UP News : उत्तर प्रदेश के मूल निवासी बड़े-बड़े काम कर रहे हैं। ऐसा ही एक बड़ा काम उत्तर प्रदेश के वैज्ञानिक प्रो. टी.पी. यादव ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर किया है। उत्तर प्रदेश के वैज्ञानिक प्रो. टी.पी. यादव दुनिया के दो प्रतिशत प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में गिने जाते हैं। उत्तर प्रदेश के इस प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रो. टी.पी. यादव की टीम ने एक बड़ा आविष्कार किया है। इस वैज्ञानिक आविष्कार से पूरी मानवता को बहुत बड़ा फायदा होने वाला है।
बना दिया डोपामाइन नापने वाला सेंसर
उत्तर प्रदेश के वैज्ञानिक प्रो. टी.पी. यादव ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक गजब का सेंसर विकसित किया है। दरअसल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में रहने वाले प्रो. टी.पी. यादव ने अपने वैज्ञानिक साथियों के साथ मिलकर ऐसा सेंसर तैयार किया है कि जो मानव मस्तिष्क से निकले डोपामाइन रसायन को कुछ सेकंडों में परख लेगा। सेंसर बताएगा कि स्राव हुआ है या नहीं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इसका अधिक स्राव इंसान को इस कदर उत्तेजित कर देता है वह आत्मघाती कदम उठाने से लेकर गंभीर अपराध तक कर बैठता है।
प्रतिष्ठित जर्नल अमेरिकन केमिकल सोसाइटी में प्रकाशित इस शोध को इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के भौतिक विज्ञान विभाग- के वैज्ञानिक प्रो. टीपी यादव, आईआईटी खडग़पुर के प्रो. चंद्रशेखर तिवारी और ब्राजील की सैंपियाना यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक प्रो. डोगलस संयुक्त रूप से कर रहे हैं। दुनिया के शीर्ष 2त्न वैज्ञानिकों में शुमार प्रो. टीपी यादव के मुताबिक, शरीर में डोपामाइन की मात्रा पता लगाने के लिए अभी रक्त की जांच करानी होती है। इसकी रिपोर्ट आने में काफी वक्त लग जाता है। उनका सेंसर मुंह में रखते ही कुछ ही सेकंडों में बता देगा कि दिमाग में डोपामाइन का स्राव हुआ है कि नहीं। शोध के अगले चरण में सेंसर को अपग्रेड किया जाना है। प्रो. यादव के अब सेंसर को अपग्रेड करके डोपामाइन के स्राव की सटीक मात्रा और उससे मानव मस्तिष्क पर होने वाले सकारात्मक व नकारात्मक असर का पता लगाएंगे।
क्या होता है डोपामाइन?
डोपामाइन नापने का सेंसर बन गया है। आप यह जरूर जानना चाहेंगे कि यह डोपामाइन क्या होता है? हम आपको बता देते हैं कि आखिर यह डोपामाइन क्या होता है। डोपामाइन एक ऐसा न्यूरोट्रांसमीटर है जो ब्रेन में जाकर हमे ऐसी चीजों को करने के लिए प्रेरित करता है जिससे हमें त्वरित खुशी मिलती है। अब सोशल मीडिया चलाना या वीडियो गेम्स खेलने वाले व्यक्ति के ब्रेन में डोपामाइन रिलीज होता है और वह अब व्यक्ति को बार-बार वही चीजें करने को प्रेरित करता है। इसीलिए ज्यादा डोपामाइन रिलीज होना भी खतरनाक साबित हो सकता है।
आपको बता दें कि ज्यादा डोपामाइन रिलीज होना शरीर के लिए हानिकारक होता है। जानकारी के मुताबिक ज्यादा डोपामाइन रिलीज होने से व्यक्ति में धैर्य की कमी होने लगती है। साथ ही वह मानसिक रूप से भी कमजोर होने लगता है। किसी भी चीज की लत से व्यक्ति अपना आपा भी खो सकता है। ज्यादा डोपामाइन रिलीज लोगों के अंदर चिड़चिड़ापन पैदा करने लगता है। इसी डोपामाइन को नापने का सेंसर उत्तर प्रदेश के वैज्ञानिक प्रो. टी.पी. यादव ने विकसित किया है। UP News
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