Mahakumbh 2025 : प्रयागराज में बारह वर्षों में एक बार लगने वाला महाकुंभ जो हम सबके आस्था का महापर्व है, शुरू होने जा रहा है। प्रयागराज में आस्था के इस मेले में देश ही नहीं पूरी दुनिया से साधु संन्यासी और सनातनी शामिल हो रहे हैं। करीब डेढ़ महीने तक प्रयागराज महाकुंभ में सनातन धर्म की जय जयकार होने वाली है। महाकुंभ 2025 के पूरी तरह से शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज के रसूलाबाद घाट का नाम बदलकर शहीद चंद्रशेखर आजाद घाट कर दिया है। योगी आदित्यनाथ के इस अचानक लिए गए फैसले की काफी चर्चा हो रही है। हालांकि साधु संत इससे काफी खुश नजर आ रहे हैं।
चंद मिनटों में ‘रसूलाबाद’ घाट का नाम बदला
महाकुंभ की तैयारी के साथ ही सज सवरकर तैयार हुए इस घाट को कुछ दिनों पहले तक रसूलाबाद घाट के नाम से जाना जाता था, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई दशकों से रुका हुआ फैसला कुछ मिनट में कर डाला और इसका नाम ही बदल दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उस वक्त मौजूद शहर के मेयर गणेश केसरवानी ने बताया कि कैसे सिर्फ 3 मिनट में ही महाकुंभ से ठीक पहले निरीक्षण करने आए मुख्यमंत्री ने ये फैसला ले लिया और रसूलाबाद घाट का नाम चंद्रशेखर आजाद घाट हो गया।
प्राचीन घाटों में से एक घाट है रसूलाबाद घाट
प्रयागराज में महाकुंभ के लिए 100 से ज्यादा घाट बनाए गए हैं। लेकिन अगर प्राचीन घाटों की बात की जाए तो सरस्वती घाट, अरैल घाट, कालीघाट और दशाश्वमेध घाट जैसे प्राचीन घाट मशहूर हैं। मेयर गणेश केसरवानी ने बताया कि इन सभी नाम के बीच रसूलाबाद घाट का नाम मुख्यमंत्री को भी खटक रहा था। मुख्यमंत्री योगी त्वरित फैसला लेने के लिए जाने जाते हैं। स्थानीय लोग भी इस फैसले से काफी खुश हैं।
इसी घाट पर चंद्रशेखर आजाद का दाह संस्कार हुआ था
आपको बताते हैं कि आखिरकार रसूलाबाद घाट का नाम बदलकर शहीद चंद्रशेखर आजाद घाट क्यों रखा गया। इसे समझने के लिए आपको चलना होगा प्रयागराज के उस ऐतिहासिक और प्रेरणादायक स्थल पर जहां आजादी की लड़ाई का एक परवाना शहीद हुआ था। अल्फ्रेड पार्क में चंद्रशेखर आजाद ने शहादत दे दी लेकिन इतने बड़े क्रांतिकारी की शहादत के बाद अंग्रेज सरकार को भी इस बात का ख्वाब था कहीं लोग बगावत न कर दें, क्रांतिकारियों में गुस्सा था। इसके बाद अंग्रेजों ने चुपचाप रसूलाबाद घाट में चंद्रशेखर आजाद का अंतिम संस्कार करवा दिया। इसलिए योगी आदित्यनाथ ने भी इस घाट का नाम चंद्रशेखर आजाद घाट करना उचित समझा, और इसका नाम बदल दिया। Mahakumbh 2025
इससे पहले भी बदले गए ये नाम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ से ठीक पहले रसूलाबाद घाट का नाम बदलकर अमर शहीद की शहादत को भी नमन किया है। खास बात ये है हिंदुओं के साथ साथ प्रयागराज के मुसलमान भी इस फैसले का विरोध नहीं कर रहे। मुख्यमंत्री इससे पहले भी कई शहरों और स्थानों का नाम बदल चुके हैं। गोरखपुर में उर्दू बाजार को हिंदी बाजार, हुमायूंपुर को हनुमान नगर, मीना बाजार को माया बाजार और अलीनगर को आर्य नगर किया गया था। खुद इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया गया, और अब महाकुंभ से पहले रसूलाबाद घाट का नाम बदलने का सनातनी स्वागत कर रहे हैं। हालांकि प्रयागराज के मुसलमानों को भी इस घाट का नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद के नाम पर करने से कोई ऐतराज नहीं है। Mahakumbh 2025
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