्ध रहे, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम भी जुड़ा। हालांकि बघेल ने इस घोटाले से अपना किसी भी तरह का संबंध नकारा है और इसे ‘राजनीतिक आरोप’ बताया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महादेव ऐप से अकेले अनुमानित अवैध आय 6,000 करोड़ रुपए से अधिक रही।

भारत में अवैध सट्टेबाजी का कारोबार

विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में अवैध सट्टेबाजी ऐप का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, जिसका अनुमान 100 अरब डॉलर से अधिक है। डिजिटल इंडिया फाउंडेशन की रिपोर्ट में बताया गया कि केवल चार प्रमुख साइटों पर तीन महीनों में 1.6 बिलियन विज़िट दर्ज की गई। अनुमान है कि 11 करोड़ भारतीय रोजाना इन ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं। प्रमोशन और वित्तीय धोखाधड़ी की वजह से अब तक 1,000 से ज्यादा लोग सुसाइड कर चुके हैं, जिनमें स्कूली छात्र भी शामिल हैं।   Illegal Betting App Case

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छोटी कमाई, बड़ा फायदा: ITR क्यों है आपके लिए गेम-चेंजर ?

छोटी कमाई, बड़ा फायदा: ITR क्यों है आपके लिए गेम-चेंजर ?
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calendar02 Dec 2025 03:11 AM
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इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) सिर्फ टैक्स का मामला नहीं है, बल्कि यह आपके फाइनेंशियल प्रोफाइल और भविष्य के अवसरों के लिए भी बेहद अहम है। 2025-26 का वित्तीय साल खत्म होने वाला है और आपके पास ITR फाइल करने के लिए सिर्फ 15 सितंबर तक का समय बचा है। अगर आप सोच रहे हैं कि ‘मेरी आमदनी कम है, मुझे ITR भरने की जरूरत नहीं’, तो समझ लीजिए कि ये सोच आपको बड़ा नुकसान पहुँचा सकती है। चाहे आपकी सैलरी कितनी भी हो, नियमित रूप से ITR फाइल करने से आप न सिर्फ जिम्मेदार नागरिक साबित होते हैं, बल्कि टैक्स रिफंड, लोन, वीजा और बड़े इंश्योरेंस जैसे कई फायदे भी अपने नाम कर सकते हैं। आज की छोटी मेहनत, कल के बड़े फायदे तय करती है।    ITR Filing Benefits

1. टैक्स रिफंड का मौका

अगर आपकी सैलरी या निवेश पर टैक्स पहले ही कट चुका है और आपकी कमाई टैक्स छूट की सीमा से कम है, तो खुशखबरी ये है कि सरकार आपका पैसा वापस करने के लिए तैयार है! बस एक छोटा सा कदम उठाइए – ITR फाइल कीजिए और अपना रिफंड सुरक्षित कर लीजिए। मतलब, थोड़ी मेहनत और बड़ा फायदा।

2. बिजनेस शुरू करना आसान

अगर आपका सपना अपना बिजनेस शुरू करने का है, तो ITR फाइल करना आपकी पहली स्मार्ट चाल है! हर साल समय पर ITR भरने से आप न सिर्फ जिम्मेदार नागरिक बनते हैं, बल्कि सरकारी कॉन्ट्रैक्ट या बड़े प्रोजेक्ट जीतने के लिए जरूरी पिछले पांच साल का ITR प्रमाणपत्र भी आसानी से दिखा सकते हैं। यानी आज की छोटी मेहनत, कल के बड़े मौके की कुंजी बन सकती है।

3. म्यूचुअल फंड और शेयर के नुकसान में लाभ

अगर आपने म्यूचुअल फंड या शेयर में निवेश किया और नुकसान उठाया, तो घबराइए मत! यह नुकसान अगले साल के लाभ से काटा जा सकता है। उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए इस साल ₹10,000 का नुकसान हुआ और अगले साल ₹20,000 का फायदा हुआ, तो ITR फाइल करने पर सिर्फ ₹10,000 पर टैक्स देना पड़ेगा। यानी, छोटे नुकसान को बड़े फायदे में बदलने का स्मार्ट तरीका सिर्फ ITR है।

4. बड़ा बीमा कवर आसानी से मिलेगा

अगर आप बड़ा टर्म इंश्योरेंस प्लान (₹1 करोड़ या उससे ज्यादा) लेने का सोच रहे हैं, तो ITR आपकी सुपरहिट पासपोर्ट की तरह काम करता है! बीमा कंपनियां इसे देखकर आपकी कमाई, आय का स्रोत और फाइनेंशियल स्थिरता की पुष्टि करती हैं। यानी, ITR फाइल करना सिर्फ टैक्स के लिए नहीं, बल्कि बड़े इंश्योरेंस के दरवाजे खोलने का स्मार्ट तरीका भी है।

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5. वीजा प्रक्रिया में सहूलियत

अगर आप विदेश जाने का सपना देखते हैं, तो ITR आपके लिए पासपोर्ट से भी ज्यादा काम का साबित हो सकता है। कई देशों की वीजा नीतियों में 3 से 5 साल का ITR प्रूफ दिखाना जरूरी होता है। इससे ये साफ़ हो जाता है कि आपकी वित्तीय स्थिति मजबूत और भरोसेमंद है। मतलब, ITR फाइल करना सिर्फ टैक्स का काम नहीं, बल्कि वीज़ा पाने की स्मार्ट स्ट्रैटेजी भी है।

6. लोन लेना आसान

ITR सिर्फ टैक्स का रिकॉर्ड नहीं, बल्कि आपकी आय और उसके स्रोत का पक्का प्रमाण है। होम लोन या कोई बड़ी वित्तीय सुविधा लेने के लिए बैंक अक्सर इसे मांगते हैं। अगर आप नियमित रूप से ITR फाइल करते हैं, तो लोन अप्रूवल की प्रक्रिया तेज़ और आसान हो जाती है। यानी, आज की ITR फाइलिंग कल के बड़े फैसलों को आसान बना सकती है।   ITR Filing Benefits