Friday, 20 June 2025

हेमा मालिनी पर भड़के शंकराचार्य, धर्म परिवर्तन को लेकर कह दी बड़ी बात 

Hema Malini :  वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर परिसर में प्रस्तावित कॉरिडोर परियोजना को लेकर धर्म और राजनीति आमने-सामने आ…

हेमा मालिनी पर भड़के शंकराचार्य, धर्म परिवर्तन को लेकर कह दी बड़ी बात 

Hema Malini :  वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर परिसर में प्रस्तावित कॉरिडोर परियोजना को लेकर धर्म और राजनीति आमने-सामने आ गई हैं। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने न केवल इस योजना पर सख्त आपत्ति जताई है, बल्कि मथुरा की सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी के समर्थन को लेकर भी तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने आरोप लगाया कि हेमा मालिनी को सनातन धर्म की समझ नहीं है क्योंकि उन्होंने विवाह के लिए धर्म परिवर्तन किया था। ऐसे में, उनका धार्मिक मामलों पर बोलना अनुचित है।

धार्मिक आस्था की अनदेखी का लगाया आरोप

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने स्पष्ट किया कि अगर ठाकुर जी के मंदिर परिसर में कोई निर्माण कार्य किया जाना है तो उससे पहले संबंधित धर्माचार्यों की सहमति लेना अनिवार्य है। लेकिन सरकार बिना किसी परामर्श के सीधे मंदिर परिसर में प्रवेश कर योजनाएं लागू करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने इसे सनातनी मर्यादा के प्रति एक बड़ा अपमान बताया। उन्होंने वाराणसी में विश्वनाथ मंदिर के आसपास की स्थिति का उदाहरण देते हुए कहा कि कॉरिडोर के नाम पर वहां भी धार्मिक नियमों की अनदेखी हुई, जहां मंदिर के निकट राजनेताओं के वाहन खड़े किए जाते हैं, जो कि मंदिर की मर्यादा के खिलाफ है।

हेमा मालिनी पर धर्म परिवर्तन का लगाया आरोप

बांके बिहारी कॉरिडोर के समर्थन में खुलकर आईं हेमा मालिनी पर शंकराचार्य ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हेमा मालिनी मूल रूप से मुस्लिम हैं और विवाह के दौरान उन्होंने धर्म परिवर्तन किया है, इसलिए उनके लिए हिंदू धार्मिक मान्यताओं को समझना मुश्किल है। स्वामी ने कहा, “यदि हमारी धार्मिक परंपराओं को इस तरह तोड़ा गया तो वृंदावन के लोगों ने गैर-हिंदू प्रतिनिधि चुनने में गलती की है।”

सरकार को दिया सुझाव

शंकराचार्य ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यदि सरकार मंदिर प्रबंधन में हाथ डालना चाहती है तो पहले गोरखनाथ मंदिर का ट्रस्ट बनाकर उसे सौंपे। उन्होंने कहा, “सरकार अपने मंदिर खुद संभाले लेकिन हमारे मंदिरों में दखलअंदाजी बंद करे।” उन्होंने कहा कि वाराणसी के विश्वनाथ मंदिर में भी धार्मिक मर्यादा का उल्लंघन हो चुका है, जहां राजनेताओं की गाड़ियां भगवान के मंदिर के बहुत करीब खड़ी होती हैं, जो कि स्वीकार्य नहीं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि मंदिरों में कोई भी योजना बनाते समय पहले धर्माचार्यों से चर्चा होनी चाहिए, न कि बिना परामर्श के सीधे हस्तक्षेप किया जाए।      Hema Malini

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