UP News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दूसरे राज्यों के बस चालकों से वसूली करने वाले चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ मंगलवार देर रात विभूतिखंड थाने में एफआईआर दर्ज की गई और विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। संयुक्त पुलिस आयुक्त लॉ एंड ऑर्डर उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि कामता चौराहे पर वसूली की शिकायत मिली थी। जांच में दरोगा उमेश सिंह, सिपाही शुभम कुमार, विवेक विशाल दुबे और सचिन कुमार दोषी पाए गए।
जनता से की अपील
इन सभी को सस्पेंड कर अवैध वसूली की धारा में FIR दर्ज की गई है। ये पुलिसकर्मी रात में दूसरे राज्यों से आने वाली बसों को रोकते थे और चालान या गाड़ी सीज करने की धमकी देकर वसूली करते थे। पुख्ता सबूतों के आधार पर इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। वहीं संयुक्त पुलिस आयुक्त ने जनता से अपील की है कि अगर कोई पुलिसकर्मी वसूली करता है, तो तुरंत पुलिस में शिकायत करें। दोषी पाए जाने पर संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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शिकायत मिलने पर कराया स्टिंग ऑपरेशन
शिकायत मिलने के बाद संयुक्त पुलिस आयुक्त ने सबूत जुटाने के लिए स्टिंग ऑपरेशन किया। एक पुलिसकर्मी को ऑपरेटर बनाकर दूसरे राज्य की बस में बैठाया गया। जैसे ही बस कामता तिराहे पर पहुंची, इन पुलिसवालों ने उसे रोक लिया और कागजात देखने के बाद वसूली की रकम मांगी। पुलिसकर्मी ने इस बातचीत का ऑडियो और वीडियो रिकॉर्ड कर लिया, जिसके आधार पर चारों पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया।
एंट्री फीस के नाम पर वसूली
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जांच में पाया गया कि यूपी के ये पुलिसकर्मी बस चालकों से सीधे एक हजार रुपये की मांग करते थे, जिसे वे ‘एंट्री फीस’ कहते थे। रकम न देने पर चालान या गाड़ी सीज करने की धमकी दी जाती थी। शहर के अलग-अलग एंट्री पॉइंट्स पर यूपी से बाहर की गाड़ियों को देखते ही रोकने का मुख्य उद्देश्य वसूली करना था। पिछले सप्ताह कामता चौकी में एक बस के ऑपरेटर को पीटने के मामले में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था।UP News
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