पेंशन योजना में बड़ा बदलाव! अब NPS-APY में देना होगा नया शुल्क, देखिए पूरा लिस्ट




| उम्मीदवार | कुल वोट | वोट शेयर |
| राजेश कुमार (INC) | 50,822 | 36.61% |
| शर्वन भुइंया (HAM) | 34,169 | 24.61% |
| उम्मीदवार | कुल वोट | वोट शेयर |
| राजेश कुमार (INC) | 50,822 | 36.61% |
| शर्वन भुइंया (HAM) | 34,169 | 24.61% |

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निचार क्षेत्र में अचानक बादल फटने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। तेज बारिश और पानी के बहाव ने इलाके में तबाही मचा दी। तेज बारिश और पानी के बहाव कारण इलाके में कई वाहन बह गए, कुछ मकान क्षतिग्रस्त हुए, लेकिन राहत की बात यह रही कि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। ग्रामीणों ने खतरे को भांपते हुए अपने घरों से निकलकर नजदीकी जंगलों में शरण ली और अपनी जान बचाई। चश्मदीदों के मुताबिक, रात के समय अचानक फटा बादल कुछ ही मिनटों में नाले और जलस्रोत उफान पर ले आए। पानी और मलबे ने सड़कों और घरों में प्रवेश कर अफरातफरी मचा दी। कई वाहन बह गए या मलबे में दब गए। प्रशासन और पुलिस की टीमों ने प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिया। Kinnaur Cloudburst
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, अब तक कुल 606 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग—एनएच-3 (अटारी-लेह मार्ग) और एनएच-503ए (अमृतसर-भोटा मार्ग) भी शामिल हैं। कुल्लू जिले में सबसे ज्यादा 203 सड़कें बंद हैं, जबकि मंडी में 198 और शिमला जिले में 51 सड़कें प्रभावित हुई हैं। इन बंद रास्तों के कारण यातायात ठप हो गया है और ग्रामीणों एवं यात्रियों की परेशानियां बढ़ गई हैं।
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के लिए अगले कुछ दिनों में भी भारी बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया है। हाल ही में शिमला, कांगड़ा, पालमपुर, मुरारी देवी और सुंदरनगर में गरज-चमक के साथ तेज बारिश दर्ज की गई, वहीं ताबो और बजौरा में हवाओं की रफ्तार 33-35 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई। प्रशासन ने नागरिकों से नदी-नाले और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सख्त अपील की है।
इस मानसून सीजन में प्रदेश में अब तक 46 बादल फटने, 98 अचानक बाढ़ और 146 बड़े भूस्खलन की घटनाएं दर्ज हुई हैं। इन आपदाओं और सड़क दुर्घटनाओं में अब तक 424 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 242 मौतें तेज बारिश जैसी प्राकृतिक घटनाओं और 182 सड़क हादसों में हुई हैं। इसके अलावा 481 लोग घायल हुए हैं और 45 लोग अभी भी लापता हैं। राज्य में मौसम और भूस्खलन की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है, और प्रशासन प्रभावित इलाकों में बचाव एवं सतर्कता के प्रयास बढ़ाए हुए है। Kinnaur Cloudburst
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निचार क्षेत्र में अचानक बादल फटने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। तेज बारिश और पानी के बहाव ने इलाके में तबाही मचा दी। तेज बारिश और पानी के बहाव कारण इलाके में कई वाहन बह गए, कुछ मकान क्षतिग्रस्त हुए, लेकिन राहत की बात यह रही कि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। ग्रामीणों ने खतरे को भांपते हुए अपने घरों से निकलकर नजदीकी जंगलों में शरण ली और अपनी जान बचाई। चश्मदीदों के मुताबिक, रात के समय अचानक फटा बादल कुछ ही मिनटों में नाले और जलस्रोत उफान पर ले आए। पानी और मलबे ने सड़कों और घरों में प्रवेश कर अफरातफरी मचा दी। कई वाहन बह गए या मलबे में दब गए। प्रशासन और पुलिस की टीमों ने प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिया। Kinnaur Cloudburst
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, अब तक कुल 606 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग—एनएच-3 (अटारी-लेह मार्ग) और एनएच-503ए (अमृतसर-भोटा मार्ग) भी शामिल हैं। कुल्लू जिले में सबसे ज्यादा 203 सड़कें बंद हैं, जबकि मंडी में 198 और शिमला जिले में 51 सड़कें प्रभावित हुई हैं। इन बंद रास्तों के कारण यातायात ठप हो गया है और ग्रामीणों एवं यात्रियों की परेशानियां बढ़ गई हैं।
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के लिए अगले कुछ दिनों में भी भारी बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया है। हाल ही में शिमला, कांगड़ा, पालमपुर, मुरारी देवी और सुंदरनगर में गरज-चमक के साथ तेज बारिश दर्ज की गई, वहीं ताबो और बजौरा में हवाओं की रफ्तार 33-35 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई। प्रशासन ने नागरिकों से नदी-नाले और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सख्त अपील की है।
इस मानसून सीजन में प्रदेश में अब तक 46 बादल फटने, 98 अचानक बाढ़ और 146 बड़े भूस्खलन की घटनाएं दर्ज हुई हैं। इन आपदाओं और सड़क दुर्घटनाओं में अब तक 424 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 242 मौतें तेज बारिश जैसी प्राकृतिक घटनाओं और 182 सड़क हादसों में हुई हैं। इसके अलावा 481 लोग घायल हुए हैं और 45 लोग अभी भी लापता हैं। राज्य में मौसम और भूस्खलन की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है, और प्रशासन प्रभावित इलाकों में बचाव एवं सतर्कता के प्रयास बढ़ाए हुए है। Kinnaur Cloudburst