Thursday, 21 November 2024

बिना पुलिस को बताए उड़ाया ड्रोन तो भुगतना पड़ेगा बड़ा अंजाम

UP News : उत्तर प्रदेश में यदि किसी भी व्यक्ति ने बिना पुलिस की अनुमति लिए ड्रोन उड़ाया तो बड़ा…

बिना पुलिस को बताए उड़ाया ड्रोन तो भुगतना पड़ेगा बड़ा अंजाम

UP News : उत्तर प्रदेश में यदि किसी भी व्यक्ति ने बिना पुलिस की अनुमति लिए ड्रोन उड़ाया तो बड़ा अंजाम भुगतना पड़ सकता है। ड्रोन उड़ाने वाले लोगों पर अब थाना स्तर पर कार्यवाही की जाएगी। ड्रोन के संचालन को लेकर ‘उत्तर प्रदेश ड्रोन प्रचालन सुरक्षा नीति-2023’ को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

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आपको बता दें कि आज ड्रोन बहुत उपयोगी हो चुका है। फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी के साथ-साथ एग्रीकल्चर और सिक्योरिटी के क्षेत्र में भी ड्रोन का प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे में इसके दुरुपयोग की आशंका है। प्रदेश सरकार ने भारत सरकार के सिविल एविएशन एक्ट के तहत इस पॉलिसी के लिए राज्य स्तर पर एक नियमावली लागू करने का निर्णय लिया है। नियमावली के तहत ड्रोन की गतिविधियों को थाना स्तर से भी निगरानी की जा सकेगी कि वहां कितने ड्रोन मौजूद हैं, किस तरह के उपयोग के लिए हैं।

ड्रोन के संचालन के लिए बनेंगे जोन

उत्तर प्रदेश में ड्रोन के संचालन के लिए कई जोन तैयार किए जाएंगे। रेड, ग्रीन और यलो जोन निर्धारित करने के लिए भी कार्रवाई की जाएगी। रेड जोन नो फ्लाई जोन होते हैं, जहां कोई गतिविधि संचालित नहीं हो सकती। यलो जोन में प्रशासन तय कर सकता है कि यहां पर किस तरह की गतिविधि हो और किस तरह की नहीं। इसी तरह ग्रीन जोन में शेष गतिविधियां संचालित की जा सकती हैं।

ड्रोन पंजीकरण एक पोर्टल के जरिए होगा। रेड जोन तय करने का अधिकार, अर्थदंड लगाने, राज्य स्तरीय समितियों का गठन होगा। इस नीति के जरिए नो परमिशन, नो टेक आफ हार्डवेयर व फर्मवेयर, रियल टाइम ट्रैकिंग, बीकन, जीओ फेंसिंग क्षमता, आदि का अनुपालन होगा। प्रत्येक संचालित ड्रोन का राज्य के पोर्टल पर
पंजीकरण जरूरी होगा।

अतिविशिष्ट लोगों का भ्रमण, जनसभाएं, यात्राएं, धार्मिक सम्मेलन व अन्य महत्वपूर्ण आयोजन के मद्देनजर अस्थाई रेड जोन घोषित किया जा सकेगा। अनुसंधान संस्थाएं, शैक्षणिक संस्थाएं, उद्योग संवर्धन और मान्यता प्राप्त स्टार्टअप, वायुयान निर्माता, जीएसटी पहचान संख्या है, को नियमावली से छूट मिलेगी।

नियमावली का उल्लंघन करने वालों पर अर्थदंड के लिए समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकेगी। पुलिस नियंत्रण कक्ष के जरिए ड्रोन पर निगाह रखी जाएगी। सरकार पुलिस बल, राज्य कर्मचारियों व जरूरत पड़ने पर कुछ अन्य लोगों को ड्रोन तकनीक, संचालन, विधियों व नियमों के प्रति संवेदनशील करने व संबंधित मुद्दों पर प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा सकेगा।

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