UP News : उत्तर प्रदेश के बलिया में आयोजित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता वाली सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां 25 जनवरी को आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में सैकड़ों दुल्हनों की बिना दूल्हे के शादी करवा दी गई। सोशल मीडिया पर इसका विडियो वायरल होने के बाद से खलबली मची है।
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वायरल विडियो में दुल्हनें खुद ही अपने गले में वरमाला डालती दिखाई दे रही हैं। दुल्हनों में कई ऐसी दुल्हन भी लाई गई थी। जो पहले से ही शादीशुदा बताई गई है। इतना ही नहीं इस सामूहिक विवाह समारोह में कई नाबालिग भी दूल्हे बने बैठे हैं, जो खुद ही अपने गले में वरमाला डाल रहे हैं। वायरल विडियो का संज्ञान लेते हुए सीडीओ ओजस्वी राज ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की है।
25 जनवरी को हुआ था सामूहिक विवाह का आयोजन
दरअसल यूपी के बलिया जिले के मनियर में 25 जनवरी को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया था। इस विवाह समारोह में 568 जोड़ों की शादी हुई थी। लेकिन अब इस समारोह में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। इस विवाह समारोह में बड़ी संख्या में दूल्हों के बिना ही दुल्हनों की शादी करा दी गई। इस सामुहिक विवाह समारोह का एक वीडियो भी समने आया है। इस वीडियो में कुछ दुल्हनें खुद ही वरमाला पहनती दिखाई दे रही हैं। फिलहाल इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
खुद ही माला पहनती दिखी कई दुल्हन
मनियर स्थित इंटर कॉलेज के मैदान में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में 568 जोड़ों की शादी का दावा किया गया था। इस समारोह में एक कतार में खड़ी अधिकतर दूल्हनें वर की अनुपस्थिति में खुद से वरमाला पहनती दिखाई दे रही हैं। बुर्के में आई कई मुस्लिम दुल्हनों ने भी अपने हाथ से ही वरमाला डाली। पूछने पर पता चला कि इनमें कई सारी लड़कियां इस समारोह में घूमने के लिए आई थीं। जिन्हें पैसे का लालच देकर सामूहिक विवाह योजना में फर्जी तरीके से बैठा दिया गया। ताकि कागजों में गिनती हो जाए और सरकारी खजाने से पैसे ले लिए जाएं।
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विवाह समारोह में थे नाबालिग दुल्हे
इलाके के लोगों का कहना है कि विवाह में 90 फीसदी दुल्हा-दुल्हन फर्जी हैं। कई ऐसी महिलाएं शामिल रही, जिनकी शादी पांच साल पहले हो चुकी है। विवाह समारोह में कुछ दूल्हे नाबालिग भी थे। जिला समाज कल्याण अधिकारी राजीव कुमार यादव का कहना है कि ब्लॉक स्तर से सत्यापन की रिपोर्ट पर यह आयोजन कराया गया था। गड़बड़ी हुई है तो जांच कर दोषी लोगों को दंडित किया जाएगा।
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जांच के लिए किया टीम का गठन
वहीं इस मामले में सीडीओ ओजस्वी राज ने सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़ा की जांच के लिए जिला कृषि अधिकारी, जिला दिव्यांगजन अधिकारी और जिला पिछड़ा वर्ग अधिकारी की तीन सदस्यीय समिति गठित की है। साथ ही योजना के तहत दिए जाने वाले सरकारी अनुदान जांच पूरा होने तक रोक दिया है। सीडीओ का कहना है कि लाभार्थियों की सूची का सत्यापन करने वाले कर्मचारियों के साथ ही योजना के तहत आवेदन करने वालों पर भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। दोषी लोगों पर मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही रिकवरी भी की जाएगी।
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