Electricity : केंद्र सरकार का नया फरमान, राज्यों को नहीं मिलेगी बिजली

Electricity : केंद्र सरकार का नया फरमान, राज्यों को नहीं मिलेगी बिजली
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 Apr 2023 10:12 PM
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नई दिल्ली। सरकार ने केंद्रीय पूल से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बिजली आवंटन के मानदंड तय किए हैं। इसके तहत केंद्रीय पूल से उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बिजली आवंटित नहीं की जाएगी, जो स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं पर टैक्स लगाएंगे, राज्यों के बीच प्रवाह को बाधित करेंगे और जिन्होंने बिजली शुल्क पर सब्सिडी बकाया नहीं चुकाया है।

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नियामक संपत्ति वाले राज्यों को नहीं मिलेगी बिजली

बिजली मंत्रालय ने एक कार्यालय आदेश में यह भी कहा कि केंद्रीय पूल से बिजली उन राज्यों को आवंटित नहीं की जाएगी, जिनके पास नियामक संपत्ति है। नियामक संपत्ति तब अस्तित्व में आती है, जब बिजली नियामक यह स्वीकार करते हैं कि बिजली उपभोक्ताओं पर लगाए गए शुल्क, वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की बिजली खरीद लागत को पूरा नहीं करते हैं।

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वित्तीय अनुशासन वाले राज्यों को मिलेगी प्राथमिकता

मंत्रालय ने 31 मार्च, 2023 के आदेश में कहा कि केंद्रीय उत्पादन केंद्रों के आवंटित कोटे से बिजली के आवंटन के लिए जब भी किसी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश से अनुरोध मिलेगा, तो इन पहलुओं की जांच की जाएगी। आदेश में कहा गया कि गैर-आवंटित कोटे के लिए ऐसे राज्यों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो वित्तीय अनुशासन का पालन करते हैं और दूसरे राज्यों को बिजली के प्रवाह पर शुल्क लगाने से बचते हैं। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Political : असफल और बेकार गृहमंत्री हैं देवेंद्र फडणवीस : सामना

Political : असफल और बेकार गृहमंत्री हैं देवेंद्र फडणवीस : सामना
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 06:54 PM
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मुंबई। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को असफल गृह मंत्री करार दिया। उसने दावा किया कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है और किसान आत्महत्या कर रहे हैं। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नाम बदलने की चीन की हरकत पर चेतावनी तक नहीं जारी करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा गया।

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चीन को लेकर खामोश क्यों है केंद्र सरकार

सामना में कहा गया कि पाकिस्तान को खोखली धमकियां दी जा रही हैं, लेकिन चीन का क्या, जिसने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की है। इस सप्ताह की शुरुआत में उद्धव ठाकरे ने पार्टी की एक महिला कार्यकर्ता पर ठाणे में प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के कार्यकर्ताओं द्वारा हमला किए जाने के बाद फडणवीस को बेकार गृह मंत्री कहा था।

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उद्धव ने सत्ता के लिए छोड़ दी विचारधार

फडणवीस ने तब पलटवार करते हुए कहा था कि वह एक कारतूस हैं, जबकि ठाकरे एक कमजोर मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने सत्ता के लिए अपनी विचारधारा को छोड़ दिया। उन्हें महत्व देने की जरूरत नहीं है।

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बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भी लगाई थी फटकार

उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में एक अवमानना ​​याचिका की सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी की थी। इस याचिका में महाराष्ट्र सहित कई राज्य प्राधिकारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी, जो कथित रूप से नफरती भाषण देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में नाकाम रहे। न्यायालय ने कहा था कि हम इस अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं, क्योंकि कई राज्य समय पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य पौरुषहीन, शक्तिहीन हो गए हैं और समय पर कार्रवाई नहीं करते हैं। अगर राज्य मौन है तो उसका मतलब ही क्या है? शीर्ष अदालत ने याचिका पर महाराष्ट्र से जवाब तलब करते हुए उसे 28 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध कर दिया था।

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किसानों की आत्महत्या से चिंतित नहीं है सरकार

‘सामना’ में उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा गया ​कि महाराष्ट्र को पौरुषहीन बनाने वाले को बेकार नहीं तो और क्या कहा जाए। संपादकीय में दावा किया गया कि किसान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन सरकार को कोई चिंता नहीं है। राज्य में कानून-व्यवस्था चरमरा रही है। मराठी समाचारपत्र में कहा गया कि आप बेकार हैं या नहीं इसका फैसला आप खुद करें, लेकिन आप एक असफल गृह मंत्री हैं। शासन का मतलब प्रतिशोध लेना नहीं है। आप केंद्रीय एजेंसियों की मदद के बिना कुछ नहीं हैं, जो आपको बारूद देते हैं। भारतीय जनता पार्टी पर ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट से धनुष और बाण का चुनाव चिह्न छीनने का भी आरोप लगाया गया। निर्वाचन आयोग ने इस साल की शुरुआत में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वाले गुट को धनुष और बाण का चुनाव चिह्न दे दिया था। उत्तर प्रदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Political : आठ माह से कतर की​ गिरफ्त में आठ पूर्व नौसैनिक, सरकार मौन क्यों : कांग्रेस

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Eight former marines in Qatar's custody for eight months, why the government is silent: Congress
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 Apr 2023 08:57 PM
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने कतर में गिरफ्तार आठ पूर्व नौसैनिकों के अब तक रिहा नहीं होने पर चिंता जताई है। कांग्रेस ने सवाल किया कि केंद्र सरकार इन लोगों की रिहाई सुनिश्चित करने में असमर्थ क्यों है।

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30 अगस्त 2022 को किया था गिरफ्तार

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि 30 अगस्त 2022 को कतर के अधिकारियों ने भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को गिरफ़्तार किया था, जो कतर नौसेना को प्रशिक्षण देने के कार्य में शामिल थे। आठों को एकांत कारावास में रखा गया है। उन्होंने दावा किया कि भारत सरकार को न तो गिरफ़्तारियों की सूचना दी गई और न ही इनके ख़िलाफ आरोपों के बारे में कोई जानकारी दी गई।

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3 दिन की मशक्कत के बाद आखिर पुलिस ने ढूंढ निकाला महिला का शव

बीते वर्ष नवंबर में ही रिहा हो गया था ओमानी नागरिक

रमेश ने सवाल किया कि भारत सरकार अभी भी इस मामले के तथ्यों का पता लगाने या नौसेना के पूर्व कर्मियों और उनके परिवारों को न्याय के लिए आश्वस्त करने में असमर्थ क्यों है? ऐसा क्यों है कि नौसेना के पूर्व कर्मियों के साथ गिरफ़्तार किये गये एक ओमानी नागरिक को नवंबर में रिहा कर दिया गया, लेकिन भारतीय नागरिक अभी भी हिरासत में हैं? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सरकार से आग्रह करती है कि वह भारत के नौसैन्य कर्मियों के परिवारों और लोगों को बताए कि हमारे पूर्व सैन्य कर्मियों के साथ इस तरह का व्यवहार क्यों किया जा रहा है? उत्तर प्रदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।