NOIDA SAMACHAR: समय रहते करें निदान, बाद में केवल दलील ही रह जाएगी

NOIDA SAMACHAR
जब कभी भी सेक्टर 52 फोनरवा ऑफिस में यूपीपीसीएल यानी बिजली विभाग के साथ फोनरवा अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा ने समस्या और समाधान का कार्यक्रम रखा। उपस्थित जितने भी अध्यक्ष महासचिव आते हैं। उनकी अन्य कुछ समस्याओं के साथ हर सेक्टर में मुख्य समस्या कुछ ऐसे जर्जर बिजली के पोल जो कभी भी गिर सकते हैं। उनके गिरने से कोई भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। जान माल का नुकसान होने के बाद विभाग केवल थोथी दलील ही पेश करते नजर आएगी। [caption id="attachment_65480" align="alignnone" width="225"]
NOIDA SAMACHAR[/caption]
जनता यूपीपीसीएल तथा नोएडा प्राधिकरण दोनों को बिजली के पोल बदले जाने का निवेदन करती आ रही है लेकिन, सुनवाई नहीं हो रही है। लगता है विभाग को हादसे का इंतजार है। स्वर्णिम विहार सेक्टर 82, गेट नम्बर एक और 2 की अध्यक्ष शबनम गुप्ता और महासचिव सुख बीर सिंह सूचना सभी को दे चुके हैं। लेकिन, सुनवाई नहीं हो रही है। 11 किलो वाट तथा 33 किलो वाट लोड को ले जाने वाले पुराने व जर्जर हो चुके पोलों को बदलवाया नहीं जा रहा है।
यह सर्वविदित है की लोहा जब भी ऑक्सीजन और पानी के संपर्क में आता है तो उसे जंग लगता है। इसके समाधान के लिए आक्सिजन तथा पानी से लोहे का संपर्क काट दिया जाता है । इस संपर्क को काट देने से लोहे के पोल पर जंग नहीं लगता। इससे लोहे की आयु बढ़ती है। वे बरसों चलते हैं। लगभग सभी शहरों में लोहे के खम्भों को जंग से बचाने के लिए पहले उस पर लेड कोटिंग फिर जी आई या जेलियम आयो नाइज्ड की परत चढ़ाई जाती है।
नोएडा में अधिकांश लोग बाहर से आए हुए हैं सभी ने अवश्य देखा होगा कि लोहे के खंबे के ऊपर पहले ब्राउन कलर का लेड ओकसाइड कोट किया जाता है फिर सिल्वर सा पेंट जमीन से लगभग डेढ फूट तक सीमेन्ट का प्लेट फोरम बनाया जाता है। ताकि इसे जंग ना लगे। उसके ऊपर सिल्वर गेलियम आयोनाईज्ड परत चढ़ाई जाती है। समय-समय पर दोबारा कोटिंग भी किया जाता है। नोएडा इतना विकसित शहर। यहां पर ऐसा क्यों नहीं किया जाता? बिल्कुल नया आयरन का खंभा लगाया जाता है । उसके बाद ना उस पर कभी लेड कोटिंग ना ही कोई पेंट। ये भी कुछ कारण है कि कुछ ही सालों में खम्बा जहां जमीन में गड़ा होता है। वहां से जंग लगना शुरू होता है। और फिर ये नौबत तक आ जाता है ।
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जब कभी भी सेक्टर 52 फोनरवा ऑफिस में यूपीपीसीएल यानी बिजली विभाग के साथ फोनरवा अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा ने समस्या और समाधान का कार्यक्रम रखा। उपस्थित जितने भी अध्यक्ष महासचिव आते हैं। उनकी अन्य कुछ समस्याओं के साथ हर सेक्टर में मुख्य समस्या कुछ ऐसे जर्जर बिजली के पोल जो कभी भी गिर सकते हैं। उनके गिरने से कोई भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। जान माल का नुकसान होने के बाद विभाग केवल थोथी दलील ही पेश करते नजर आएगी। [caption id="attachment_65480" align="alignnone" width="225"]
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जनता यूपीपीसीएल तथा नोएडा प्राधिकरण दोनों को बिजली के पोल बदले जाने का निवेदन करती आ रही है लेकिन, सुनवाई नहीं हो रही है। लगता है विभाग को हादसे का इंतजार है। स्वर्णिम विहार सेक्टर 82, गेट नम्बर एक और 2 की अध्यक्ष शबनम गुप्ता और महासचिव सुख बीर सिंह सूचना सभी को दे चुके हैं। लेकिन, सुनवाई नहीं हो रही है। 11 किलो वाट तथा 33 किलो वाट लोड को ले जाने वाले पुराने व जर्जर हो चुके पोलों को बदलवाया नहीं जा रहा है।
यह सर्वविदित है की लोहा जब भी ऑक्सीजन और पानी के संपर्क में आता है तो उसे जंग लगता है। इसके समाधान के लिए आक्सिजन तथा पानी से लोहे का संपर्क काट दिया जाता है । इस संपर्क को काट देने से लोहे के पोल पर जंग नहीं लगता। इससे लोहे की आयु बढ़ती है। वे बरसों चलते हैं। लगभग सभी शहरों में लोहे के खम्भों को जंग से बचाने के लिए पहले उस पर लेड कोटिंग फिर जी आई या जेलियम आयो नाइज्ड की परत चढ़ाई जाती है।
नोएडा में अधिकांश लोग बाहर से आए हुए हैं सभी ने अवश्य देखा होगा कि लोहे के खंबे के ऊपर पहले ब्राउन कलर का लेड ओकसाइड कोट किया जाता है फिर सिल्वर सा पेंट जमीन से लगभग डेढ फूट तक सीमेन्ट का प्लेट फोरम बनाया जाता है। ताकि इसे जंग ना लगे। उसके ऊपर सिल्वर गेलियम आयोनाईज्ड परत चढ़ाई जाती है। समय-समय पर दोबारा कोटिंग भी किया जाता है। नोएडा इतना विकसित शहर। यहां पर ऐसा क्यों नहीं किया जाता? बिल्कुल नया आयरन का खंभा लगाया जाता है । उसके बाद ना उस पर कभी लेड कोटिंग ना ही कोई पेंट। ये भी कुछ कारण है कि कुछ ही सालों में खम्बा जहां जमीन में गड़ा होता है। वहां से जंग लगना शुरू होता है। और फिर ये नौबत तक आ जाता है ।
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