“कहां गायब” हो गई “यूपी में का-बा” गाने वाली नेहा सिंह राठौर UP me Kaba : Neha Singh Rathor

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UP me Kaba
locationभारत
userचेतना मंच
calendar05 Apr 2023 10:11 PM
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UP me Kaba : लखनऊ/नई दिल्ली/पटना। “यूपी में का-बा” शीर्षक से एक के बाद एक दो दर्जन चर्चित गीत गाने वाली लोक गायिका नेहा सिंह राठौर (Neha Singh Rathor) एक बार फिर चर्चा में हैं। सोशल मीडिया पर अनेक लोग सवाल पूछ रहे हैं कि “यूपी में का-बा” गाने वाली नेहा सिंह राठौर इन दिनों कहां गायब हो गई हैं ?

UP me Kaba - क्यों ढूंढी जा रही हैं नेहा सिंह राठौर ?

दरअसल हाल ही में रामनवमी के अवसर पर बिहार के सासाराम व उसके आसपास के हिस्सों में दंगा हुआ है। अभी भी रह-रहकर दंगाई कोई न कोई हरकत जरूर कर रहे हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले अनेक यूजर्स लोक गायिका नेहा सिंह राठौर को संबोधित करके यह सवाल उठा रहे हैं कि बिहार में सासाराम जल रहा है, किन्तु ऐसे में “यूपी में का-बा” गाने वाली नेहा सिंह राठौर जो कि बिहार की रहने वाली हैं कहां गायब हो गयी हैं ?

एक यूजर्स ने पूछा है कि बिहार में सासाराम जल रहा है, गायिका नेहा सिंह राठौर प्रतिभा की धनी हैं, अच्छा गाती हैं, समस्याओं को पारंपरिक गायन के तरीके से जनता के सामने रखती हैं। पूरी उम्मीद है कि बिहार के मौजूदा हालात पर नेहा सिंह “बिहार में का-बा” गाकर दंगाईयों को शर्मिंदा जरूर करेंगी। दूसरा यूजर्स नेहा सिंह राठौर की फोटो लगाकर लिखता है कि “बिहार में का-बा” ! कुछ “बतईबु” कि, मुंह में “दही” जमइले रहबू ! इसी प्रकार की अनेक टीका-टिप्पणियां सोशल मीडिया पर चल रही हैं।

“यूपी में का-बा” के बाद नेहा ने बेरोजगारी पर गाया गाना

आपको बता दें कि नेहा सिंह राठौर को आखिरी गाना 22 फरवरी 2023 को सोशल मीडिया पर अपलोड हुआ था। इस गाने में नेहा सिंह ने बेरोजगारी का मुददा उठाया है। इस गाने को भी देश भर में खूब पसंद किया गया। गाने के बोल “बेरोजगार बानी साहेब रोजगार मांगीला” लोगों की जुबान पर खूब चढ़ा।

कौन है लोक गायिका नेहा सिंह राठौर

नेहा सिंह राठौर बिहार में जन्मी मात्र 25 साल की युवती है। ठेठ ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाली नेहा सिंह राठौर सरकारी व्यवस्था पर तंज करने वाले लोकगीत गाती व लिखती हैं। कुछ दिन पूर्व चेतना मंच ने नेहा सिंह राठौर का एक बड़ा इंटरव्यू किया था जिसमें नेहा सिंह खुद ही अपनी पूरी जीवन गाथा बताती हैं। नीचे वीडियो में नेहा का वह इंटरव्यू सुनकर आप भी जान लीजिए कि कौन हैं नेहा सिंह राठौर ? और क्या करती हैं ?

https://www.youtube.com/watch?v=kH62-QUPFxc

बड़ी बात: दुनिया भर से समर्थन मिल रहा है “यूपी में का बा” वाली नेहा को

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UP News : सीएम के हाथों से नियुक्ति पत्र पाकर झूम उठे 795 युवा

Yogi
795 youths got excited after getting the appointment letter from the hands of CM
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 05:39 AM
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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 के पहले चयन आयोगों पर सवाल उठते थे, युवाओं को आंदोलन करना पड़ता था। चयन प्रक्रिया के पारदर्शी न होने की वजह से युवाओं को धरना-प्रदर्शन और आत्महत्या के लिए विवश होना पड़ता था। भाई-भतीजावाद का बोलबाला था। पैसे का लेनदेन होता था। कुछ लोगों के घरों से सूची बनकर जाती थी, जो योग्य नहीं होते थे, उनको आयोग का अध्यक्ष बनाया जाता था। उन्होंने कहा कि आपकी पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि आपने अपनी नौकरी के लिए इस सरकार के समय आवेदन किया, जिसमें पूरी ईमानदारी के साथ चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। किसी भी स्तर पर सिफारिश की आवश्यकता महसूस नहीं हुई।

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यूपी में कार्य करना गर्व की बात

सीएम योगी ने बुधवार को मिशन रोजगार के अंतर्गत उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग एवं उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के तहत चयनित अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने 13 से ज्यादा विभागों के चयनित हुए 795 अभ्यर्थियों को बधाई दी और कहा कि उत्तर प्रदेश में कार्य करना देश के किसी भी अधिकारी या कार्मिक के लिये गर्व की बात है। ये मान्यता है कि जिस अधिकारी या कार्मिक ने उत्तर प्रदेश के अंदर ईमानदारी से कार्य कर लिए वह देश और दुनिया के अंदर कहीं भी सफलता के नये झंडे गाड़ सकता है। यहां कार्य करने वाले कार्मिकों के बारे में यह धारणा इसलिए है क्योंकि यूपी देश की सबसे बड़ी आबादी का राज्य है।

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यूपी की छवि पर लगे सभी प्रश्नों का उत्तर सरकार ने दे दिया

सीएम योगी ने कहा कि 25 करोड़ की आबादी के बीच में शासन की योजनाओं को पूरी पारदर्शी तरीके से सभी तक पहुंचना एक बड़ा दायित्व है। उन्होंने कहा कि प्रशासन और उससे जुड़े हुए कार्मिक शासन और जनमानस के मध्य की महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं। जितनी तत्परता और ईमानदारी के साथ यह सेतु का कार्य करते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करता है, शासन की छवि आम जनमानस के बीच उतनी ही अच्छी होती है। साथ ही शासकीय योजनाओं का लाभ आम जनमानस को उतनी ही तत्परता और पारदर्शी तरीके से मिलता हुआ दिखाई देता है। सीएम योगी ने कहा कि 2017 मैं मैंने कहा था कि यदि किसी ने युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ किया तो उसको जेल के चक्कर काटने पड़ जाएंगे। उसे इस प्रकार की स्थिति में पहुंचाएंगे कि उसके परिवार का कोई भी व्यक्ति शासन की सेवाओं में आने का सपना नहीं देख पाएगा। आज सरकार की कार्यपद्धति ने यूपी की छवि पर लगे सभी प्रश्नों का उत्तर दे दिया है। सीएम योगी ने कहा कि विगत छह वर्ष के अंदर हमारी प्रशासनिक टीम ने शासन के साथ जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर के केंद्र और राज्य शासन की योजनाओं का शतप्रतिशत लाभ आम जनमानस तक पहुंचाने का कार्य किया है। इसके परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। शासन और प्रशासन के कार्य से ही प्रदेश की धारणा बदलती है। जब आम जनमानस की धारणा बदली है तो देश और दुनिया में भी प्रदेश की छवि बदलने में समय नहीं लगता है।

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32 हजार को मिल चुका है नियुक्ति पत्र

मिशन रोजगार के तहत योगी सरकार प्रदेश के युवाओं को सरकारी और निजी क्षेत्र में नौकरी से लगातार जोड़ रही है। सरकार पिछले छह वर्ष में साढ़े पांच लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दे चुकी है। वहीं योगी 2.0 से अब तक की बात की जाए तो निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से प्रदेश सरकार 32 हजार 436 अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र वितरित कर चुकी है।

UP Politics : जातिवादी द्वेष और अनर्गल मुद्दों की राजनीति करती है सपा : मायावती

बोले अभ्यर्थी- पारदर्शी तरीके से हुआ चयन

खाद्य एवं रसद विभाग में विपणन निरीक्षक के पद पर नियुक्त हुई बाराबंकी की नेहा वर्मा ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी होने की वजह से ही हम लोगों का चयन हो पाया है। यही वजह है कि बड़ी संख्या में महिला अभ्यर्थी भी चयनित हो पाई हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपना कार्य पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से करूंगी। श्रम एवं सेवा योजन विभाग में चिकित्सा अधिकारी के पद पर नियुक्त हुए प्रतापगढ़ के डॉक्टर रवि सिंह ने कहा कि अपने दायित्व का पूरी निष्ठा से निर्वहन करूंगा। उन्होंने मुख्यमंत्री समेत पूरी सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया की वजह से ही आज हम लोग यहां हैं। उपभोक्ता संरक्षण एवं बाट माप विभाग में कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्त हुईं अयोध्या की प्रतिमा शुक्ला ने कहा कि मिशन रोजगार के अंतर्गत हम चयनित हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह भर्ती भी पिछली भर्तियों की तरह ही पूरी तरह से समयबद्ध, निष्पक्ष और पारदर्शी रही। उन्होंने कहा कि हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हमें नियुक्ति पत्र प्राप्त हो रहा है। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग लक्ष्मी नारायण चौधरी, श्रम एवं सेवायोजन समन्वय विभाग के मंत्री अनिल राजभर, प्राविधिक शिक्षा एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री आशीष पटेल, आबकारी एवं मद्य निषेध के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल, रजिस्ट्रेशन, स्टाम्प एवं न्यायालय शुल्क के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल, उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह समेत अन्य मौजूद थे। उत्तर प्रदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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UP Politics : जातिवादी द्वेष और अनर्गल मुद्दों की राजनीति करती है सपा : मायावती

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 01:26 PM
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UP Politics : लखनऊ। समाजवादी पार्टी (SP) प्रमुख अखिलेश यादव के बहुजन समाज के उनके झंडे तले बड़े पैमाने पर एकजुट होने के दावे के बाद बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती ने बुधवार को कहा कि दलितों, अन्‍य पिछड़े वर्गों और मुस्लिम समुदाय को, जनहित के बजाय जातिवादी द्वेष और 'अनर्गल मुद्दों' की राजनीति करने वाली सपा से सावधान रहना चाहिए।

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मायावती ने पार्टी संस्थापक कांशीराम द्वारा बनाए गए सपा-बसपा गठबंधन का भी जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बनने के बावजूद मुलायम सिंह यादव की नीयत साफ नहीं थी और उन्‍होंने बसपा को बदनाम करना और दलितों का उत्पीड़न जारी रखा था।

जातिवादी राजनीति करना सपा का स्वभाव

मायावती ने आज सिलसिलेवार ट्वीट कर सपा पर हमले किये। उन्‍होंने कहा कि 'सपा प्रमुख की मौजूदगी में मिले 'मुलायम-कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्रीराम’ नारे को लेकर रामचरित मानस विवाद वाले सपा नेता (स्‍वामी प्रसाद मौर्य) पर मुकदमा दर्ज होने की खबर सुर्खि़यों में है। वास्तव में उत्‍तर प्रदेश के विकास और जनहित के बजाय जातिवादी द्वेष एवं अनर्गल मुद्दों की राजनीति करना सपा का स्वभाव रहा है।

गौरतलब है कि श्रीरामचरित मानस पर टिप्‍पणी करके विवादों से घिरे सपा नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने गत सोमवार को रायबरेली में पार्टी अध्‍यक्ष अखिलेश यादव द्वारा बसपा संस्‍थापक कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण किये जाने के मौके पर वर्ष 1993 के चर्चित नारे 'जब मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गये जय श्रीराम' को दोहराया था। इस मामले में उनके खिलाफ हिन्‍दू युवा वाहिनी के एक स्‍थानीय नेता की तहरीर पर धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। कार्यक्रम के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दावा किया था कि दलित समुदाय बहुत बड़े पैमाने पर सपा के साथ जुड़ा रहा है।

सपा की नीयत साफ नहीं रही

मायावती ने एक अन्‍य ट्वीट में कहा कि यह हकीकत लोगों के सामने बराबर आती रही है कि सन 1993 में कांशीराम ने सपा-बसपा गठबंधन अच्छी भावना के तहत किया था, किन्तु मुलायम सिंह यादव के गठबंधन का मुख्यमंत्री बनने के बावजूद उनकी नीयत पाक-साफ न होकर बसपा को बदनाम करने व दलित उत्पीड़न को जारी रखने की थी।

उन्‍होंने एक अन्‍य ट्वीट में कहा कि इसी क्रम में उस दौरान अयोध्या, श्रीराम मन्दिर व ऊंची जाति के समाज आदि से सम्बंधित जिन नारों को प्रचारित किया गया था उसके पीछे बसपा को बदनाम करने की सपा की शरारत व सोची-समझी साजिश थी। अतः सपा की ऐसी हरकतों से खासकर दलितों, अन्य पिछड़ा वर्ग व मुस्लिम समाज को सावधान रहने की सख्त जरूरत है।

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