UP News : उत्तर प्रदेश में एक अनोखा जिला बनाया जाएगा। खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश में बनने वाला यह अनोखा जिला कोई स्थाई जिला नहीं होगा। उत्तर प्रदेश का यह जिला थोड़े समय के लिए बनाया जाएगा। थोड़े समय में ही एक बड़ा काम पूरा करके उत्तर प्रदेश के इस जिले को भंग कर दिया जाएगा। आप सोच रहे होंगे कि आखिर उत्तर प्रदेश सरकार ऐसा काम क्यों कर रही है। दरअसल उत्तर प्रदेश में अस्थाई जिला बनाने के पीछे बहुत बड़ा मकसद है।
उत्तर प्रदेश के 45 गांवों को मिलाकर बनेगा अनोखा जिला UP News
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के 45 गांवों को मिलाकर यह अनोखा जिला बनाया जाएगा। इस जिले को बनाने का मकसद प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ-2025 का सफल आयोजन कराना है। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ नगर के नाम से जल्द ही नया जिला बनेगा। इसके लिए सर्वे शुरू कर दिया गया है। इसमें 40 से 45 गांव लिए जाने की तैयारी है। जबकि, 2019 में 30 गांव लिए गए थे। महाकुंभ-2025 की दृष्टि से ‘निर्धारित समय के लिए एक नया जिला घोषित किया जाएगा। इसमें अधिसूचित क्षेत्र के लिए नए डीएम के अलावा पूरा प्रशासनिक महकमा अलग होगा।
इस बार 4000 हजार हेक्टेयर में मेला लगाया जाएगा। महाकुंभ नगर में इस 4000 हजार हेक्टेयर के अलावा भी आसपास की जमीन शामिल की जाएगी। इसका दायरा चिह्नित करने के लिए मेलाधिकारी विजय किरन आनंद की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। कमेटी में मेला एसएसपी के अलावा डीएम प्रयागराज समेत अनेक अफसर एवं संस्थाओं के प्रमुख शामिल किए गए हैं।
प्रयागराज जिला एवं मेला प्रशासन के बीच सीमा विवाद न हो इसलिए कई कदम उठाए गए हैं। इसके तहत इस बार चिह्नित पूरे गांव को महाकुंभ नगर में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। पूर्व में जरूरत के अनुसार आंशिक रूप से भी गांव शामिल किए जाते रहे हैं। इसके अलावा प्रशासन का सबसे ज्यादा फोकस वाहनों के पार्किंग स्थलों पर है।
पार्किंग स्थलों के संचालन की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। नए जिले के बाबत जारी होने वाली अधिसूचना में स्पष्ट होगा कि कौन-कौन से पार्किंग स्थल महाकुंभ नगर की पुलिस के पास और कौन से प्रयागराज जिले की पुलिस के पास होंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बढ़ाया है महाकुंभ मेले का दायरा
सबको पता है कि जिस प्रदेश में महाकुंभ का मेला लगता है उसी प्रदेश की सरकार महाकुंभ के आयोजन की पूरी व्यवस्था करती है। महाकुंभ-2025 का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो रहा है। इसी कारण महाकुंभ की पूरी व्यवस्था उत्तर प्रदेश की सरकार करेगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ मेले का दायरा बढ़ाने का फैसला कर लिया है। अब तक प्रयागराज में महाकुंभ मेला 3200 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर लगता था। अब महाकुंभ मेले का दायरा बढ़ाकर चार हजार हेक्टेयर कर दिया गया है। महाकुंभ-2025 अब तक हुए सभी महाकुंभ से बड़ा मेला होने वाला है।
महाकुंभ-2025 का पूरा कार्यक्रम UP News
इस बीच महाकुंभ-2025 का पूरा कार्यक्रम भी घोषित किया जा चुका है। प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन वर्ष 2025 में 13 जनवरी से होगा। महाकुंभ मेले का आयोजन हर 12 साल में किया जाता है। इससे पहले यह आयोजन वर्ष 2013 में हुआ था। महाकुंभ का का संबंध ज्योतिष और आस्था दोनों से माना जाता है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, वृष राशि में बृहस्पति होने पर कुंभ मेले का आयोजन होता है। साल 2025 में बृहस्पति वृष राशि में होगा। सूर्य और चन्द्रमा के मकर राशि में प्रवेश करने पर महाकुंभ मेले का आयोजन होता है। साल 2025 में यह संयोग बनेगा और तब 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक यह मेला लगेगा।
2025 में महाकुंभ का पहला शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्राति के दिन होगा। दूसरा शाही स्नान 29 जनवरी मौनी अमावस्या के दिन होगा। तीसरा शाही स्नान 3 फरवरी बसंत पंचमी को होगा। इन 3 शाही स्नान के अलावा महाकुंभ कुछ और भी स्नान की तिथियां प्रमुख मानी जाती हैं। जिसमें 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा का स्नान, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा का स्नान और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का स्नान सबसे महत्वपूर्ण है। कुंभ मेले का आयोजन कब और कहां किया जाएगा, इसका निर्धारण ग्रहों और राशियों की स्थिति देखकर किया जाता है।
कुंभ मेले की तिथि को निर्धारित करने में सूर्य और गुरु को अहम माना जाता है। गुरु जब वृष राशि में होते हैं और सूर्य मकर राशि में होते हैं तो मेले का आयोजन प्रयाग में होता है। सूर्य जब मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं तो कुंभ हरिद्वार में लगता है। सूर्य और गुरु जब सिंह राशि में होते हैं तो महाकुंभ मेला नासिक में लगता है। जब गुरु सिंह राशि में और सूर्य मेष राशि मं होते हैं तो कुंभ का आयोजन उज्जैन में होता है। UP News
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