चुनावी वर्ष में उत्तर प्रदेश के युवाओं को रोजगार का बड़ा अवसर

इस फैसले के बाद पुलिस, शिक्षा, राजस्व, स्वास्थ्य, आवास विकास और सामाजिक कल्याण से जुड़े विभागों में नियुक्तियों की रफ्तार तेज होने की संभावना है। अनुमान लगाया जा रहा है कि कुल मिलाकर डेढ़ लाख से अधिक पदों पर नई भर्तियां निकाली जाएंगी।

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योगी आदित्यनाथ
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar18 Dec 2025 07:13 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे लाखों युवाओं के लिए आने वाला साल बेहद अहम होने वाला है। राज्य सरकार वर्ष 2026 में बड़े पैमाने पर भर्तियां करने की योजना पर काम कर रही है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न विभागों में लंबे समय से खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया को हरी झंडी दे दी है। इस फैसले के बाद पुलिस, शिक्षा, राजस्व, स्वास्थ्य, आवास विकास और सामाजिक कल्याण से जुड़े विभागों में नियुक्तियों की रफ्तार तेज होने की संभावना है। अनुमान लगाया जा रहा है कि कुल मिलाकर डेढ़ लाख से अधिक पदों पर नई भर्तियां निकाली जाएंगी।

पुलिस और शिक्षा विभाग में सबसे अधिक पद

सरकारी योजनाओं के अनुसार, सबसे ज्यादा नियुक्तियाँ पुलिस और शिक्षा क्षेत्र में की जाएंगी। पुलिस विभाग में आरक्षी, उप निरीक्षक और अन्य तकनीकी व प्रशासनिक पदों को मिलाकर लगभग 50 हजार पदों पर भर्ती प्रस्तावित है। वहीं शिक्षा विभाग में भी प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा स्तर तक करीब 50 हजार पदों को भरने की तैयारी है, जिसमें शिक्षक, प्रवक्ता और संस्थान प्रमुख जैसे पद शामिल होंगे।

राजस्व और अन्य विभागों में भी अवसर

राजस्व विभाग में करीब 20 हजार पदों पर भर्ती की योजना है, जिनमें लेखपाल पदों की संख्या सबसे अधिक रहने की संभावना है। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग, कारागार प्रशासन, आवास विकास, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग सहित अन्य सरकारी संस्थानों में भी लगभग 30 हजार रिक्त पदों को भरा जाएगा।

भर्तियों का रिकॉर्ड बनाने की तैयारी

राज्य सरकार का दावा है कि पिछले साढ़े आठ वर्षों में 8.5 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी सेवाओं में नियुक्ति दी जा चुकी है। सरकार का कहना है कि सभी चयन प्रक्रियाएँ निष्पक्ष, पारदर्शी और योग्यता आधारित रही हैं। वर्ष 2026 में इन आंकड़ों को और आगे बढ़ाने की रणनीति तैयार की जा रही है।

अभ्यर्थियों के लिए जरूरी सलाह

कई विभागों में भर्ती विज्ञापनों का मसौदा अंतिम चरण में है और कुछ जगहों पर प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है। ऐसे में उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे संबंधित भर्ती बोर्डों और विभागों की आधिकारिक वेबसाइट पर नियमित रूप से जानकारी लेते रहें और अपनी परीक्षा की तैयारी समय रहते मजबूत करें।

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अखिलेश यादव का सरकार पर हमला : लोकसेवा आयोग में हो रहा भ्रष्टाचार

लोकसेवा आयोग में भ्रष्टाचार हो रहा है और पिछड़ी जातियों को मिलने वाला आरक्षण सही तरीके से लागू नहीं किया जा रहा। हालिया सरकारी नौकरी के विज्ञापनों में पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित सीटों की संख्या घटा दी गई है और संविधान तथा आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं हो रहा।

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अखिलेश यादव 1
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar18 Dec 2025 06:04 PM
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UP News : सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि लोकसेवा आयोग में भ्रष्टाचार हो रहा है और पिछड़ी जातियों को मिलने वाला आरक्षण सही तरीके से लागू नहीं किया जा रहा। हालिया सरकारी नौकरी के विज्ञापनों में पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित सीटों की संख्या घटा दी गई है और संविधान तथा आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं हो रहा।

प्रमुख बिंदु:

1. लोकसेवा आयोग और आरक्षण:

अखिलेश यादव का कहना है कि सरकारी नौकरियों में पिछड़ी जातियों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि आरक्षण के अनुसार जितनी सीटें मिलनी चाहिए, उतनी सिस्टम में शामिल नहीं की गईं।

2. खाद की उपलब्धता:

किसानों को समय पर खाद नहीं मिल रही। किसान लाइनों में खड़े हैं, लेकिन जरूरी उर्वरक नहीं मिल पा रहा।

3. पर्यावरण और हरियाली:

लखनऊ में पेड़ और फूल समाजवादी सरकार के दौरान लगाए गए हैं। वर्तमान बीजेपी सरकार पर जंगलों की कटाई का आरोप लगाया गया।

4. एसआईआर (मतदाता पहचान ऐप) और चुनाव प्रक्रिया:

अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव आयोग और बीजेपी के बीच मिलीभगत है। ऐप उसी कंपनी का है जिसने बीजेपी को सबसे ज्यादा चंदा दिया। उनका आरोप है कि इस सिस्टम के जरिए वोट कटवाने और समाजवादी वोटरों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।

5. बुलडोजर कार्रवाई:

उत्तर प्रदेश में हाल ही में बुलडोजर से कार्रवाई में अधिकांश प्रभावित लोग पिछड़े वर्ग से हैं। इसे चुनिंदा कार्रवाई बताया गया।

6. कोडीन सिरप घोटाला:

अखिलेश ने इसे हजारों करोड़ का घोटाला बताया और कहा कि यह सिर्फ यूपी नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय है।

7. प्रदूषण:

लखनऊ में प्रदूषण की वजह से खेल और अन्य गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। नदियों की स्थिति भी चिंता का विषय है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान

योगी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि आरक्षण का हर वर्ग के लिए पूरी तरह पालन सुनिश्चित किया जाए। ओबीसी, एससी-एसटी का वर्टिकल आरक्षण और महिला, दिव्यांग व पूर्व सैनिकों का हॉरिजॉन्टल आरक्षण लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान और रोस्टर के नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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इमाम बख्श नासिख: जिनकी शायरी ने लखनऊ को अदबी राजधानी बना दिया

कहा जाता है कि अवध के नवाब की सरपरस्ती का प्रस्ताव उन्होंने कठोर अंदाज़ में ठुकरा दिया और यही फैसला उनके लिए लखनऊ से दूरी की वजह बन गया। इसके बाद वे लंबे समय तक लखनऊ और बाहर के बीच आते-जाते रहे; मंत्री हकीम मेहदी के दौर में तो हालात ऐसे बने कि उन्हें शहर से हटना पड़ा।

इमाम बख्श नासिख
इमाम बख्श नासिख
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar18 Dec 2025 05:08 PM
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Imam Bakhsh Nasikh : इमाम बख्श नासिख (1776–1839) उर्दू ग़ज़ल की उस परंपरा का बड़ा नाम हैं, जिसने मुगल दौर के आख़िरी वर्षों में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को शायरी की नई राजधानी बनाने में अहम भूमिका निभाई। शुरुआती दिनों में उन्हें मीर काज़िम अली का संरक्षण मिला और इसी संरक्षण के सहारे उनका साहित्यिक कद तेजी से बढ़ा। लेकिन 1830 के दशक में लखनऊ के दूसरे बड़े ग़ज़लकार ख्वाजा हैदर अली ‘आतिश’ से उनकी कड़ी प्रतिद्वंद्विता शुरू हुई, जिसने शहर की अदबी फिज़ा को और तीखा भी किया और चर्चित भी। कहा जाता है कि अवध के नवाब की सरपरस्ती का प्रस्ताव उन्होंने कठोर अंदाज़ में ठुकरा दिया और यही फैसला उनके लिए लखनऊ से दूरी की वजह बन गया। इसके बाद वे लंबे समय तक लखनऊ और बाहर के बीच आते-जाते रहे; मंत्री हकीम मेहदी के दौर में तो हालात ऐसे बने कि उन्हें शहर से हटना पड़ा। मेहदी की मृत्यु के बाद नासिख 1837 में आखिरकार लौटे और दो साल बाद 1839 में लखनऊ में ही उनका इंतकाल हुआ। नासिख के बाद ग़ज़ल की चमक को पुरानी बुलंदी तक पहुंचने में वक्त लगा और फिर यह रौनक बहादुर शाह ज़फ़र के दौर में दिल्ली के अदबी माहौल में जाकर नई तरह से उभरी।

इमाम बख़्श नासिख़ की मशहूर शायरियाँ

1 - ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का है नाम,

मुर्दा-दिल ख़ाक जिया करते हैं

इमाम बख़्श नासिख़ की मशहूर शायरियाँ

2 - जिस क़दर जांघ से तुम रंग नाज़दिक,

हम क़दर दूरी कर दिया जांघ को

इमाम बख़्श नासिख़ की मशहूर शायरियाँ

3 - काम क्या निकले किसी तदबीर से,

आदमी मजबूर है तकदीर से

इमाम बख़्श नासिख़ की मशहूर शायरियाँ

4 - आती जाती है जा-बा-जा बदली,

साकिया जल्द आ हवा बदली

इमाम बख़्श नासिख़ की मशहूर शायरियाँ

5 - वो नहीं भूलता जहाँ जाऊँ,

हाए मैं क्या करूँ कहाँ जाऊँ । Imam Bakhsh Nasikh

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