स्वामी प्रसाद मौर्य पर रायबरेली में हमला : माला पहनाते ही जड़ा थप्पड़, हमलावरों को दबोचा

स्वामी प्रसाद मौर्य पर रायबरेली में हमला : माला पहनाते ही जड़ा थप्पड़, हमलावरों को दबोचा
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userचेतना मंच
calendar06 Aug 2025 04:40 PM
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Uttar Pradesh Samachar : उत्तर प्रदेश की राजनीति में अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले राष्ट्रीय शोसित समाज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर बुधवार को एक बड़ा हमला हुआ। उत्तर प्रदेश के रायबरेली के गोल चौराहे पर स्वागत के दौरान अचानक दो युवकों ने उन्हें माला पहनाने के बहाने पास जाकर थप्पड़ जड़ दिया। उसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों ने हमलावरों को पकड़कर पिटाई कर दिया और पुलिस के हवाले कर दिया।

भीड़ में छिपे हमलावर, माला बनी हमले का बहाना

घटना उस वक्त हुई जब स्वामी प्रसाद मौर्य लखनऊ से फतेहपुर जाते हुए रायबरेली में रुके थे। गोल चौराहे पर उनके स्वागत के लिए कार्यकर्ता और समर्थकों की भीड़ जुटी थी। इसी दौरान दो युवक समर्थकों की भीड़ में घुल-मिल गए और माला लेकर उनके पास पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, एक युवक ने पीछे से माला पहनाई और उसी क्षण अचानक मौर्य के चेहरे पर तेज थप्पड़ मार दिया। हमले के फौरन बाद मौके पर हड़कंप मच गया। मौर्य समर्थकों ने हमलावर युवक और उसके साथी को तुरंत पकड़ लिया और वहीं उनकी जमकर पिटाई कर दी। दोनों युवकों को बुरी तरह पीटा गया, जिससे वे घायल हो गए। इस बीच किसी ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने हालात को संभाला और दोनों युवकों को भीड़ से छुड़ाकर हिरासत में ले लिया।

मौर्य बोले, "ये सरकारी गुंडे हैं"

हमले के तुरंत बाद मीडिया से बातचीत में स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसे सुनियोजित हमला करार दिया। उन्होंने कहा, "ये करणी सेना के लोग हैं, जिन्हें सरकार का संरक्षण प्राप्त है। ये सरकारी गुंडे हैं। मैंने इस घटना की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करा दी है। मैं रायबरेली में बस कुछ समय के लिए रुका था, तभी ये हमला हुआ।" हालांकि, करणी सेना की तरफ से अब तक इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम उत्तर प्रदेश की राजनीति में अक्सर विवादों और तीखे बयानों के चलते सुर्खियों में रहा है। उन्होंने कई बार हिंदू धार्मिक ग्रंथों और परंपराओं पर दिए गए बयानों से आलोचना झेली है, और यही वजह है कि विरोधी गुटों की नाराजगी का सामना उन्हें बार-बार करना  पड़ा है।

पुलिस जांच शुरू, साजिश की आशंका

रायबरेली पुलिस ने इस घटना को गंभीर सुरक्षा उल्लंघन मानते हुए जांच शुरू कर दी है। हमलावरों से पूछताछ की जा रही है कि हमला आत्म-प्रेरित था या इसके पीछे कोई राजनीतिक साजिश थी। स्वामी प्रसाद मौर्य पर यह हमला केवल एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि राजनीतिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी हमला माना जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राजनीतिक असहमति अब हिंसा के रास्ते से व्यक्त होगी? क्या विचारों का जवाब अब थप्पड़ों से दिया जाएगा? उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गर्म है और रायबरेली की यह घटना शायद आने वाले चुनावी मौसम की आहट भी है। Uttar Pradesh Samachar :
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पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है उत्तर प्रदेश वाले नटवरलाल की

पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है उत्तर प्रदेश वाले नटवरलाल की
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:34 PM
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उत्तर प्रदेश वाले नटवरलाल के नाम से प्रसिद्ध हर्षवर्धन जैन का नाम आपने जरूर सुना होगा। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रहकर बड़ा साम्राज्य खड़ा करने वाला हर्षवर्धन जैन आधुनिक नटवरलाल है। उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरी दुनिया में उत्तर प्रदेश के इस नटवरलाल की चर्चा हो रही है। उत्तर प्रदेश के ढेर सारे लोग तो हर्षवर्धन जैन को नटवरलाल का बाप बता रहे हैं। दुनिया भर में प्रसिद्ध खलीज टाइम्स अखबार की वेबसाइट पर बुधवार को हर्षवर्धन जैन के कारनामों का कच्चा चिट्ठा प्रकाशित किया गया है। Uttar Pradesh Samachar 

हर्षवर्धन जैन निकला नटरवरलाल का भी बाप

आपको बता दें कि नटरवरलाल नाम के व्यक्ति को दुनिया का सबसे बड़ा ठग माना जाता है। नटरवरलाल ने जेल से भागने का रिकॉर्ड कायम किया था। इतना ही नहीं नटरवरलाल ने भारत की ऐतिहासिक धरोहर लाल किला तथा ताजमहल जैसी प्रसिद्ध इमारतों तक को बेचकर ठगी की बड़ी कहानी रच दी थी। हाल ही में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से पकड़ा गया हर्षवर्धन जैन नामक ठग पुराने नटरवरलाल का भी बाप साबित हुआ है। उत्तर प्रदेश पुलिस की पूछताछ में हर्षवर्धन जैन उर्फ नटरवरलाल के जो किस्से सामने आए हैं उन किस्सों ने उत्तर प्रदेश पुलिस को भी हिलाकर रख दिया है। हर्षवर्धन जैन उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में वेस्ट आर्कटिक नामक देश का राजदूत बनकर बहुत बड़ा साम्राज्य स्थापित कर चुका था। हर्षवर्धन जैन ने जिस वेस्ट आर्कटिक देश का राजदूत अपने आपको घोषित कर रखा था उस नाम का कोई भी देश दुनिया में है ही नहीं।

उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष टीम ने दबोचा है हर्षवर्धन जैन को

उत्तर प्रदेश पुलिस की एक विशेष टीम ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर से हर्षवर्धन जैन उर्फ नटरवरलाल को गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसे रिमांड पर ले रखा था। 2 अगस्त को हर्षवर्धन जैन के रिमांड का समय पूरा होने पर उसे जेल में भेजा जा चुका है। हर्षवर्धन जैन से उत्तर प्रदेश पुलिस की पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। उत्तर प्रदेश के इस नटरवरलाल ने जो खुलासे किए हैं उन्हें जानकर उत्तर प्रदेश पुलिस के अफसर भी हैरान हो गए हेँ।

उत्तर प्रदेश में स्थापित कर रखी थी फर्जी एंबेसी

हर्षवर्धन जैन ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर में बाकायदा फर्जी दूतावास (एबेंसी) स्थापित कर रखा था। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर में कविनगर नाम  का एक प्रसिद्ध मौहल्ला है। कविनगर की कोठी नम्बर KB-35 में हर्षवर्धन जैन ने फर्जी एबेंसी स्थापित कर रखी थी। उत्तर प्रदेश के रहने वालों को हर्षवर्धन जैन ने बता रखा था कि दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में एबेंसी खोलने की जगह कम पड़ गई है। इसी कारण उसने उत्तर प्रदेश के कविनगर की कोठी नम्बर KB-35 में एबेंसी स्थापित कर दी है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के कविनगर में स्थापित कोठी नम्बर KB-35 के बाहर हाई प्रोफाइल नंबर प्लेट्स और बोनट के कोने पर अलग-अलग देशों के झंडे लगी एक से बढ़ कर एक चमचमाती हुई आलीशान गाड़ियां खड़ी होती थीं। जबकि कोठी में अक्सर सूटेड-बूटेड लोगों का आना-जाना भी लगा रहता था और तो और कोठी की दीवार पर बाकायदा एंबेसी ऑफ वेस्ट आर्कटिक का ब्रास बोर्ड चिपका हुआ था। ऐसे में हर किसी को लगता था कि शायद इस कोठी में किसी देश का दूतावास है, जहां से डिप्लोमेटिक एक्टिविटीज चलती हैं। मंगलवार 22 जुलाई 2025 की शाम को जब उत्तर प्रदेश पुलिस ने यहां पर दबिश डाली, तो दूतावास के फर्जी ताम-झाम के पीछे ठगी का एक ऐसा काला साम्राज्य निकल कर सामने आया कि उत्तर प्रदेश में रहने वाले सारे के सारे लोग हैरत में पड़ गए। उत्तर प्रदेश पुलिस को यहां ठगी के साम्राज्य का पता तो चला ही, साथ में ही नकली पासपोर्ट, विदेशी करंसी, नकली आई कार्ड, पैन कार्ड, प्रेस कार्ड सरीखी एक से बढ़कर एक आपत्तिजनक चीजें भी उत्तर प्रदेश पुलिस के हाथ लगी, इतना ही नहीं 47 साल का वो शख्स भी उत्तर प्रदेश पुलिस के हाथ लगा, जो यहां से इस सारे खेल का संचालन कर रहा था।  उसका नाम है-हर्षवर्धन जैन। हर्षवर्धन जैन लोगों को अलग-अलग देशों का राजदूत या फिर काउंसल बताकर उन्हें प्रभाव में लेता था, उन्हें अपने साथ प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति समेत दूसरे बड़े लोगों की तस्वीरें दिखाता और फिर किसी को विदेश में सेटल करवा देने का किसी को कोई बड़ा कांट्रैक्ट दिलाने का, तो किसी को उनकी ब्लैक मनी व्हाइट करा देने का झांसा देता था और अपनी जेब गर्म कर लेता था। उत्तर प्रदेश पुलिस की मानें तो असल में इस सारे गोरखधंधे की आड़ में वो शेल कंपनियों के जरिए हवाला रैकेट का संचालन कर रहा था।

सबसे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस की नोएडा SFT को मिली थी हर्षवर्धन की जानकारी

उत्तर प्रदेश के नटरवरलाल के नाम से कुख्यात हर्षवर्धन जैन के कारनामे अचानक उजागर नहीं हुए। सबसे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस की नोएडा में सक्रिय SFT टीम को हर्षवर्धन जैन के कारनामा की भनक लगी थी। यह भनक लगने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने यहां पर छापेमारी की। असल में नोएडा एसटीएफ को गाजियाबाद और आस-पास के इलाके से कुछ शेल कंपनियों के जरिए हवाला कारोबार की खबर मिली थी और इसी हवाला के धंधे का पीछा करती हुई उत्तर प्रदेश पुलिस इस कोठी तक आ पहुंची, जहां पर ये फर्जी दूतावास चल रहा था। फिर तो हवाला के साथ-साथ लोगों को ठगने और हर तरह के सही गलत धंधों के लिए लाइजनिंग करने के पूरे के पूरे रैकेट का खुलासा हो गया। छापेमारी में बाहर लगी गाड़ियों के काफिले के बाद कोठी के अंदर का मंजर देख कर खुद उत्तर प्रदेश पुलिस भी चौंक गई। अलग-अलग देशों की करंसी, 44 लाख 70 हजार रुपये कैश, विदेश मंत्रालय के नकली मुहर लगे दस्तावेज, 20 जोड़े डिप्लोमेटिक गाड़ियों के नंबर प्लेट्स, गैरकानूनी तरीके से बनाए गए 12 फर्जी पासपोर्ट, हर्षवर्धन जैन के नाम पर बने 2 पैन कार्ड, 34 अलग-अलग सील मुहर, 12 महंगी घडिय़ों का एक बॉक्स, 1 लैपटॉप, 1 मोबाइल फोन और आधार कार्ड, वोर्ट आईकार्ड, डिप्लोमेटिक कार्ड यहां तक कि गैरकानूनी प्रेस कार्ड तक हाथ लगे। इस फर्जी दूतावास से एक नहीं बल्कि चार-चार ऐसे देशों के राजनायिक ऑफिसेज का संचालन किए जाने की बात सामने आई है। फर्जी देश यानी वेस्ट आर्कटिक, सबोरगा, पौलविया और लोडोनिया। जबकि हकीकत ये है कि ये सारे के सारे देश दुनिया के नक्शे पर कहीं हैं ही नहीं। उदाहरण के लिए वेस्ट आर्कटिक नाम के इस देश को ही लीजिए, जिसका एंबेंसी होने का बोर्ड इस कोठी की दीवार पर चिपका था। जब इस नाम को गूगल पर सर्च किया गया, तो पता चला कि ये वेस्ट आर्कटिक दरअसल एक ऐसा एनजीओ है, जो पर्यावरण सुरक्षा के लिए काम करता है। लेकिन कमाल ये है कि यहां एनजीओ को ही मुल्क का नाम देकर उसका दूतावास खोल कर ठगी का धंधा बदस्तूर चल रहा था।

प्राइवेट गाड़ियों पर लगा रखी थी दूतावास वाली फर्जी नंबर प्लेट

हर्षवर्धन जैन का प्रत्येक कारनामा चौंकाने वाला है। उसने फर्जी दूतावास के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गाडिय़ों पर दूतावास की फर्जी नम्बर प्लेट लगा रखी थी। गाडिय़ों के नंबर को प्रॉपर प्लेट की जगह ब्लू कलर की प्लेट पर लिखा गया था  ताकि लोगों को देखते ही ये गुमान हो जाए कि ये गाड़ियां किसी दूतावास की हैं और तो और असर गहरा हो, इसलिए गाड़ियों में अलग-अलग फर्जी देशों के झंडे भी लगे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस की मानें तो एक बार जब शिकार हर्षवर्धन जैन की इन्हीं ताम-झाम को देख कर उसके झांसे में फंस जाता था, तो फिर उसे लूटना उसके लिए आसान हो जाता था। हर्षवर्धन ने फर्जी दूतावास वाली इस कोठी को किराये पर ले रखा था, जबकि वो इसी कविनगर इलाके में थोड़ी ही दूरी पर एक दूसरी कोठी में रहता है। पुलिस को छापेमारी के दौरान अंदर से जो चीजें मिली, उसने इसका इशारा दे दिया कि आखिर वो यहां से कर क्या रहा था। कोठी से जो 20 जोड़ी फर्जी डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट मिले, उससे साबित होता है कि वो इन नंबर प्लेट्स को जरूरत के मुताबिक किसी भी गाड़ी में लगा कर उसका इस्तेमाल लोगों पर प्रभाव डालने के लिए करता था। ठीक इसी तरह जब जहां जैसी जरूरत होती फर्जी कार्ड्स, दस्तावेज और मार्फ की गई तस्वीरों के जरिए वैसे ही लोगों को प्रभाव में ले लिया जाता था। यानी साफ सीधे शब्दों में कहें तो ये ठगी की वो प्राइवेट लिमिडेट कंपनी थी, जिसमें हर्षवर्धन जैन जब जैसा जी चाहे, करता था।

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इज्जतदार परिवार का बेटा है हर्षवर्धन जैन

वैसे हर्षवर्धन जैन काम बेशक ठगी का कर रहा हो लेकिन उसका ताल्लुक एक अच्छे परिवार से है। उसके पिता जेडी जैन एक जाने माने इंडस्ट्रियलिस्ट रहे हैं, जो गाजियाबाद के जैन रोलिंग मिल के मालिक थे। जैन परिवार का राजस्थान समेत कई राज्यों में मार्बल और माइनिंग का भी काम था। खुद हर्षवर्धन जैन ने लंदन के कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज से एमबीए की पढ़ाई की। लेकिन हर्षवर्धन जैन का ट्रैक तब चेंज हो गया, जब उसकी मुलाकात विवादास्पद तांत्रिक चंद्रास्वामी से हुई। वो चंद्रास्वामी से साल 2000 में मिला, जिसने उसकी मुलाकात आर्म्स डीलर अदनान खागोशी और लंदन के रहने वाले एहसान अली सैयद से करवाई। जिसके साथ मिलकर हर्षवर्धन जैन ने लंदन में 12 फर्जी कंपनियां बनाई और लाइजनिंग यानी दलाली का काम शुरू कर दिया। आपको बता दें कि एसटीएफ ने बताया है कि इसके बाद वो ऐसे ही संदिग्ध लोगों के साथ मिलता-जुलता रहा और दलाली के जरिए पैसे कमाता रहा। साल 2012 में उसके पास से पुलिस ने एक सैटेलाइट फोन बरामद किया था। तभी उसने खुद को एक सबोरगा नाम के फर्जी देश का एडवाइजर और वेस्ट आर्कटिक समेत कई ऐसे ही काल्पनिक देशों का एबेंसेडर बता कर दलाली का कारोबार करता रहा और फिलहाल गाजियाबाद के इसी फर्जी दूतावास से चीटिंग, दलाली और हवाला का रैकेट चला रहा था।
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यूपी में कहां हैं सबसे ज्यादा मुसलमान? नवाबों की नगरी नहीं, ये जिला निकला सबसे आगे!

यूपी में कहां हैं सबसे ज्यादा मुसलमान? नवाबों की नगरी नहीं, ये जिला निकला सबसे आगे!
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calendar06 Aug 2025 03:54 PM
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Uttar Pradesh Samachar : उत्तर प्रदेश देश का सबसे घनी आबादी वाला राज्य, जहां हर धर्म, हर संस्कृति के लोग एक साथ सांस लेते हैं। यहां अयोध्या की आरती भी है, तो अमरोहा की अजान भी। लेकिन जब बात मुस्लिम आबादी की आती है, तो जेहन में सबसे पहले लखनऊ का नाम आता है, नवाबों का शहर, तहजीब की मिसाल। मगर क्या आप जानते हैं कि यूपी का सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला जिला लखनऊ नहीं, बल्कि एक ऐसा इलाका है जिसका नाम सुनकर आप चौंक जाएंगे?

संभल : मुस्लिम आबादी में सबसे आगे

जी हां, उत्तर प्रदेश का वह जिला लखनऊ नहीं है। वह जिला है संभल, जहां मुसलमानों की आबादी सबसे ज्यादा मानी जाती है। 2012 में मुरादाबाद से अलग होकर बने संभल जिले में मुस्लिम आबादी 60 से 70 फीसदी के बीच बताई जाती है। हालांकि 2011 की जनगणना में इसका अलग रिकॉर्ड नहीं था, लेकिन अनुमान बताते हैं कि यह यूपी का सबसे मुस्लिम-बहुल जिला है। यह इलाका वर्षों से सांस्कृतिक तौर पर विविधतापूर्ण रहा है, लेकिन अब यह सांख्यिकीय दृष्टि से भी सबसे आगे है।

यूपी के अन्य मुस्लिम-बहुल जिले (2011 जनगणना के अनुसार) :

इन जिलों में मुस्लिम आबादी इतनी सघन है कि स्थानीय राजनीति, व्यापार और संस्कृति में इनकी अहम भूमिका है। जिला           मुस्लिम आबादी (%) े मुरादाबाद     50.82% े रामपुर          50.57% े बिजनौर       43.03% े सहारनपुर    41.95% (शामली अलग होने से पहले) े मुजफ्फरनगर 41.30% (शामली अलग होने से पहले)

भारत में मुस्लिम आबादी एक नजर

2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की कुल जनसंख्या थी 121.09 करोड़, जिसमें हिंदू आबादी : 79.8% और मुस्लिम आबादी : 14.2% (17.22 करोड़) रिकार्ड की गई थी। इस तरह मुसलमान देश की दूसरी सबसे बड़ी धार्मिक आबादी हैं। 2021 की जनगणना का डेटा अब तक सार्वजनिक नहीं हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि संभल, मुरादाबाद और रामपुर जैसे जिलों में मुस्लिम आबादी का प्रतिशत और भी बढ़ा होगा। जब यह डेटा आएगा, तो न केवल सामाजिक समीकरण बल्कि राजनीतिक गणित भी बदल सकता है। लखनऊ को भले ही "नवाबों की नगरी" कहा जाता हो, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल जिलों की असली तस्वीर संभल, रामपुर और मुरादाबाद में छुपी है। ये जिले न केवल सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक हैं, बल्कि जनसंख्या के आंकड़ों में भी शीर्ष पर हैं। अब देखना यह होगा कि अगली जनगणना में ये आंकड़े कितने बदलते हैं और इसके सामाजिक-राजनीतिक मायने क्या निकलते हैं। Uttar Pradesh Samachar :