उत्तर प्रदेश पुलिस परीक्षा में बड़ा बदलाव, अब गलत जवाब पर नहीं कटेंगे अंक
उत्तर प्रदेश में भर्ती नियमों को लेकर बड़ा प्रशासनिक फैसला सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, योगी सरकार की कैबिनेट ने ‘बाई सर्कुलेशन’ के माध्यम से इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इसके तहत दो अहम नियमावलियों में संशोधन को मंजूरी दी गई है।

UP News : उत्तर प्रदेश के लाखों युवाओं के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल और जेल वार्डर भर्ती की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को अब परीक्षा में गलत जवाब देने का डर नहीं सताएगा। योगी सरकार ने भर्ती परीक्षा के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए नेगेटिव मार्किंग की व्यवस्था खत्म करने का निर्णय लिया है। इसका सीधा फायदा यह होगा कि उम्मीदवार बिना हिचक के अधिक प्रश्न हल कर सकेंगे और बेहतर स्कोर के लिए पूरे आत्मविश्वास के साथ पेपर अटेम्प्ट कर पाएंगे। यानी अब उत्तर प्रदेश की इन बड़ी भर्तियों में गलत उत्तर पर अंक नहीं कटेंगे, जिससे परीक्षा का दबाव भी कम होगा और प्रतियोगिता में प्रदर्शन सुधारने का मौका बढ़ेगा।
उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने बाई सर्कुलेशन लिया फैसला
उत्तर प्रदेश में भर्ती नियमों को लेकर बड़ा प्रशासनिक फैसला सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, योगी सरकार की कैबिनेट ने ‘बाई सर्कुलेशन’ के माध्यम से इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इसके तहत दो अहम नियमावलियों में संशोधन को मंजूरी दी गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी तथा मुख्य आरक्षी सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2025 और उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन व सुधार विभाग जेल वार्डर संवर्ग सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली-2025। इन बदलावों के लागू होते ही उत्तर प्रदेश में होने वाली कांस्टेबल और जेल वार्डर भर्ती परीक्षाओं से नेगेटिव मार्किंग की व्यवस्था पूरी तरह समाप्त मानी जाएगी, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं का दबाव घटेगा और अभ्यर्थियों को अधिक आत्मविश्वास के साथ पेपर हल करने का अवसर मिलेगा।
नेगेटिव मार्किंग हटाने की जरूरत क्यों पड़ी?
उत्तर प्रदेश में अब तक की भर्ती परीक्षाओं में नेगेटिव मार्किंग का डर कई बार अभ्यर्थियों की मेहनत पर भारी पड़ जाता था। गलत उत्तर पर अंक कटने की आशंका के कारण बड़ी संख्या में उम्मीदवार जोखिम लेने से बचते, कई सवाल छोड़ देते या फिर पूरे पेपर में जरूरत से ज्यादा सतर्कता बरतते थे—जिसका सीधा असर उनके स्कोर और मेरिट पर दिखता था। लेकिन अब उत्तर प्रदेश में लागू होने जा रही नई व्यवस्था में तस्वीर बदलेगी। अभ्यर्थी बिना दबाव ज्यादा प्रश्न अटेम्प्ट कर पाएंगे, सही उत्तरों की संख्या बढ़ने से बेहतर स्कोर और मेरिट में आगे निकलने की संभावना भी मजबूत होगी। खासकर उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों और सीमित संसाधनों के बीच तैयारी कर रहे युवाओं के लिए यह फैसला बड़ी राहत और आत्मविश्वास बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।
आगे की प्रक्रिया क्या होगी?
अब नजरें उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं। कैबिनेट की मंजूरी के बाद बोर्ड जल्द ही नियमावली में संशोधन से जुड़ी आधिकारिक अधिसूचना जारी कर सकता है। अधिसूचना जारी होते ही यह स्पष्ट हो जाएगा कि उत्तर प्रदेश में आने वाली यूपी पुलिस कांस्टेबल और जेल वार्डर की नई भर्तियों में नेगेटिव मार्किंग वाला नियम पूरी तरह समाप्त मान लिया जाएगा। यानी जैसे ही नोटिफिकेशन आएगा, उसी पल से परीक्षा पैटर्न नए नियम के हिसाब से लागू हो जाएगा और अभ्यर्थियों को तैयारी की दिशा भी उसी अनुसार तय करनी होगी।
अभ्यर्थियों के लिए क्या सलाह?
उत्तर प्रदेश में भर्ती की तैयारी कर रहे उम्मीदवार अब अपनी रणनीति नए पैटर्न के हिसाब से बना सकते हैं। नेगेटिव मार्किंग नहीं होने की स्थिति में स्पीड + एक्यूरेसी दोनों पर फोकस रखते हुए मॉक टेस्ट और प्रैक्टिस पेपर ज्यादा प्रभावी साबित होंगे। कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला यूपी के युवाओं को परीक्षा में अधिक आत्मविश्वास देगा और भर्ती प्रक्रिया को उनके लिए कम दबाव वाला बनाएगा। UP News
UP News : उत्तर प्रदेश के लाखों युवाओं के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल और जेल वार्डर भर्ती की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को अब परीक्षा में गलत जवाब देने का डर नहीं सताएगा। योगी सरकार ने भर्ती परीक्षा के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए नेगेटिव मार्किंग की व्यवस्था खत्म करने का निर्णय लिया है। इसका सीधा फायदा यह होगा कि उम्मीदवार बिना हिचक के अधिक प्रश्न हल कर सकेंगे और बेहतर स्कोर के लिए पूरे आत्मविश्वास के साथ पेपर अटेम्प्ट कर पाएंगे। यानी अब उत्तर प्रदेश की इन बड़ी भर्तियों में गलत उत्तर पर अंक नहीं कटेंगे, जिससे परीक्षा का दबाव भी कम होगा और प्रतियोगिता में प्रदर्शन सुधारने का मौका बढ़ेगा।
उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने बाई सर्कुलेशन लिया फैसला
उत्तर प्रदेश में भर्ती नियमों को लेकर बड़ा प्रशासनिक फैसला सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, योगी सरकार की कैबिनेट ने ‘बाई सर्कुलेशन’ के माध्यम से इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इसके तहत दो अहम नियमावलियों में संशोधन को मंजूरी दी गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी तथा मुख्य आरक्षी सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2025 और उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन व सुधार विभाग जेल वार्डर संवर्ग सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली-2025। इन बदलावों के लागू होते ही उत्तर प्रदेश में होने वाली कांस्टेबल और जेल वार्डर भर्ती परीक्षाओं से नेगेटिव मार्किंग की व्यवस्था पूरी तरह समाप्त मानी जाएगी, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं का दबाव घटेगा और अभ्यर्थियों को अधिक आत्मविश्वास के साथ पेपर हल करने का अवसर मिलेगा।
नेगेटिव मार्किंग हटाने की जरूरत क्यों पड़ी?
उत्तर प्रदेश में अब तक की भर्ती परीक्षाओं में नेगेटिव मार्किंग का डर कई बार अभ्यर्थियों की मेहनत पर भारी पड़ जाता था। गलत उत्तर पर अंक कटने की आशंका के कारण बड़ी संख्या में उम्मीदवार जोखिम लेने से बचते, कई सवाल छोड़ देते या फिर पूरे पेपर में जरूरत से ज्यादा सतर्कता बरतते थे—जिसका सीधा असर उनके स्कोर और मेरिट पर दिखता था। लेकिन अब उत्तर प्रदेश में लागू होने जा रही नई व्यवस्था में तस्वीर बदलेगी। अभ्यर्थी बिना दबाव ज्यादा प्रश्न अटेम्प्ट कर पाएंगे, सही उत्तरों की संख्या बढ़ने से बेहतर स्कोर और मेरिट में आगे निकलने की संभावना भी मजबूत होगी। खासकर उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों और सीमित संसाधनों के बीच तैयारी कर रहे युवाओं के लिए यह फैसला बड़ी राहत और आत्मविश्वास बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।
आगे की प्रक्रिया क्या होगी?
अब नजरें उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं। कैबिनेट की मंजूरी के बाद बोर्ड जल्द ही नियमावली में संशोधन से जुड़ी आधिकारिक अधिसूचना जारी कर सकता है। अधिसूचना जारी होते ही यह स्पष्ट हो जाएगा कि उत्तर प्रदेश में आने वाली यूपी पुलिस कांस्टेबल और जेल वार्डर की नई भर्तियों में नेगेटिव मार्किंग वाला नियम पूरी तरह समाप्त मान लिया जाएगा। यानी जैसे ही नोटिफिकेशन आएगा, उसी पल से परीक्षा पैटर्न नए नियम के हिसाब से लागू हो जाएगा और अभ्यर्थियों को तैयारी की दिशा भी उसी अनुसार तय करनी होगी।
अभ्यर्थियों के लिए क्या सलाह?
उत्तर प्रदेश में भर्ती की तैयारी कर रहे उम्मीदवार अब अपनी रणनीति नए पैटर्न के हिसाब से बना सकते हैं। नेगेटिव मार्किंग नहीं होने की स्थिति में स्पीड + एक्यूरेसी दोनों पर फोकस रखते हुए मॉक टेस्ट और प्रैक्टिस पेपर ज्यादा प्रभावी साबित होंगे। कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला यूपी के युवाओं को परीक्षा में अधिक आत्मविश्वास देगा और भर्ती प्रक्रिया को उनके लिए कम दबाव वाला बनाएगा। UP News












