उत्तर प्रदेश के मथुरा में शादी नियम बदले, संगीत-आतिशबाजी पर लगी रोक

नियम तोड़ने वाले परिवार पर 11 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा, वहीं लगातार उल्लंघन की स्थिति में सामाजिक बहिष्कार जैसी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। पंचायत का कहना है कि यह कदम उत्तर प्रदेश में शादी-ब्याह को सादगी, अनुशासन और सामाजिक सौहार्द के साथ निभाने की दिशा में जरूरी पहल है।

फिजूलखर्ची रोकने के लिए मुस्लिम पंचायत ने लागू की नई गाइडलाइन
फिजूलखर्ची रोकने के लिए मुस्लिम पंचायत ने लागू की नई गाइडलाइन
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar30 Dec 2025 01:34 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के कोसी कलां में मुस्लिम समुदाय की पंचायत ने शादी समारोहों में बढ़ती फुजूलखर्ची और बढ़ते झगड़ों पर ब्रेक लगाने के लिए सख्त नियम लागू किए हैं। पंचायत की सर्वसम्मत बैठक में तय हुआ कि विवाह आयोजनों में तेज आवाज़ वाला संगीत/डीजे, आतिशबाजी और दिखावे की गैर-ज़रूरी रस्में नहीं होंगी। नियम तोड़ने वाले परिवार पर 11 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा, वहीं लगातार उल्लंघन की स्थिति में सामाजिक बहिष्कार जैसी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। पंचायत का कहना है कि यह कदम उत्तर प्रदेश में शादी-ब्याह को सादगी, अनुशासन और सामाजिक सौहार्द के साथ निभाने की दिशा में जरूरी पहल है।

ईदगाह कमेटी की बैठक में हुआ फैसला

सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के कोसी कलां कस्बे में ईदगाह कमेटी के नेतृत्व में बुलाई गई पंचायत में यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया। कमेटी पदाधिकारियों का कहना है कि समुदाय के बुजुर्गों और जिम्मेदार लोगों ने शादियों में बढ़ती फिजूलखर्ची, ‘दिखावे की होड़’ और समारोहों के दौरान होने वाले विवाद-झगड़ों को गंभीरता से देखते हुए यह कदम उठाया। उनका तर्क है कि शादी जैसे पारिवारिक मौके को सादगी और अनुशासन के साथ संपन्न कराया जाए, ताकि खर्च का दबाव कम हो और समाज में सौहार्द बना रहे।

निकाह को लेकर नई गाइडलाइन

पंचायत ने निकाह को लेकर भी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उत्तर प्रदेश के कोसी कलां में तय किया गया कि निकाह समारोह अब होटल, गेस्ट हाउस या मैरिज हॉल में नहीं होंगे, बल्कि निकाह सिर्फ मस्जिद में कराया जाएगा। हालांकि वलीमा (शादी के बाद की दावत) के लिए होटल या अन्य स्थान पर आयोजन की अनुमति रखी गई है। पंचायत से जुड़े लोगों का कहना है कि शादियों में तेज संगीत, डीजे और नृत्य के दौरान अक्सर बहस से बात झगड़े तक पहुंच जाती है, जिसका असर सीधे सामाजिक सौहार्द पर पड़ता है। इसी कारण तेज आवाज़ में गाना-बजाना पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही यह भी साफ कर दिया गया कि बारात उत्तर प्रदेश से बाहर या दूसरे शहर जाए, तब भी यह नियम उसी तरह लागू रहेगा।

‘सलाम करायी’ और दिखावे वाली रस्मों पर भी रोक

उत्तर प्रदेश के कोसी कलां में पंचायत ने शादियों से जुड़ी कुछ परंपराओं पर भी सख्ती के संकेत दिए हैं। बैठक में कहा गया कि ‘सलाम करायी’ जैसी रस्म के दौरान दूल्हे को नकद या महंगे तोहफे देने की परंपरा पर रोक रहेगी, ताकि शादी “रिश्तों की खुशी” बने, लेन-देन की होड़ नहीं। इसके साथ ही दिखावे और फिजूलखर्ची बढ़ाने वाली दूसरी रस्मों को भी हतोत्साहित करने का फैसला लिया गया है। पंचायत का तर्क है कि ऐसे कदम समाज में सादगी को बढ़ावा देंगे और परिवारों पर बढ़ते आर्थिक दबाव को कम करेंगे।

नियम तोड़े तो निकाह नहीं पढ़ाएंगे इमाम-काजी

कमेटी पदाधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के कोसी कलां में तय किए गए नियमों का उल्लंघन करने वाले परिवारों पर सख्ती से कार्रवाई होगी। उनके मुताबिक, यदि कोई परिवार प्रतिबंधों को नजरअंदाज करता है तो कस्बे का कोई भी इमाम या काजी उस विवाह में निकाह नहीं पढ़ाएगा। पंचायत का दावा है कि यह फैसला किसी पर दबाव बनाने के लिए नहीं, बल्कि शादी के खर्च पर नियंत्रण, समारोहों में होने वाले विवाद-झगड़ों की रोकथाम और खासकर युवा पीढ़ी पर आर्थिक बोझ कम करने की मंशा से लिया गया है। इसी के साथ पंचायत से जुड़े लोगों ने संकेत दिए हैं कि वे इस मॉडल को मथुरा और आसपास के अन्य इलाकों में भी समुदाय स्तर पर आगे बढ़ाएंगे, ताकि उत्तर प्रदेश में शादी-ब्याह की रस्में सादगी, अनुशासन और सामाजिक सौहार्द के साथ निभाई जा सकें। UP News

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बड़ी खबर : माघ मेले से पहले खुल सकता है गंगा एक्सप्रेसवे

18 दिसंबर 2021 को शाहजहांपुर से शुरू हुई यह यात्रा, यूपीडा (UPDA) की निगरानी में चार साल की तेज़ निर्माण रफ्तार के बाद अब निर्णायक मोड़ पर है और यही वजह है कि प्रदेशभर में इसके लोकार्पण को लेकर उम्मीदें और उत्साह दोनों बढ़े हुए हैं।

गंगा एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar30 Dec 2025 01:05 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर रोडमैप में एक और बड़ा अध्याय जुड़ने जा रहा है। मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित 594 किलोमीटर लंबे, करीब 36 हजार करोड़ रुपये लागत वाले गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। संकेत हैं कि जनवरी 2026 में, प्रयागराज माघ मेले से पहले इस एक्सप्रेसवे का लोकार्पण किया जा सकता है। इससे पश्चिमी यूपी से लेकर मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक यात्रा का समय घटेगा और व्यापार-उद्योग को नई रफ्तार मिलेगी।

अंतिम चरण में क्या-क्या काम बचा है?

गंगा एक्सप्रेसवे अब उद्घाटन की ओर बढ़ते हुए अपने अंतिम चरण में है। अधिकारियों का कहना है कि स्ट्रक्चरल वर्क लगभग पूरा है और अब साइन बोर्ड, लेन मार्किंग, टोल प्लाजा ऑपरेशन, सेफ्टी सिस्टम व फिनिशिंग टच जैसे जरूरी काम तेज़ी से पूरे किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकता साफ है माघ मेले में प्रयागराज की ओर बढ़ने वाली भीड़ को तेज, बेहतर और सुरक्षित कनेक्टिविटी मिले। 18 दिसंबर 2021 को शाहजहांपुर से शुरू हुई यह यात्रा, यूपीडा (UPDA) की निगरानी में चार साल की तेज़ निर्माण रफ्तार के बाद अब निर्णायक मोड़ पर है और यही वजह है कि प्रदेशभर में इसके लोकार्पण को लेकर उम्मीदें और उत्साह दोनों बढ़े हुए हैं।

सुरक्षा और निगरानी

उत्तर प्रदेश के हाई-स्पीड कॉरिडोर को सुरक्षित और स्मार्ट बनाने के लिए गंगा एक्सप्रेसवे पर निगरानी-तंत्र को मजबूत किया जा रहा है। जगह-जगह लगाए जा रहे CCTV कैमरे न सिर्फ स्पीड मॉनिटरिंग करेंगे, बल्कि ट्रैफिक मूवमेंट पर 24×7 नजर रखते हुए दुर्घटनाओं की रोकथाम में भी मदद करेंगे। टोल प्लाजा के पास प्रस्तावित कंट्रोल रूम के जरिए रियल-टाइम मॉनिटरिंग और त्वरित रिस्पॉन्स व्यवस्था को और धार दी जाएगी, ताकि किसी भी इमरजेंसी में मदद मिनटों में पहुंच सके। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में पुलिस चौकियों, फायर स्टेशन और ट्रॉमा/इमरजेंसी सेवाओं को एक्सप्रेसवे नेटवर्क से जोड़ने की तैयारी भी तेज है।

शाहजहांपुर से विकास का नया कॉरिडोर

उत्तर प्रदेश के विकास नक्शे में गंगा एक्सप्रेसवे का शाहजहांपुर खंड सिर्फ एक गुजरने वाला रूट नहीं, बल्कि इंडस्ट्री और स्ट्रैटेजी—दोनों का हॉटस्पॉट बनकर उभर रहा है। एक्सप्रेसवे जनपद के करीब 44 गांवों से होकर गुजरता है और इसी इलाके को यूपी की औद्योगिक संभावनाओं के लिहाज से अहम कड़ी माना जा रहा है। जलालाबाद तहसील से करीब 8 किमी दूर प्रस्तावित इंटरचेंज कनेक्टिविटी को नया गेटवे देगा, जबकि नयागांव–गुलड़िया के पास लगभग 1000 हेक्टेयर क्षेत्र में औद्योगिक गलियारे की तैयारी से निवेश, फैक्ट्रियों और रोजगार सृजन को तेज़ी मिलने की उम्मीद है। यात्रियों की सुविधा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार एक्सप्रेसवे किनारे करीब 12 पेट्रोल पंप और ई-चार्जिंग पॉइंट विकसित करने की योजना पर काम कर रही है, ताकि लंबी दूरी के सफर में ईंधन और चार्जिंग की चिंता कम हो। साथ ही 24×7 निगरानी, राहत-बचाव टीमों की गश्त और त्वरित रिस्पॉन्स जैसी व्यवस्थाओं से इस कॉरिडोर को “सिर्फ तेज़ नहीं, सुरक्षित” बनाने की तैयारी है। गौरतलब है कि यह परियोजना उत्तर प्रदेश के लिए यातायात तक सीमित नहीं सामरिक दृष्टि से भी बड़ी मानी जा रही है। जलालाबाद क्षेत्र में पीरू गांव के पास गंगा एक्सप्रेसवे पर करीब 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी तैयार की गई है, जहां नाइट-ऑपरेशन जैसी सुविधाओं का दावा किया जा रहा है। उद्देश्य स्पष्ट है युद्ध या आपात स्थिति में लड़ाकू विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग, टेक-ऑफ और लॉजिस्टिक सपोर्ट को संभव बनाना। कुल मिलाकर, गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा दोनों को नई धार देने वाला प्रोजेक्ट बनता दिख रहा है।

यूपी को क्या फायदा होगा?

गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के लिए सिर्फ एक नई सड़क नहीं, बल्कि एक ऐसा विकास कॉरिडोर बनने की क्षमता रखता है जो प्रदेश की कनेक्टिविटी और अर्थव्यवस्था दोनों की दिशा बदल दे। मेरठ से प्रयागराज तक तेज़ रफ्तार लिंक बनते ही पश्चिमी यूपी, मध्य यूपी और पूर्वांचल के बीच दूरी और समय दोनों घटेंगे। इसका असर सीधे-सीधे निवेश, उद्योग, लॉजिस्टिक्स और सप्लाई-चेन पर पड़ेगा। माघ मेले जैसे विशाल आयोजनों के दौरान यह कॉरिडोर ट्रैफिक दबाव बांटने में भी बड़ी भूमिका निभा सकता है। नए साल पर अगर यह एक्सप्रेसवे जनता के लिए खोल दिया जाता है, तो इसे उत्तर प्रदेश के रोड इंफ्रास्ट्रक्चर इतिहास का एक बड़ा माइलस्टोन माना जाएगा। UP News

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CM योगी ने सेट किया 2026 एजेंडा: उत्तर प्रदेश में AI निवेश को मिलेगी रफ्तार

संदेश का मतलब स्पष्ट है उत्तर प्रदेश अब केवल कृषि पर निर्भर राज्य नहीं, बल्कि निवेश, नवाचार और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के दम पर देश के नए टेक-हब की भूमिका निभाने की ओर बढ़ रहा है।

CM योगी का 2026 डिजिटल एजेंडा
CM योगी का 2026 डिजिटल एजेंडा
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar30 Dec 2025 09:46 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश अब अपनी पहचान को सिर्फ खेती-किसानी तक सीमित रखने के बजाय टेक्नोलॉजी और इनोवेशन की नई उड़ान भरने की तैयारी में है।  नए साल 2026 से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों के नाम जारी विशेष पत्र के जरिए संकेत दे दिए हैं कि सरकार का अगला बड़ा फोकस टेक्नोलॉजी-ड्रिवन विकास पर रहने वाला है। पत्र में साफ झलकता है कि उत्तर प्रदेश का रोडमैप अब AI, सेमीकंडक्टर और डेटा सेंटर जैसे भविष्य के सेक्टरों के इर्द-गिर्द तय किया जा रहा है। संदेश का मतलब स्पष्ट है उत्तर प्रदेश अब केवल कृषि पर निर्भर राज्य नहीं, बल्कि निवेश, नवाचार और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के दम पर देश के नए टेक-हब की भूमिका निभाने की ओर बढ़ रहा है।

लखनऊ और नोएडा को ‘AI सिटी’ बनाने की तैयारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संकेत दिए हैं कि उत्तर प्रदेश अब टेक्नोलॉजी के मैदान में बड़ा दांव खेलने जा रहा है। सरकार की योजना के मुताबिक लखनऊ और नोएडा को ‘AI सिटी’ के रूप में विकसित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। मकसद सिर्फ स्मार्ट प्रोजेक्ट तक सीमित नहीं है लक्ष्य यह है कि उत्तर प्रदेश नवाचार, स्टार्टअप और हाई-टेक निवेश का ऐसा केंद्र बने, जिसकी पहचान देश के साथ-साथ वैश्विक आईटी मैप पर भी मजबूती से दर्ज हो। यानी आने वाला वक्त उत्तर प्रदेश को केवल प्रशासनिक और औद्योगिक नहीं, बल्कि AI और डिजिटल इकोसिस्टम के नए हब के रूप में भी देखने की तैयारी कर रहा है।

जेवर में 3700 करोड़ की सेमीकंडक्टर यूनिट, काम तेज

पत्र में यह भी संकेत दिया गया है कि उत्तर प्रदेश की टेक-इंडस्ट्री को नई रीढ़ देने वाली बड़ी परियोजनाएं अब कागज़ से निकलकर जमीन पर रफ्तार पकड़ चुकी हैं। जेवर में 3700 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित सेमीकंडक्टर यूनिट का निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसे प्रदेश के औद्योगिक नक्शे में गेम-चेंजर माना जा रहा है क्योंकि इससे निवेश का प्रवाह बढ़ेगा, सप्लाई-चेन मजबूत होगी और टेक मैन्युफैक्चरिंग को नई दिशा मिलेगी। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुताबिक ‘सुरक्षित डेटा सेंटर’ नीति ने उत्तर प्रदेश को निवेशकों के लिए भरोसेमंद डेस्टिनेशन बनाया है। सरकार ने डेटा सेंटर सेक्टर में 30,000 करोड़ रुपये निवेश का लक्ष्य तय किया है और दावा किया गया है कि 5 हाइपरस्केल डेटा सेंटर पार्क का व्यावसायिक संचालन शुरू हो चुका है। इसके अलावा, प्रदेश के 9 अन्य शहरों में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क स्थापित किए गए हैं, जिनका मकसद यूपी के युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर टेक-जॉब्स और नए करियर विकल्प तैयार करना है।

‘AI प्रज्ञा’ से 10 लाख लोगों को AI ट्रेनिंग

तकनीक को आम लोगों से जोड़ने के लिए सरकार ‘AI प्रज्ञा’ कार्यक्रम के जरिए 10 लाख नागरिकों को AI प्रशिक्षण देने की बात कर रही है। मुख्यमंत्री का जोर इस बात पर है कि उत्तर प्रदेश का युवा केवल तकनीक का उपभोक्ता न बने, बल्कि टेक्नोलॉजी में दक्ष और सक्षम संसाधन के रूप में आगे आए। ड्रोन, रोबोटिक्स और मोबाइल निर्माण जैसे क्षेत्रों में भी UP के कदम तेजी से बढ़ने का संकेत दिया गया है।

युवाओं से ‘ज्ञानदान’ की अपील

मुख्यमंत्री ने नए साल 2026 के लिए प्रदेश के युवाओं से एक खास संकल्प लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हर युवा अपने आसपास कम से कम 5 बच्चों को कंप्यूटर और AI के प्रति जागरूक करे। साथ ही सप्ताह में कम से कम एक घंटा ‘ज्ञानदान’ करने का आग्रह किया गया है। सीएम ने भरोसा जताया कि सरकार और जनता के साझा प्रयास से उत्तर प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बड़े केंद्र के रूप में अपनी पहचान और मजबूत करेगा। UP News

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