UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा तथा कड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में होने वाली भर्ती परीक्षाओं में धांधली रोकने के लिए बहुत ही कड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश सरकार का कड़ा कदम यह है कि भर्ती के लिए परीक्षा देने वालों का परीक्षा केन्द्र उनके अपने गृह जनपद में बिल्कुल नहीं बनाया जाएगा।
अपने जिले से बाहर देनी होगी परीक्षा
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने सरकार के कड़े कदम की जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सभी भर्ती आयोगों, बोर्ड और अन्य भर्ती संस्थाओं की परीक्षा में। अभ्यर्थियों को अब उनके गृह जनपद में परीक्षा केंद्र आवंटित नहीं किए जाएंगे। केवल दिव्यांग अभ्यर्थियों को गृह जनपद में परीक्षा केंद्र मिलेंगे। शासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार एक से अधिक जनपद में परीक्षा के आयोजन की स्थिति में पुरुष अभ्यर्थियों को उनके गृह मंडल में परीक्षा केंद्र आवंटित नहीं किए जाएंगे। हालांकि, शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसे अभ्यर्थियों को उनके गृह मंडल के निकट किसी अन्य मंडल के जिले में परीक्षा केंद्र आवंटित किए जाएंगे।
वहीं, महिला परीक्षार्थियों को उनके गृह जनपद में तो परीक्षा केंद्र नहीं मिलेंगे लेकिन मंडल से बाहर भी उन्हें नहीं भेजा जाएगा। मंडल में गृह जनपद से इतर किसी दूसरे जिले में परीक्षा केंद्र आवंटित किए जाएंगे। केवल दिव्यांग अभ्यर्थियों को गृह जनपद में केंद्र आवंटित होंगे। परीक्षा केंद्रों का आवंटन रैंडम आधार पर किया जाएगा। हर ओएमआर की तीन प्रतियां होंगी। एक मूल्यांकन के लिए भर्ती कराने वाली संस्था को दी जाएगी, तो दूसरी कोषागार में सुरक्षित रखी जाएगी। ताकि, विवाद की स्थिति में उसका उपयोग किया जा सके। तीसरी प्रति अभ्यर्थी को सौंपी जाएगी।
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गुप्त रखा जाएगा कमरे का नम्बर
परीक्षा केंद्र में प्रवेश से आधे घंटे यानी 30 मिनट पहले स्टैटिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में रैंडम आधार पर कक्ष निरीक्षकों के कक्ष आवंटित किए जाएंगे। डीएम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी केंद्र पर कक्ष निरीक्षकों की तैनाती में अतिरिक्त कर्मियों की आवश्यकता पडऩे पर कम से कम 50 प्रतिशत स्टाफ केंद्र के बाहर के शासकीय स्टाफ को रखा जाए। भर्ती परीक्षाओं में अब वित्तविहीन निजी तथा दागदार शिक्षण संस्थान किसी भी परिस्थिति में केंद्र नहीं बनाए जाएंगे।
सिर्फ राजकीय एवं सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेज एवं माध्यमिक विद्यालय ही परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। जरूरत पड़ने पर विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेज तथा राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज परीक्षा केंद्र बनाए जा सकेंगे। परीक्षा के लिए चार अलग-अलग एजेंसियों का चयन होगा। एक एजेंसी पेपर तैयार करने, छपवाने तथा सभी जिलों के कोषागार तक पहुंचाएगी। दूसरी कोषागार से परीक्षा केंद्रों तक पेपर पहुंचाने, केन्द्र की व्यवस्था तथा परीक्षा के बाद ओएमआर शीट को आयोग तक पहुंचाने का काम होगा। तीसरी के पास सुरक्षा व्यवस्था होगी। चौथी एजेंसी के पास ओएमआर शीट की स्कैनिंग तथा प्राप्तांक आयोग को उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी होगी। यह काम आयोग परिसर में ही होगा। UP News
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