उत्तर प्रदेश के दो शहर बनेंगे टेक्नोलॉजी हब, 39 हजार करोड़ से तैयार होंगे डेटा सेंटर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों के नाम लिखे अपने संदेश के माध्यम से दी है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि उत्तर प्रदेश को तकनीक, नवाचार और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का अंतरराष्ट्रीय केंद्र बनाने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है।

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योगी आदित्यनाथ
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar30 Dec 2025 02:38 PM
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UP News : नए साल 2026 की शुरुआत उत्तर प्रदेश के लिए तकनीकी विकास की बड़ी सौगात लेकर आ सकती है। उत्तर प्रदेश में दो आधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) शहर विकसित करने की तैयारी की जा रही है। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों के नाम लिखे अपने संदेश के माध्यम से दी है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि उत्तर प्रदेश को तकनीक, नवाचार और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का अंतरराष्ट्रीय केंद्र बनाने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है।

मुख्यमंत्री का प्रदेशवासियों के नाम संदेश

अपने पत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2025 उत्तर प्रदेश के लिए टेक्नोलॉजी, एआई और डेटा आधारित नवाचार के लिहाज से ऐतिहासिक रहा है। सुशासन और नीतिगत सुधारों के कारण प्रदेश ने देश-विदेश में एक नई पहचान बनाई है और अब ब्रांड यूपी वैश्विक स्तर पर मजबूत हो चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब ऐसा राज्य बन चुका है, जहां निवेशक बिना झिझक पूंजी लगा रहे हैं। सुरक्षित नीतियों और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते प्रदेश में आईटी और डेटा सेक्टर में तेजी से निवेश बढ़ा है।

युवाओं से विशेष अपील

सीएम योगी ने प्रदेश के युवाओं से आह्वान किया है कि वे 2026 के लिए एक सामाजिक संकल्प लें। उन्होंने कहा कि युवा अपने आसपास के कम से कम पांच बच्चों को कंप्यूटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बुनियादी जानकारी दें और हर सप्ताह एक घंटा ज्ञान साझा करने के लिए जरूर निकालें। मुख्यमंत्री का मानना है कि सरकार और समाज के संयुक्त प्रयास से उत्तर प्रदेश जल्द ही विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक पहचान बनाएगा। उन्होंने दोहराया कि यूपी अब केवल कृषि आधारित राज्य नहीं रहा, बल्कि तेजी से एक डिजिटल पावरहाउस के रूप में उभर रहा है।

39 हजार करोड़ रुपये का निवेश लक्ष्य

राज्य सरकार ने डेटा सेंटर उद्योग में करीब 39,000 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य तय किया है। वर्तमान में प्रदेश में 5 बड़े हाइपरस्केल डेटा सेंटर पार्क काम करना शुरू कर चुके हैं। इसके साथ ही यूपी के 9 शहरों में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क स्थापित किए गए हैं, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं।

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योगी कैबिनेट में बदलाव के आसार, इन तीन नामों में एक की दावेदारी मजबूत

पार्टी के अंदरूनी हलकों में यह भी माना जा रहा है कि इन तीन में से कम से कम एक चेहरे को योगी सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी मिल सकती है और यही वजह है कि उत्तर प्रदेश की सियासत में नई गर्माहट साफ महसूस की जा रही है।

योगी सरकार में संभावित फेरबदल
योगी सरकार में संभावित फेरबदल
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar30 Dec 2025 02:11 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं ने रफ्तार पकड़ ली है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सत्ता गलियारों में संकेत हैं कि अगले महीने योगी कैबिनेट में फेरबदल/विस्तार की पटकथा लिखी जा सकती है। जैसे-जैसे यह संभावना मजबूत हो रही है, वैसे-वैसे मंत्री बनने की दौड़ में शामिल दावेदार भी सक्रिय नजर आने लगे हैं भेंट-मुलाकातों से लेकर अपने-अपने समीकरण साधने तक, हर स्तर पर हलचल बढ़ रही है। इस बार चर्चा का सबसे बड़ा केंद्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश बनकर उभरा है, जहां से तीन नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं। पार्टी के अंदरूनी हलकों में यह भी माना जा रहा है कि इन तीन में से कम से कम एक चेहरे को योगी सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी मिल सकती है और यही वजह है कि उत्तर प्रदेश की सियासत में नई गर्माहट साफ महसूस की जा रही है।

मिशन-2027 की तैयारी

भाजपा उत्तर प्रदेश में 2027 की विधानसभा जंग की तैयारियों को नए साल के साथ और तेज़ धार देने के संकेत दे रही है। संगठन में हालिया फेरबदल के बाद अब सियासी नजरें सरकार के भीतर संतुलन, जवाबदेही और परफॉर्मेंस-आधारित बदलाव की संभावनाओं पर टिक गई हैं। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक संदेश साफ है योगी सरकार की टीम को ऐसा आकार देना है जो प्रदेश के हर बड़े क्षेत्र की नब्ज़ भी पकड़े और चुनावी गणित भी साधे।

मुरादाबाद मंडल पर खास नजर

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद मंडल को लेकर सियासी हलकों में अंदरखाने हलचल तेज हो गई है। चर्चाओं के मुताबिक, आगामी फेरबदल/विस्तार की तस्वीर बनी तो इस इलाके से मंत्रिमंडल में एक नया चेहरा एंट्री ले सकता है। अभी मंडल और आसपास के क्षेत्रों से गुलाब देवी (माध्यमिक शिक्षा) और बलदेव औलख (कृषि राज्यमंत्री) जैसे चेहरे सरकार में मौजूद हैं, लेकिन भाजपा के भीतर यह महसूस किया जा रहा है कि जमीनी संदेश, क्षेत्रीय संतुलन और नए समीकरणों के लिहाज से गणित दोबारा सेट करने की जरूरत है। यही वजह है कि मुरादाबाद मंडल इस वक्त उत्तर प्रदेश की राजनीतिक चर्चाओं के केंद्र में आ गया है।

इन तीन नामों पर रहेगी सभी की नजर 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में संभावित मंत्री चेहरों को लेकर चल रही चर्चाओं में सबसे आगे भूपेंद्र चौधरी का नाम रखा जा रहा है। पार्टी के भीतर यह आकलन है कि उनका राजनीतिक कद और जाट बेल्ट में पकड़ भाजपा के लिए रणनीतिक तौर पर अहम साबित हो सकती है, इसलिए उन्हें दोबारा कैबिनेट में बड़ी जिम्मेदारी देने का विकल्प खुला रखा गया है। संदेश साफ माना जा रहा है पश्चिमी यूपी की जाट पट्टी को साधने के साथ संगठन में भरोसे और चुनावी तैयारी को नई धार देना।

इसी बीच, मुरादाबाद के सियासी समीकरणों में आकाश सक्सेना का नाम भी तेजी से उभरकर सामने आया है। दलील यह दी जा रही है कि जिन सीटों पर भाजपा ने कड़े मुकाबले में बढ़त बनाकर अपना आधार मजबूत किया, वहां से उभरते नेतृत्व को आगे लाकर पार्टी अपने वोट-बेस को और स्थायी करना चाहती है—यही वजह है कि आकाश को लेकर चर्चा लगातार गर्म होती जा रही है। तीसरे दावेदार के तौर पर ठाकुर रामवीर सिंह का नाम लिया जा रहा है, जिनकी जीत को पार्टी के भीतर कई मंचों पर “मॉडल परफॉर्मेंस” के रूप में पेश किए जाने की बातें आती रही हैं। चर्चा है कि रिकॉर्ड जीत और क्षेत्रीय संदेश दोनों लिहाज से भाजपा उन्हें सरकार में भूमिका देकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपना राजनीतिक संकेत और मजबूत कर सकती है।

कई मंत्रियों की बढ़ी बेचैनी

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक और चर्चा ने हलचल बढ़ा दी है क्या बड़े स्तर पर परिवर्तन की कोई योजना है? इसी कयास ने कई मौजूदा मंत्रियों की बेचैनी बढ़ा दी है, जबकि कई विधायकों की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। पार्टी और सरकार के भीतर यह भी संकेत मिल रहे हैं कि कुछ विभागों के कामकाज को लेकर शिकायतें और फीडबैक शीर्ष स्तर तक पहुंचा है। ऐसे में विस्तार सिर्फ “नई एंट्री” नहीं, बल्कि परफॉर्मेंस के आधार पर बदलाव की दिशा में भी देखा जा रहा है। गलियारों में एक चर्चा यह भी है कि कैबिनेट समीकरणों को साधने के लिए दलित समाज से जुड़े किसी चेहरे को तीसरे डिप्टी सीएम के तौर पर आगे लाया जा सकता है। हालांकि इस पर कोई आधिकारिक संकेत नहीं है, लेकिन चुनावी वर्ष की ओर बढ़ रहे उत्तर प्रदेश में ऐसे कयास अक्सर रणनीतिक संकेतों से जोड़कर देखे जाते हैं। UP News

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उत्तर प्रदेश के मथुरा में शादी नियम बदले, संगीत-आतिशबाजी पर लगी रोक

नियम तोड़ने वाले परिवार पर 11 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा, वहीं लगातार उल्लंघन की स्थिति में सामाजिक बहिष्कार जैसी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। पंचायत का कहना है कि यह कदम उत्तर प्रदेश में शादी-ब्याह को सादगी, अनुशासन और सामाजिक सौहार्द के साथ निभाने की दिशा में जरूरी पहल है।

फिजूलखर्ची रोकने के लिए मुस्लिम पंचायत ने लागू की नई गाइडलाइन
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locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar30 Dec 2025 01:34 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के कोसी कलां में मुस्लिम समुदाय की पंचायत ने शादी समारोहों में बढ़ती फुजूलखर्ची और बढ़ते झगड़ों पर ब्रेक लगाने के लिए सख्त नियम लागू किए हैं। पंचायत की सर्वसम्मत बैठक में तय हुआ कि विवाह आयोजनों में तेज आवाज़ वाला संगीत/डीजे, आतिशबाजी और दिखावे की गैर-ज़रूरी रस्में नहीं होंगी। नियम तोड़ने वाले परिवार पर 11 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा, वहीं लगातार उल्लंघन की स्थिति में सामाजिक बहिष्कार जैसी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। पंचायत का कहना है कि यह कदम उत्तर प्रदेश में शादी-ब्याह को सादगी, अनुशासन और सामाजिक सौहार्द के साथ निभाने की दिशा में जरूरी पहल है।

ईदगाह कमेटी की बैठक में हुआ फैसला

सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के कोसी कलां कस्बे में ईदगाह कमेटी के नेतृत्व में बुलाई गई पंचायत में यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया। कमेटी पदाधिकारियों का कहना है कि समुदाय के बुजुर्गों और जिम्मेदार लोगों ने शादियों में बढ़ती फिजूलखर्ची, ‘दिखावे की होड़’ और समारोहों के दौरान होने वाले विवाद-झगड़ों को गंभीरता से देखते हुए यह कदम उठाया। उनका तर्क है कि शादी जैसे पारिवारिक मौके को सादगी और अनुशासन के साथ संपन्न कराया जाए, ताकि खर्च का दबाव कम हो और समाज में सौहार्द बना रहे।

निकाह को लेकर नई गाइडलाइन

पंचायत ने निकाह को लेकर भी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उत्तर प्रदेश के कोसी कलां में तय किया गया कि निकाह समारोह अब होटल, गेस्ट हाउस या मैरिज हॉल में नहीं होंगे, बल्कि निकाह सिर्फ मस्जिद में कराया जाएगा। हालांकि वलीमा (शादी के बाद की दावत) के लिए होटल या अन्य स्थान पर आयोजन की अनुमति रखी गई है। पंचायत से जुड़े लोगों का कहना है कि शादियों में तेज संगीत, डीजे और नृत्य के दौरान अक्सर बहस से बात झगड़े तक पहुंच जाती है, जिसका असर सीधे सामाजिक सौहार्द पर पड़ता है। इसी कारण तेज आवाज़ में गाना-बजाना पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही यह भी साफ कर दिया गया कि बारात उत्तर प्रदेश से बाहर या दूसरे शहर जाए, तब भी यह नियम उसी तरह लागू रहेगा।

‘सलाम करायी’ और दिखावे वाली रस्मों पर भी रोक

उत्तर प्रदेश के कोसी कलां में पंचायत ने शादियों से जुड़ी कुछ परंपराओं पर भी सख्ती के संकेत दिए हैं। बैठक में कहा गया कि ‘सलाम करायी’ जैसी रस्म के दौरान दूल्हे को नकद या महंगे तोहफे देने की परंपरा पर रोक रहेगी, ताकि शादी “रिश्तों की खुशी” बने, लेन-देन की होड़ नहीं। इसके साथ ही दिखावे और फिजूलखर्ची बढ़ाने वाली दूसरी रस्मों को भी हतोत्साहित करने का फैसला लिया गया है। पंचायत का तर्क है कि ऐसे कदम समाज में सादगी को बढ़ावा देंगे और परिवारों पर बढ़ते आर्थिक दबाव को कम करेंगे।

नियम तोड़े तो निकाह नहीं पढ़ाएंगे इमाम-काजी

कमेटी पदाधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के कोसी कलां में तय किए गए नियमों का उल्लंघन करने वाले परिवारों पर सख्ती से कार्रवाई होगी। उनके मुताबिक, यदि कोई परिवार प्रतिबंधों को नजरअंदाज करता है तो कस्बे का कोई भी इमाम या काजी उस विवाह में निकाह नहीं पढ़ाएगा। पंचायत का दावा है कि यह फैसला किसी पर दबाव बनाने के लिए नहीं, बल्कि शादी के खर्च पर नियंत्रण, समारोहों में होने वाले विवाद-झगड़ों की रोकथाम और खासकर युवा पीढ़ी पर आर्थिक बोझ कम करने की मंशा से लिया गया है। इसी के साथ पंचायत से जुड़े लोगों ने संकेत दिए हैं कि वे इस मॉडल को मथुरा और आसपास के अन्य इलाकों में भी समुदाय स्तर पर आगे बढ़ाएंगे, ताकि उत्तर प्रदेश में शादी-ब्याह की रस्में सादगी, अनुशासन और सामाजिक सौहार्द के साथ निभाई जा सकें। UP News

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