उत्तर प्रदेश के 67 IAS अधिकारियों को मिला बड़ा गिफ्ट

इन आदेशों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में तैनात वर्ष-2001 बैच के IAS अधिकारी शशि भूषण लाल, अजय कुमार शुक्ला, श्रीमती अर्पण यू तथा IAS अधिकारी एसवीएस रंगाराव को सचिव के पद से प्रमोट करके प्रमुख सचिव बना दिया गया है।

UP में 67 IAS अधिकारियों को प्रमोशन
UP में 67 IAS अधिकारियों को प्रमोशन
locationभारत
userआरपी रघुवंशी
calendar13 Dec 2025 01:45 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने 67 IAS अधिकारियों को बड़ा गिफ्ट दिया है। उत्तर प्रदेश के 67 IAS अधिकारियों को नया सालल शुरू होने से पहले ही नए साल का गिफ्ट मिल गया है। उत्तर प्रदेश कैडर के IAS अधिकारियों को यह बड़ा गिफ्ट प्रमोशन के तौर पर मिला है। उत्तर प्रदेश सरकार ने IAS अधिकारियों को प्रमोट करते हुए चार IAS अधिकारियों को सचिव के पद से प्रमोट करके प्रमुख सचिव बना दिया है। इस प्रकार 19 IAS अधिकारियों को विशेष सचिव से प्रमोट करके सचिव बना दिया है। इसी कड़ी में 30 IAS अधिकारियों को सलेक्शन ग्रेड देकर प्रमोट किया गया है।

उत्तर प्रदेश के नियुक्ति सचिव ने जारी कर दिए आदेश

उत्तर प्रदेश में नियुक्ति विभाग के प्रमुख सचिव के पद पर वरिष्ठ IAS अधिकारी एम देवराज तैनात हैं। प्रमुख सचिव (नियुक्ति) एम देवराज ने शुक्रवार को 67 IAS अधिकारियों को प्रमोट करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इन आदेशों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में तैनात वर्ष-2001 बैच के IAS अधिकारी शशि भूषण लाल, अजय कुमार शुक्ला, श्रीमती अर्पण यू तथा IAS अधिकारी एसवीएस रंगाराव को सचिव के पद से प्रमोट करके प्रमुख सचिव बना दिया गया है।

उत्तर प्रदेश के 19 IAS अधिकारी बने सचिव

उत्तर प्रदेश के नियुक्ति विभाग के प्रमुख सचिव एम देवराज द्वारा जारी किए गए आदेशों के द्वारा प्रदेश के 19 IAS अधिकारियों को विशेष सचिव के पद से सचिव के पद पर प्रमोट किया गया है। इस आदेश के मुताबिक वर्ष-2010 बैच के IAS अधिकारी अखंड प्रताप सिंह, कुमार प्रशांत, नेहा शर्मा, मोनिका रानी, शंभु कुमार, योगेश कुमार, नितीश कुमार, भवानी सिंह खंगारौत, संदीप कौर, दुर्गाशक्ति नागपाल, रवींद्र कुमार और ओम 'प्रकाश आर्य को सचिव के पद पर पदोन्नोति दी गई है। इन्हें सुपर टाइम वेतमान 144200-2,18,200 रुपये दिया गया है। के. बालाजी, आशुतोष निरंजन व सुजीत कुमार को सचिव के पद पर प्रोफार्मा पदोन्नति दी गई है। इसी बैच के नंगेंद्र प्रताप, दिव्य प्रकाश गिरी, कृष्ण कुमार व सुधा वर्मा को भी सचिव के पद पर पदोन्नति दी गई है

उत्तर प्रदेश के 30 IAS अधिकारियों को मिला सेक्शन ग्रेड

उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव (नियुक्ति) एम देवराज द्वारा जारी किए गए आदेशों के जरिए वर्ष-2013 बैच के 30 अफसरों को सलेक्शन ग्रेड 1,23,100-2,15,900 दिया गया है। इनमें दिव्या मित्तल, राजकमल यादव, प्रियंका निरंजन, सत्येंद्र कुमार, अपूर्वा दुबे, अनुज सिंह, हर्षिता माथुर, अविनाश कुमार, दीपा रंजन, रमेश रंजन, रवींद्र कुमार, सैमुअल पाल एन, जितेंद्र प्रताप सिंह, आलोक सिंह, शुभ्रांत शुक्ल, विशाल भारद्वाज, धर्मेंद्र प्रताप सिंह, डा. विजय कुमार, धीरेंद्र सचान, डॉ. वंदना वर्मा, प्रेम प्रकाश सिंह, आर्यका. अखौरी, सुनील वर्मा, अनीता वर्मा, शिशिर, सत्य प्रकाश, डॉ. कंचन सरन व रघुबीर शामिल हैं। UP News

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भाजपा का फर्जी अध्यक्ष बनकर बना रहा था भौकाल

उत्तर प्रदेश पुलिस को नोएडा के इस फर्जी नेता के दो-दो आधार कार्ड, फर्जी पद वाले विजिटिंग कार्ड तथा अनेक फर्जी दस्तावेज मिले हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने नोएडा के इस फर्जी नेता को जेल भेज दिया है। उत्तर प्रदेश पुलिस इस फर्जी नेता के कारनामों की जांच में जुटी हुई है।

फर्जी नेता दशरथ पाल
फर्जी नेता दशरथ पाल
locationभारत
userआरपी रघुवंशी
calendar13 Dec 2025 01:04 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के घर से पकड़ा गया नोएडा का फर्जी नेता बड़ा भौकाल बना रहा था। उत्तर प्रदेश पुलिस की जांच में पता चला है कि नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में सक्रिय रहने वाला भाजपा का फर्जी नेता भाजपा का फर्जी जिलाध्यक्ष भी बना हुआ था। उत्तर प्रदेश पुलिस को नोएडा के इस फर्जी नेता के दो-दो आधार कार्ड, फर्जी पद वाले विजिटिंग कार्ड तथा अनेक फर्जी दस्तावेज मिले हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने नोएडा के इस फर्जी नेता को जेल भेज दिया है। उत्तर प्रदेश पुलिस इस फर्जी नेता के कारनामों की जांच में जुटी हुई है।

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री के घर से पकड़ा गया था फर्जी नेता

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के घर से पकड़े गए फर्जी नेता के विषय में हमने आपको बताया था कि बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पुलिस बुलाकर नोएडा के फर्जी नेता को गिरफ्तार कराया था। पकड़े गए फर्जी नेता का नाम दशरथ पाल है। यह दशरथ पाल ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के घोड़ी बछेड़ा गांव का रहने वाला है। दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा का प्रतिनिधि बनकर दशरथ पाल उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिलने के लिए उनके लखनऊ स्थित आवास पर पहुंचा था। शक होने पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पुलिस बुलाकर दशरथ पाल को गिरफ्तार करने के निर्देश दे दिए थे। 

उत्तर प्रदेश पुलिस ने जेल भेज दिया है फर्जी नेता को

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित गौतम पल्ली थाने की पुलिस ने फर्जी नेता दशरथ पाल को जेल भेज दिया है। उत्तर प्रदेश पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर पहुंचा फर्जी नेता उत्तर प्रदेश के एक बड़े मंत्री से भी मिला था। ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के बिलासपुर नगर की नगर पंचायत की चेयरमैन लता सिंह का पति संजय सिंह तथा मानसिंह नाम का एक व्यापारी भी दशरथ पाल के साथ उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिलने पहुंचा था। दशरथ पाल अपने साथ लाए गए लोगों के ऊपर अपनी पहुंच का रौब गांठ रहा था। उसने कहा था कि वह कोई भी बड़े से बड़ा काम करवा सकता है। उसके साथ लखनऊ पहुंचे संजय सिंह तथा मान सिंह को पुलिस ने निर्दोष मानकर छोड़ दिया है। 

नोएडा में भी उप मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास किया था फर्जी नेता ने

आपको बता दें कि 8 दिसंबर 2025 को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य नोएडा आए थे। श्री मौर्य नोएडा में नोएडा के सांसद डॉ. महेश शर्मा की माताजी की तेहरवीं की शोकसभा में शामिल हुए थे। इस दौरान दशरथ पाल ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिलने का प्रयास किया था। श्री मौर्य से मिलने में असफल रहने पर इस फर्जी नेता दशरथ पाल ने कुछ दूरी पर खड़े होकर एक सेल्फी ली थी। बाद में उस सेल्फी को एडिट करके यह दर्शाया था कि वह श्री मौर्य से मिल रहा है।

भाजपा का जिलाध्यक्ष भी बताता था अपने आपको

नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में सक्रिय रहा यह फर्जी नेता दशरथ पाल अपने आपको भाजपा में बुलंदशहर जिले का पूर्व जिलाध्यक्ष भी बताता था। उत्तर प्रदेश पुलिस को उसके कब्जे से उसके नाम के दो अलग-अलग आधार कार्ड तथा बुलंदशहर जिले में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष का विजिटिंग कार्ड भी मिला है। इस विषय में उत्तर प्रदेश पुलिस ने बुलंदशहर के भाजपा जिलाध्यक्ष विकास चौहान से संपर्क किया तो उन्होंने सिरे से नकार दिया। बुलंदशहर में भाजपा के जिलाध्यक्ष विकास चौहान ने अपने लेटर पैड पर एक पत्र जारी करके स्पष्ट किया है कि दशरथ नाम का कोई भी व्यक्ति बुलंदशहर में भाजपा का जिलाध्यक्ष नहीं रहा। लखनऊ में तैनात उत्तर प्रदेश पुलिस के ACP विकास कुमार जायसवाल के अनुसार दशरथ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उसके अपराधिक इतिहास का पता लगाया जा रहा है। वह चेयरमैन के पति, व्यवसायी और ड्राइवर को बरगला कर यहां लाया था। प्राथमिक जांच में साथ आए लोगों की भूमिका संदिग्ध नहीं मिली है। इस लिए लिखा-पढ़ी कर उन्हें छोड़ दिया गया है। UP News

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उत्तर प्रदेश BJP अध्यक्ष की रेस में धर्मपाल सिंह, कौन हैं, क्यों बढ़ी चर्चा?

इसी बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और आंवला से विधायक धर्मपाल सिंह का नाम संभावित दावेदारों में तेजी से उभर रहा है। लंबे राजनीतिक अनुभव और संगठनात्मक समझ के चलते चर्चा के केंद्र में वे लगातार बने हुए हैं

धर्मपाल सिंह
धर्मपाल सिंह
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar13 Dec 2025 11:16 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश भाजपा में जल्द ही नए प्रदेश अध्यक्ष की तस्वीर साफ होने वाली है। इसी संकेत के साथ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के संगठन कार्यालय से लेकर जिलों की इकाइयों तक सियासी हलचल तेज हो गई है। 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी नेतृत्व की कोशिश है कि कमान ऐसे चेहरे को मिले जो संगठन की पकड़ मजबूत करे, सामाजिक समीकरणों को साधे और सरकार–संगठन की ‘डबल इंजन’ रणनीति को बूथ तक असरदार ढंग से उतार सके। इसी बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और आंवला से विधायक धर्मपाल सिंह का नाम संभावित दावेदारों में तेजी से उभर रहा है लंबे राजनीतिक अनुभव और संगठनात्मक समझ के चलते चर्चा के केंद्र में वे लगातार बने हुए हैं।

धर्मपाल सिंह की शुरुआती पहचान

धर्मपाल सिंह का जन्म 15 जनवरी 1953 को उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के गुलड़िया गौरीशंकर गांव में हुआ। लोधी समुदाय से आने वाले धर्मपाल सिंह की राजनीतिक पहचान की सबसे बड़ी ताकत उनका ‘जमीनी’ जुड़ाव है गांव-देहात की नब्ज़ समझने वाली वही पकड़, जो उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य में किसी भी संगठनात्मक फैसले को असरदार बना देती है। ग्रामीण पृष्ठभूमि, स्थानीय रिश्तों और क्षेत्रीय पकड़ के चलते पार्टी के भीतर उन्हें ऐसे नेता के तौर पर देखा जाता है, जो फाइलों की राजनीति नहीं, बल्कि जमीन पर कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के बीच भरोसे की राजनीति करते हैं और भाजपा की संगठनात्मक रणनीति में यही भरोसा अक्सर निर्णायक भूमिका निभाता है।

पढ़ाई–लिखाई और पारिवारिक पक्ष

शैक्षिक पृष्ठभूमि की बात करें तो धर्मपाल सिंह ने पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ एलएलबी और बीएड तक की पढ़ाई की है। 1970 में उनका विवाह वंदना देवी से हुआ और उनके तीन पुत्र हैं। खेती-किसानी से जुड़ाव ने उन्हें अपने इलाके के किसान और ग्रामीण सरोकारों से स्वाभाविक रूप से जोड़ रखा है और उत्तर प्रदेश जैसे विशाल व विविधतापूर्ण राज्य में यही ‘ग्राउंड कनेक्ट’ कई बार राजनीतिक मजबूती की सबसे बड़ी कसौटी बन जाता है। उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत 1996 से मानी जाती है, जब वे पहली बार विधायक बने। इसके बाद संगठन और सरकार दोनों मोर्चों पर उनकी सक्रियता लगातार बनी रही। वर्तमान में वे योगी सरकार में पशुपालन मंत्री हैं और बरेली की आंवला विधानसभा सीट से विधायक के तौर पर प्रदेश की राजनीति में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

प्रदेश अध्यक्ष की रेस में क्यों माना जा रहा ‘अहम चेहरा’?

राजनीतिक हलकों में धर्मपाल सिंह को लेकर जो चर्चा तेज है, उसकी जड़ें उनके लंबे अनुभव, संगठन की नब्ज़ पहचानने की क्षमता और सामाजिक समीकरणों पर मानी जा रही पकड़ में बताई जाती हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष महज संगठन का मुखिया नहीं होता वह चुनावी मशीनरी का ‘मैदान-प्रबंधक’ भी होता है, जो लखनऊ की रणनीति को जिलों, मंडलों और बूथ तक अनुशासन के साथ पहुंचाता है। ऐसे में अगर पार्टी नेतृत्व उन्हें नई जिम्मेदारी सौंपता है, तो इसे 2027 के रण से पहले संगठन को धार देने, कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरने और मैदानी तालमेल मजबूत करने की बड़ी तैयारी के तौर पर देखा जाएगा।

कब तक साफ होगी तस्वीर?

उत्तर प्रदेश भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल पूरा होने के साथ ही उत्तर प्रदेश में संगठन की कमान बदलने की कवायद अब निर्णायक चरण में पहुंच चुकी है। पार्टी नेतृत्व 2027 के विधानसभा रण से पहले प्रदेश में नया नेतृत्व स्थापित करने के साफ संकेत दे चुका है, ताकि संगठन को नई धार और नई दिशा मिल सके। माना जा रहा है कि नामांकन प्रक्रिया पूरी होते ही तस्वीर लगभग साफ हो जाएगी और 14 दिसंबर को नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर औपचारिक मुहर लग सकती है। इसी वजह से लखनऊ स्थित यूपी बीजेपी मुख्यालय में तैयारियों का दौर तेज है बैठकें, रणनीति और संगठनात्मक गणित हर स्तर पर चल रहा है, जबकि जिलों तक कार्यकर्ताओं में नए ‘कप्तान’ को लेकर उत्सुकता अपने शिखर पर बताई जा रही है। UP News

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