सहारनपुर। कुक्कुट विकास नीति के तहत अब सहारनपुर अंडा उत्पादन का बड़ा हब बनने जा रहा है। जिसको लेकर कवायद तेज हो गई है। जिले की लगभग 95 अंडा उत्पादन यूनिट को इकट्ठा करके आठ कलस्टर बनाया जाएगा। अभी तक सहारनपुर से हर महीने 3.74 लाख अंडों की आपूर्ति जिले से उत्तराखंड, हरियाणा एवं पड़ोसी जिलों में हो रही थी। नई आठ बड़ी यूनिट लगाने में 1.80 करोड़ रुपये का प्रस्ताव जिला प्रशासन ने शासन के भेज दिया है। कलस्टर बनने के बाद इसका लक्ष्य 5 करोड़ होगा।
प्रदेश में कुक्कुट विकास नीति योजना साल 2013 से लागू की गई थी। जिसके बाद योजना को अलग अलग श्रेणियों में विभाजित किया गया। सहारनपुर में बनने वाली यूनिट 1.80 करोड़ की है, जिसमें 30,000 मुर्गियों को रखने की शर्त है। जबकि 70 लाख रुपए की लागत से बनने वाली दूसरी यूनिट में 10,000 मुर्गियों को रखने का नियम है। तीसरी यूनिट में चूजा (मुर्गी का बच्चा) उत्पादन होगा।
पशुपालन विभाग पोल्ट्री फार्म संचालित करने वाले व्यक्ति को ऋण दिलाया जाएगा और उसमें 30 प्रतिशत की ग्रांट दी जाएगी। जिले में फिलहाल करीब 95 छोटी-बड़ी यूनिट संचालित है। जिनमें 3.74 करोड़ अंडों की आपूर्ति सहारनपुर से मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, देहरादून, यमुनानगर और अंबाला में हो रही है। लेकिन विभाग इस दायरे को बढ़ाने और जिले को अंडा उत्पादन का हब बनाने की कवायद में लगा है।
जिसके लिए छह करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। लगभग दो से तीन माह के भीतर इन यूनिटों को स्थापित कराया जाएगा। इसके अलावा 70 लाख वाली इकाइयों को बढ़ाने के लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है।
चूजा उत्पादन बढ़ेगा
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा.राजीव कुमार सक्सेना ने बताया कि वर्तमान में जिले में 10,000 चूजों का उत्पादन की यूनिट संचालित है। लेकिन सभी यूनिटों को एकत्रित कर दिया जाएगा और एक बड़ी यूनिट लगाई जाएगी। चूजों की संख्या चार गुना बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। प्रत्येक माह 40 हजार चूजों का उत्पाद होगा।
वर्तमान स्थिति
जिले में 47 यूनिट लगी है, जिनकी कीमत 1.80 करोड़ है। प्रत्येक यूनिट में 30-30 हजार मुर्गियां है। जबकि 70 लाख वाली 27 यूनिट लगी है, जिनमें 10-10 हजार मुर्गियां हैं। यहीं नहीं जिले में चूजा उत्पादन की 10 यूनिट हैं, जिनको पशुपालन विभाग दो गुना करने की तैयारी कर रहा है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा.राजीव कुमार सक्सेना का कहना है कि सहारनपुर में अंडा उत्पादन का हब बनाने के लिए 8 नई यूनिट बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। वर्तमान में 3.74 करोड़ अंडों की प्रत्येक माह आपूर्ति हो रही है। बड़ी यूनिट लगने के बाद 5 करोड़ अंडों के उत्पादन का लक्ष्य रहेगा। यहीं नहीं यूनिट लगाने वाले व्यक्ति को ऋण दिलाया जाएगा और उसमें 30 प्रतिशत की ग्रांट दी जाएगी।