UP News : 2027 के लिए अखिलेश यादव ने यूपी में सत्ता वापस लाने के लिए एक व्यापक और चतुर रणनीति तैयार की है, जिसमें पार्टी के कैडर से लेकर बूथ स्तर तक की कामयाबी सुनिश्चित करने का फोकस है। इस फुलप्रूफ प्लान के माध्यम से यूपी में सत्ता वापसी का मार्ग प्रशस्त करने का प्रयास किया जा रहा है, जहाँ सपा द्वारा अपने विपक्षियों की रणनीतियों का पूरा खात्मा करने का लक्ष्य रखा गया है। यहाँ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
1. जमीनी स्तर पर मजबूत कैडर बिल्डिंग
अखिलेश यादव का मानना है कि बीजेपी की सबसे बड़ी ताकत उसका जमीनी कैडर है। इसी नजरिए से, सपा ने भी अपने बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने का प्लान बनाया है। हर बूथ में अतिरिक्त रूप से पाँच सक्रिय युवाओं की टीम तैनात की जाएगी। इन युवाओं को पार्टी की ‘लोहियावादी’ विचारधारा से लैस किया जाएगा और मतदाता सूची की बारीकियों की जानकारी रखने का निर्देश दिया जाएगा, ताकि गलतियाँ या गड़बड़ियाँ तुरंत पकड़ में आ सकें।
2. सामाजिक और वैचारिक रणनीति
समाजवादी विचारधारा का प्रसार करने का सपा ने समाजवादी विचारों को ग्राम-ग्राम और घर-घर तक पहुँचाने पर जोर दिया है। इससे न केवल पार्टी की जमीनी पकड़ मजबूत होगी, बल्कि वैचारिक फील्ड में भी संघ परिवार के कट्टर हिंदुत्व के मुकाबले एक मजबूत धारा तैयार की जा सकेगी। सामाजिक विचारकों में लोहिया के उदार हिंदुत्व को सही माना जा रहा है, जबकि संघ परिवार के कट्टर हिंदुत्व के विचारों से स्पष्ट विरोध करना है। इसके लिए पंपलेट अभियानों और जन संपर्क के जरिए मतदाताओं को इस अंतर को समझाने की योजना है। UP News
3. दलित और पिछड़े वर्ग का वोटबैंक
सपा विशेष रूप से दलित वोटबैंक के मजबूत समीकरण पर काम कर रही है। बसपा के अनुभव और अन्य दलित नेताओं के सहारे, दलित वर्ग के साथ राजनीतिक पकड़ बनाने के लिए नीतियाँ बनाई गई हैं। अंबेडकर जयंती के मौके पर स्वाभिमान समारोह जैसे कार्यक्रम आयोजित करने की भी योजना है, जिससे संविधान और आरक्षण के मुद्दों को प्रमुखता मिले और दलित मतों में भरोसा कायम हो। UP News
4. आईपीडीए फॉमूर्ला पर काउंटर स्ट्रेटेजी
2024 में पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक वाले पीडीए पॉलिटिक्स के चलते बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग विफल रही थी। इसके जवाब में, सपा ने अपने वैचारिक फ्रंट को मजबूत करने के लिए कैडर बिल्डिंग का निरंतर अभियान शुरू कर दिया है। सभी जिला और शहर कमेटियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बूथ स्तर पर संगठन के मजबूत बनने पर ध्यान दें। जिन बूथों में अच्छा काम देखने को मिलेगा, वहाँ वरिष्ठ नेताओं द्वारा सीधे बातचीत की जाएगी। UP News
5. आगरा से नया ऐलान
आगरा को दलित सियासत का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता रहा है। अखिलेश यादव के आगरा पहुंचने और रामजीलाल सुमन से मिलने की खबरें हैं। 19 तारीख को, आगरा से अखिलेश यादव द्वारा किसी बड़े ऐलान की उम्मीद जताई जा रही है। यह ऐलान सम्भवत: दलित बनाम ठाकुर की सियासी रंग देने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। आगरा में करणी सेना के स्वाभिमान सम्मेलन के बाद की स्थिति को देखते हुए, यह संकेत मिलता है कि स्थानीय राजनीतिक माहौल में बदलाव की संभावनाएँ हैं, जिसे अखिलेश यादव अपने कैडर प्लान के तहत मजबूत करना चाहते हैं। अखिलेश यादव की रणनीति का मुख्य उद्देश्य न केवल बूथ तक पहुँचकर जमीनी शक्ति का निर्माण करना है, बल्कि वैचारिक स्तर पर समाजवादी विचारधारा के प्रसार के जरिए बीजेपी के प्रभाव को टक्कर देना भी है। UP News
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