UP News : उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा हत्याकांड हुआ है। उत्तर प्रदेश के बड़े हत्याकांड में एक पूरे परिवार की हत्या कर दी गई है। उत्तर प्रदेश के इस हत्याकांड में एक नहीं, दो नहीं बल्कि परिवार के 5 (पांच) लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया है। इस बड़े हत्याकांड को सुलझाने में उत्तर प्रदेश पुलिस पूरी तरह से उलझ गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस को समझ में ही नहीं आ रहा है कि आखिर उत्तर प्रदेश के इस पूरे परिवार की जान अचानक किसने और क्यों ले ली है।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ है हत्याकांड
उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा हत्याकांड हुआ है। एक पूरे परिवार का खात्मा करने वाले इस हत्याकांड की गुत्थी पूरी तरह से उलझन भरी हुई है। उत्तर प्रदेश पुलिस इतने बड़े हत्याकांड को लेकर अंधेरे में तीर चला रही है। पुलिस को पहले शक हुआ था कि इस हत्याकांड को प्रोपर्टी के लिए घर के मुखिया राजेन्द्र ने अंजाम दिया है। बाद में राजेन्द्र का शव भी मिल गया तो उत्तर प्रदेश पुलिस पूरी तरह से उलझन में पड़ गई। पुलिस को समझ में ही नहीं आ रहा है कि एक हंसते-खेलते हुए पूरे परिवार को किसने मौत के घाट उतार दिया है।
क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश में हुए सबसे बड़े हत्याकांड को हम आपको विस्तार से समझा रहे हैं। इस हत्याकांड को धैर्य से समझना पड़ेगा। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित भदैनी क्षेत्र में स्थित राजेंद्र गुप्ता के मकान में 6 नवंबर की सुबह उस समय चीख-पुकार मच गई जब नौकरानी ने घर में एंटर किया। मकान के अलग-अलग कमरों में और बाथरूम में राजेंद्र की पत्नी सहित उनके तीनों बच्चों के शव खून से सने पाए गए। मृतकों में राजेंद्र की 45 वर्षीय पत्नी नीतू गुप्ता, 25 वर्षीय पुत्र नमनेंद्र, 17 साल की बेटी गौरंगी व सबसे छोटा बेटा शिवेंद्र (15) शामिल था। मौके पर पहुंची पुलिस के मुताबिक, सभी चारों को गोली मारी गई थी। घटना के कई घंटे बीतने के बाद भी जब परिवार के मुखिया राजेंद्र गुप्ता का पता नहीं चला तो पुलिस यह मान बैठी कि गुस्सैल और आपराधिक प्रवृति के राजेंद्र गुप्ता ने ही पारिवारिक कलह से आजिज आकर पहले अपने परिवार के चार सदस्यों का खात्मा किया और फिर फरार हो गया।
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क्योंकि, राजेंद्र गुप्ता पर वर्ष 1997 में प्रॉपर्टी के लालच में अपने भाई कृष्णा और उसकी पत्नी मंजू की गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगा था। इसमें वह जेल भी गया था। खुद राजेंद्र के पिता लक्ष्मी नारायण ने ही भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उस समय राजेंद्र ने पिता को भी जान से मारने की धमकी दी थी। कुछ टाइम बाद पिता को सच में गोली मार दी गई थी। इस घटना में उनकी सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी और एक अन्य व्यक्ति की भी मौत हो गई। हालांकि, बाद में इस केस की ठीक से पैरवी ना हो पाने की वजह से राजेंद्र जेल से बाहर आ गया। बाहर आने के बाद उसने पिता की पूरी संपत्ति पर अकेले कब्जा कर लिया। लेकिन 6 नवंबर की घटना के बाद जब उत्तर प्रदेश पुलिस राजेंद्र की लोकेशन ट्रेस करते हुए शहर के रोहनिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रामपुर लठिया पहुंची तो सन्न रह गई। क्योंकि, वहां पर राजेंद्र के निर्माणाधीन मकान में उसकी लहूलुहान लाश मिली।
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राजेंद्र गुप्ता की बॉडी पर गोलियों के निशान थे। उसे 2 से 3 गोलियां मारी गई थीं। ऐसे में राजेंद्र के सुसाइड करने वाली थ्योरी गलत निकली। अब सवाल है कि आखिर राजेंद्र और उसकी फैमिली का कातिल कौन है? पुलिस जांच में जुटी हुई है। उत्तर प्रदेश पुलिस इस सबसे बड़े हत्याकांड में उलझकर रह गई है। पुलिस अधिकारी केवल हवा में तीर चला रहे हैं। पूरे परिवार की हत्या का कारण पूरे उत्तर प्रदेश में हडक़ंप मचा हुआ है। UP News :
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