UP News : भगवान महावीर को मानने वाले जैन समाज ने बहुत बड़ा काम किया है। जैन समाज के इस काम का गवाह बना है उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में जैन समाज द्वारा स्थापित एक विशेष केन्द्र की उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली तक खूब चर्चा हो रही है। जैन समाज के इस बेहतरीन काम की पूरी दुनिया में तारीफ की जा रही है।
जैन समाज ने बचाई 600 जान
जैन समाज ने उत्तर प्रदेश के बागपत में एक बकराशाला स्थापित की है। उत्तर प्रदेश के नागरिकों ने गऊशाला तो बहुत देखी थीं किन्तु बकराशाला पहली बार देखी है। उत्तर प्रदेश की इस बकराशाला में अलग-अलग स्थानों से जान बचाकर लाए गए 600 बकरे रखे गए हैं। ईद के मौके पर जिन बकरों की कुर्बानी (काटकर मारना) दी जानी थी उन बकरों को उत्तर प्रदेश की इस बकराशाला में रखा गया है। ईद से दो दिन पहले इन बकरों को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर, गुलावटी तथा दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों से खरीदकर उत्तर प्रदेश के बागपत में लाया गया है। यह शानदार काम जैन समाज ने किया है।
दुनिया भर में हो रही है तारीफ
UP News
जैन समाज के द्वारा ईद के मौके पर काटे जाने वाले बकरों की जान बचाने के काम की दुनिया भर में तारीफ हो रही है। दुनिया में हिंसा के विरोधी तथा अहिंसा के करोड़ों समर्थकों ने जैन समाज के इस बेहतरीन काम की तारीफ की है। उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली NCR के क्षेत्र में 600 बकरों की जान बचाकर जैन समाज ने अनूठा उदाहरण पेश किया है।
बकरीद पर खरीद लिए 600 बकरे
आपको बता दें कि बकरीद पर बकरों को काटकर खाने की परम्परा है। इस परम्परा को तोड़ते हुए जैन समाज ने काटने के लिए मंडी में लाए गए 600 बकरे उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली से खरीद लिए। 600 बकरों की कीमत एक करोड़ रूपए बताई जा रही है। जैन समाज ने एक करोड़ रूपए उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली में समाज के सहयोग से एकत्र किए और उस पैसे से 600 बकरों की जान बचाई। यह काम जैन समाज की प्रसिद्ध संस्था दया संस्थान ने किया है।
बनाई बकराशाला
UP News
जैन समाज की संस्था दया संस्थान ने उत्तर प्रदेश के बागपत में बकराशाला स्थापित करके उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली से खरीद गए 600 बकरे बकराशाला में रखे हैं। बकरा शाला में बकरों की ताउम्र देखरेख के लिए चिकित्सकों के साथ सहायक स्टाफ है। जीव दया संस्थान ने बकरीद से दो-तीन दिन पहले दिल्ली के गाजीपुर,, सीलमपुर और जाफराबाद समेत उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की गुलावठी की मंडी से बकरे खरीदे हैं। करीब 600 बकरों की कीमत एक करोड़ रुपये से ज्यादा आई है। इनको उत्तर प्रदेश के बागपत की बकराशाला भेज दिया गया है।संस्थान से जुड़े अर्जुन जैन ने बताया कि जियो और जीने दो के संदेश का पालन करते हुए हमने पहल की है। इसमें स्वाभाविक मौत होने तक बकरों की देखभाल की जाएगी। बकराशाला में चिकित्सकों के साथ पूरा सहायक स्टाफ है। यहां इनकी हर तरह से देखभाल की जाएगी। इससे सभी बकरे अपनी 12-15 साल तक की औसत उम्र पूरी कर सकेंगे। पेशे से सीए विवेक जैन ने बकरीद पर चांदनी चौक से 124 बकरे खरीदे। इनकी कीमत करीब 15 लाख रुपये आई। जैन समाज के आपसी सहयोग से रकम जुटाई गई। इनको पुरानी दिल्ली के धरमपुर इलाके के जैन मंदिर में इकठ्ठा किया गया। इससे पहले 15 जून की शाम जैन समाज ने 25 लोगों की एक टीम बनाई। पैसे के लिए व्हाट्सएप पर मैसेज भेजा गया। चिराग ने कहा कि हम लोग वहां मुस्लिम बनकर गए थे और उनके बकरों के रेट पूछे। अगले दिन टीम के सदस्य गुप्त तरीके से पुरानी दिल्ली के जामा मस्जिद, मीना बाजार, मटिया महल और चितली कबर बाजार गए। सभी ने कुर्ता पहन रखा था। विवेक ने बताया कि खरीदते समय हमें किसी भी तरह का कोई डर नहीं था। बस फिक्र इस बात की थी कि मालूम हो जाने पर विक्रेता उनसे ‘अतिरिक्त रकम की मांग करते, जबकि हम लोगों की कोशिश ज्यादा से ज्यादा बकरों को बचाने की थी। मोलभाव करने से बात 10,000 रुपये प्रति बकरे पर बन गई। इससे 124 बकरों की खरीद हुई।UP News