Thursday, 17 April 2025

उत्तर प्रदेश में धमाके करना चाहता था तहव्वुर राणा

UP News : कुख्यात आतंकवादी तहव्वुर राणा उत्तर प्रदेश में बड़े धमाके करना चाहता था। तहव्वुर राणा से की जा…

उत्तर प्रदेश में धमाके करना चाहता था तहव्वुर राणा

UP News : कुख्यात आतंकवादी तहव्वुर राणा उत्तर प्रदेश में बड़े धमाके करना चाहता था। तहव्वुर राणा से की जा रही है पूछताछ में उत्तर प्रदेश का एंगल भी सामने आया है राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA का दावा है कि तहव्वुर राणा तथा उसके आका मुंबई अटैक की तरह से ही उत्तर प्रदेश में भी अटैक करने की योजना बना रहे थे। तहव्वुर राणा ने नवंबर 2008 में उत्तर प्रदेश के शहरों में रेकी करने का काम किया था तहव्वुर राणा की वह घटिया योजना कामयाब हो जाती तो मुंबई में हुए 26/11 की तरह से ही उत्तर प्रदेश में भी धमाके हो जाते।

उत्तर प्रदेश से भी जुड़े हुए हैं आतंकवादी तहव्वुर राणा के तार

भारत की प्रसिद्ध जांच एजेंसी एनआईए ने बहुत बड़ा खुलासा किया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए का दावा है कि कुख्यात आतंकवादी तहव्वुर राणा के तार उत्तर प्रदेश के साथ भी जुड़े हुए हैं। उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों को भी दरिंदा तहव्वुर राणा अपना निशाना बनाना चाहता था। कुख्यात आतंकवादी तहव्वुर राणा तथा उसके आकाओं की साजिश पूरी हो जाती तो मुंबई में हुए 26/11 जैसे ही धमाके उत्तर प्रदेश में भी हो सकते थे। NIA ने दावा किया है कि तहव्वुर राणा ने उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में भी रेकी की थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA भारत की प्रसिद्ध जांच एजेंसी है। कुख्यात आतंकी राणा को NIA की टीम अमेरिका से भारत लाई है। भारत में लाने के बाद एनआईए तहव्वुर राणा से लगातार पूछताछ कर रही है। NIA की पूछताछ में तहव्वुर राणा के तार उत्तर प्रदेश से जुड़े होने का खुलासा हुआ है। NIA के सूत्रों ने बताया कि मुंबई के 26/11 अटैक से पहले आतंकी तहव्वुर राणा ने उत्तर प्रदेश के आगरा तथा हापुड़ शहर में भी रैली की थी। आतंकवादियों की साजिश उत्तर प्रदेश में भी मुंबई के 26/11 जैसा ही बड़ा कांड करने की योजना थी। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने तहव्वुर राणा को 18 दिनों के लिए एनआईए की डिमांड में सौंपा है। रिमाड के दौरान शुरू हुई पूछताछ में पता चला है कि तहव्वुर राणा न्यू उत्तर प्रदेश के आगरा तथा हापुड़ शहरों में अपनी पत्नी समराज अख्तर के साथ मिलकर रेकी की थी। तहव्वुर राणा 13 नवंबर 2008 से लेकर 21 नवंबर 2008 तक उत्तर प्रदेश में रहा था। NIA को पूरा शक है कि राणा तथा उसके आका उत्तर प्रदेश को भी अपना निशाना बनाना चाहते थे। UP News

उत्तर प्रदेश में  भी होगी तहव्वुर राणा से पूछताछ

राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA तहव्वुर राणा उत्तर प्रदेश में भी लेकर आ सकती है। NIA का प्रयास है कि आतंकी तहव्वुर राणा जहां-जहां गया था वहीं पर ले जाकर उसके साथ पूछताछ की जाए। यह स्पष्ट हो चुका है कि तहव्वुर राणा ने उत्तर प्रदेश के आगरा तथा हापुड़ शहरों की रेकी की थी। इसी कारण NIA तहव्वुर राणा को उत्तर प्रदेश में लाकर पूछताछ कर सकती हैं। NIA बड़े ही गोपनीय ढंग से तहव्वुर राणा के साथ पूछताछ करने का काम कर रही है। UP News

उत्तर प्रदेश के इस होटल में रुका था तहव्वुर राणा

आपको जानकर ताजुब होगा कि कुख्यात आतंकी तहव्वुर राणा उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के एक होटल में रुका था। तहव्वुर राणा की तलाश में उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के बालूगंज के कई होटलों में छानबीन की गई थी। LIU के पुलिस लाइन के आॅफिस में भी विदेशी पर्यटकों का ब्योरा देखा गया था। तहव्वुर राणा और उसकी पत्नी के आगरा में ठहरने और ताजमहल देखने के बारे में पुख्ता जानकारी अभी तक नहीं मिल सकी थी। पता चला है कि तहव्वुर राणा ने पहचान बदलकर आगरा में प्रवास किया था। एनआईए सूत्रों का दावा है कि तहव्वुर राणा ने उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के उस होटल का नाम बता दिया है जिस होटल में वह रुका था। UP News

दयान कृष्णन हैं तहव्वुर राणा को भारत लाने वाले

आपको बता दें कि पाकिस्तानी मूल के आतंकी तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद भारत में लाया गया है। तहव्वुर राणा को भारत लाना बहुत ही मुश्किल कानूनी प्रक्रिया के द्वारा संभव हो पाया है। तहव्वुर राणा को भारत लाने में भारत सरकार की कूटनीति की बड़ी सफलता है किंतु यदि दयान कृष्णन नहीं होते तो शायद इस आतंकी तहव्वुर राणा को कभी भारत नहीं लाया जा सकता था। यदि आप दयान कृष्णन को नहीं जानते तो अभी जान जाएंगे। दरअसल दयान कृष्णन भारत में सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता है। भारत के बड़े से बड़े आपराधिक मामलों की पैरोकारी करने में दयान कृष्णन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आतंकी तहव्वुर राणा के विरुद्ध अमेरिका की अदालत में भारत के इस लाडले बेटे दयान कृष्णन ने ही भारत को जीत दिलाई है। UP News

अद्भुत वकील हैं दयान कृष्णन

सॉलिसिटर जनरल रहे न्यायमूर्ति एन संतोष हेगड़े के संरक्षण में वकालत का ककहरा सीखने वाले दयान कृष्णन देश के उन चुनिंदा वकीलों में से हैं, जिन्होंने मेहनत और काबिलियत के बलबूते अपनी पहचान बनाई है। 2001 में संसद पर हुआ आतंकी हमला हो या फिर 2012 का दिल्ली का निर्भया कांड या ऐसे तमाम अपराध, जिनसे देश और समाज की अस्मिता पर आंच आई, उन मामलों में दुर्दांत अपराधियों को फांसी के तख्त तक पहुंचाने के लिए अदालत में जिस सलीके और तर्क के साथ अपनी दलीलों को दयान कृष्णन ने पेश किया, उससे जाहिर होता है कि वह कानून और न्याय के सच्चे सेवक व मजबूत पैरोकार हैं।
तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में स्थित हिल स्टेशन ऊटी (अब उदगमंडलम) में 17 नवंबर, 1968 को पैदा हुए दयान कृष्णन ने नेशनल लॉ स्कूल आॅफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बंगलूरू से वकालत में 1993 में स्नातक की डिग्री हासिल की। वह इस विश्वविद्यालय के पहले बैच के विद्यार्थी रहे हैं। उनके पिता एन वी कृष्णन ऊटी में ही वकालत करते थे, लेकिन जब दयान कृष्णन को दिल्ली में न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े (तब वकील थे) के मार्गदर्शन में काम करने का मौका मिला, तो उन्होंने ज्यादा सोच-विचार किए तत्काल दिल्ली की ट्रेन पकड़ ली। दयान कृष्णन ने करीब छह वर्ष तक उनके साथ काम किया। वर्ष 1999 में न्यायमूर्ति हेगड़े सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हो गए, तो दयान कृष्णन ने स्वतंत्र रूप से वकालत शुरू कर दी। वह न्यायमूर्ति हेगड़े को अपना रोल मॉडल मानते हैं। दयान कृष्णन आपराधिक कानून, प्रत्यर्पण कानून और धन-शोधन, जैसे मामलों के विशेषज्ञ हैं। दयान कृष्णन की पत्नी निहारिका कृष्णन कानून की शिक्षिका हैं। उनका एक बेटा है, जो अभी पढ़ाई कर रहा है। बहन प्रिया कृष्णन भी पेशे से वकील हैं। उनकी मां का नाम चंद्रा कृष्णन है। UP News

भारत की बेटी निर्भया को न्याय दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई है दयान कृष्णन ने

2012 के निर्भया कांड के दोषियों की सजा दिलवाने के लिए दयान कृष्णन को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया जिसमें दरिंदों को फांसी हुई। निर्भया मामले की पैरवी उन्होंने नि:शुल्क की थी। उन्होंने बहुचर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड, गौवा बाल शोषण कांड, उपहार सिनेमा त्रासदी, 2जी घोटाले में भी पैरवी की। वह नौसेना के पूर्व अधिकारी रवि शंकरन के ब्रिटेन से प्रत्यर्पण में सीबीआई के विशेष वकील थे। उन्होंने नेवी वार रूम लीक मामले और सत्यम कंप्यूटर घोटाले में भी पैरवी की। दयान ने भ्रष्टाचार के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की जमानत याचिका का भी विरोध किया था।
वर्ष 2010 में दयान कृष्णन 26/11 हमले के मुख्य आरोपी अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली और सरगना तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण हेतु एनआईए (नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी) के साथ जुड़ गए। वह शिकागो जाकर हेडली से पूछताछ करने वाली विशेष टीम का हिस्सा रहे। 2014 में हेडली और राणा के प्रत्यर्पण के लिए उन्हें विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया। भारत आने से बचने के लिए राणा ने अमेरिकी अदालतों में दलीलें दी, जिनमें डबल जेपर्डी यानी एक ही अपराध के लिए दो बार मुकदमा नहीं चल सकता, लेकिन दयान कृष्णन अपने ताँ से अदालतों को यह समझाने में सफल रहे कि इस मामले की प्रकृति अलग तरह की है। यहीं से राणा के भारत आने का रास्ता साफ हो गया, हालांकि उसने कई प्रयास किए, लेकिन वह अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में भी मुकदमा हार गया। UP News

बांग्लादेश में यूनुस नहीं ये सख्स है मास्टर माइंड

ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुक  पर लाइक करें या  ट्विटर  पर फॉलो करें।

Related Post