Friday, 3 January 2025

Corruption in Loni : देश की राजधानी की बगल में मौजूद लोनी में चल रहा है बड़ा ‘खेला’

Corruption in Loni : लोनी (गाजियाबाद)। देश की राजधानी से लगे हुए शहर (पुराना कस्बा) लोनी की गली-गली में इन…

Corruption in Loni :  देश की राजधानी की बगल में मौजूद लोनी में चल रहा है बड़ा ‘खेला’

Corruption in Loni : लोनी (गाजियाबाद)। देश की राजधानी से लगे हुए शहर (पुराना कस्बा) लोनी की गली-गली में इन दिनों भ्रष्टाचार फैला हुआ है। देश की शीर्ष सत्ता की नाक के नीचे खुल्लम-खुल्ला भ्रष्टाचार का ‘खेला’ चल रहा है। आपने ठीक ही पढ़ा है कि गली-गली में भ्रष्टाचार फैला पड़ा है। यह कोई मुहावरा नहीं है, बल्कि वह कटु सत्य है, जो लोनी कस्बे के हर छोटे-बड़े की जुबान पर है। आरोप है कि लोनी में स्थापित एक स्थानीय जनप्रतिनिधि ने लोनी नगर पालिका को अपनी अवैध कमाई का सबसे बड़ा जरिया बना रखा है। यह जनप्रतिनिधि वही हैं, जो लोनी से लेकर प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत यानि विधानसभा में भी ‘चर्चित’ हैं। इन साहब की ही बदौलत इन्हीं की जाति (गुर्जर समाज) से आने वाला एक ईमानदार अफसर निलंबित कर दिया गया है।

Corruption in Loni :

लोनी का चप्पा-चप्पा जानता है कि लोनी नगर पालिका भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। सूत्र बताते हैं कि कुछ दिन पूर्व तक लोनी नगर पालिका की अधिशासी अधिकारी रहीं सुश्री शालिनी गुप्ता और स्थानीय जनप्रतिनिधि के बीच जबरदस्त आर्थिक सांठगांठ थी। इसीलिए यह जनप्रतिनिधि महोदय जब तक सुश्री शालिनी गुप्ता लोनी नगर पालिका की अधिशासी अधिकारी रहीं, तब तक लोनी के विकास की तुलना लंदन और पेरिस से करते थे। अब इन्हीं महोदय की कृपा से सुश्री शालिनी गुप्ता गाजियाबाद जिले की एक और कमाऊ नगर पालिका खोड़ा में तैनात हो गई हैं। जब के.के. भड़ाना नामक एक अधिकारी लोनी नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी पद पर आसीन हुए, तब श्री भड़ाना के अधिशासी अधिकारी बनते ही इन जनप्रतिनिधि महोदय को लोनी नरक नजर आने लगा। यहां के नागरिकों का कहना है कि सच्चाई तो यह है कि लोनी तो वैसी ही है, जैसी पहले थी, लेकिन जनप्रतिनिधि महोदय की बौखलाहट का कारण लोनी से कमाए जाने वाला ‘माल’ है।

सूत्र बताते हैं कि सुश्री शालिनी गुप्ता उनके लिए एक बहुत बड़ा आर्थिक स्रोत थी। सूत्रों का दावा है कि हर महीने 50 लाख रुपये तक की रकम शालिनी मैडम की ‘कृपा’ से जनप्रतिनिधि महोदय की जेब तक पहुंचाई जाती थी। नागरिकों का कहना है कि के.के. भड़ाना ने लोनी की दशा और दिशा सुधारने का प्रयास प्रारंभ किया। सबसे पहले उन्होंने लोनी नगर पालिका की सफाई करने वाली कंपनी पर पूरी संख्या में सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति का दबाव बनाया तो ऐसा लगा कि इन महोदय की किसी दुखती नस पर हाथ रख दिया गया हो। फिर क्या था, एक वीडियो वारयल करने का नाटक करके तथा ‘बड़ा’ राजनीतिक दबाव बनाकर के.के. भड़ाना का स्थानांतरण करा दिया गया।

Corruption in Loni :

कुछ दिन बाद माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने के.के. भड़ाना के स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी। स्थानांतरण आदेश पर रोक लगते ही स्थानीय जनप्रतिनिधि महोदय आगबबूला हो गए। उन्होंने एक वीडियो वायरल करके लोनी से लखनऊ तक हलचल मचा दी। इस हलचल के दबाव में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन जनप्रतिनिधि महोदय को अपने दरबार में तलब किया। इस तलबी में जनप्रतिनिधि महोदय तो ज्यों के त्यों रहे, किन्तु के.के. भड़ाना को निलंबित कर दिया गया।

Corruption : 50 किलो नींबू व कई टन आटा खा गया सुपरिटेंडेंट

शासन के अंतरंग सूत्रों का दावा है कि इन महोदय ने मुख्यमंत्री से कहा कि भड़ाना नामक अधिकारी पार्टी व सरकार की छवि खराब कर रहा है। उधर के.के. भड़ाना ने प्रदेश के आला अधिकारियों को बताया है कि लोनी में तैनात रहने के लिए जनप्रतिनिधि महोदय उनसे हर महीने 50 लाख रुपये नकद की घूस मांग रहे थे। यह ‘खेला’ अभी जारी है। बताया जाता है कि के.के. भड़ाना एक बार फिर माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के शरण में गए हैं। श्री भड़ाना ने अपने निलंबन को पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित, गैरकानूनी एवं अवैध बताया है।

उधर, लोनी से हटकर खोड़ा में तैनात की गयी अधिशासी अधिकारी सुश्री शालिनी गुप्ता ने भी प्रदेश के एक आला अफसर के विरूद्ध न्यायालय की राह पकड़ रखी है। इन दिनों गाजियाबाद जनपद की अपर जिलाधिकारी श्रीमती रितु सुहास को लोनी नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी के पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी निभाने को कहा गया है। श्रीमती सुहास को कर्मठ व ईमानदार अधिकारी के रूप में पहचाना जाता है। अब यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि अपनी ऊपरी कमाई बंद होने से बौखलाए हुए जनप्रतिनिधि महोदय कार्यवाहक अधिकारी के साथ किस तरह का व्यवहार करते हैं।

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