प्रयागराज का रहा है गौरवपूर्ण राजनीतिक इतिहास

ब्रिटिश शासन के दौरान प्रयागराज को संयुक्त प्रांत की राजधानी बनाया गया। राजधानी होने के कारण यहाँ प्रशासन, न्याय और नीति-निर्माण की गतिविधियाँ केंद्रित हुईं। इसी दौर में यह शहर राष्ट्रवादी विचारधाराओं और राजनीतिक जागरूकता का प्रमुख मंच बन गया।

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इलाहाबाद विवि
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar24 Dec 2025 06:53 PM
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UP News : प्रयागराज भारत के उन चुनिंदा नगरों में शामिल है, जिनकी पहचान केवल धार्मिक या सांस्कृतिक कारणों से नहीं, बल्कि राष्ट्र-निर्माण में निभाई गई ऐतिहासिक राजनीतिक भूमिका से भी बनी है। यह नगर आधुनिक भारत की राजनीतिक चेतना, नेतृत्व और वैचारिक विकास का सशक्त केंद्र रहा है।

1. औपनिवेशिक काल में राजनीतिक महत्व

ब्रिटिश शासन के दौरान प्रयागराज को संयुक्त प्रांत की राजधानी बनाया गया। राजधानी होने के कारण यहाँ प्रशासन, न्याय और नीति-निर्माण की गतिविधियाँ केंद्रित हुईं। इसी दौर में यह शहर राष्ट्रवादी विचारधाराओं और राजनीतिक जागरूकता का प्रमुख मंच बन गया।

2. स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में प्रयागराज की भूमिका अत्यंत निर्णायक रही। यहाँ से कई आंदोलनकारी रणनीतियाँ तैयार की गईं। विदेशी शासन के विरुद्ध जनमत तैयार करने में इस नगर के बुद्धिजीवियों, छात्रों और पत्रकारों ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। प्रयागराज के अनेक नागरिकों ने जेल यात्राएँ कीं और राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभाई।

3. नेहरू परिवार और राजनीतिक चेतना

प्रयागराज भारतीय राजनीति में नेहरू परिवार की कर्मभूमि के रूप में विशेष स्थान रखता है। मोतीलाल नेहरू ने इस नगर में रहकर न केवल कानून और राजनीति को नई दिशा दी, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम को संगठित स्वरूप भी प्रदान किया। जवाहरलाल नेहरू का राजनीतिक व्यक्तित्व यहीं विकसित हुआ, जिसने आगे चलकर भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को आकार दिया। आनंद भवन और स्वराज भवन जैसे स्थल राजनीतिक विचार-विमर्श और राष्ट्रीय आंदोलनों के जीवंत केंद्र बने।

4. प्रधानमंत्री देने वाला ऐतिहासिक नगर

प्रयागराज उन गिने-चुने नगरों में है, जिसने देश को कई प्रधानमंत्री दिए। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह नगर केवल जनसंख्या का नहीं, बल्कि नेतृत्व-निर्माण का केंद्र रहा है। यहाँ का राजनीतिक वातावरण राष्ट्रीय स्तर के नेतृत्व को जन्म देने में सक्षम रहा है।

5. शिक्षा और वैचारिक राजनीति

इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने राजनीतिक और बौद्धिक दृष्टि से प्रयागराज को विशेष पहचान दिलाई। यहाँ लोकतंत्र, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और संविधानिक मूल्यों पर गंभीर विमर्श हुआ। विश्वविद्यालय से निकले छात्र आगे चलकर राजनीति, प्रशासन और नीति-निर्धारण के महत्वपूर्ण पदों तक पहुँचे।

6. न्यायपालिका और राजनीतिक प्रभाव

प्रयागराज स्थित उच्च न्यायालय ने भारतीय लोकतंत्र की रक्षा में अहम भूमिका निभाई। कई ऐसे निर्णय यहीं से आए जिन्होंने देश की राजनीति की दिशा को प्रभावित किया। न्याय और राजनीति के संतुलन को बनाए रखने में इस नगर की भूमिका ऐतिहासिक रही है।

7. उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजनीति में योगदान

प्रयागराज लंबे समय तक उत्तर प्रदेश की राजनीति का वैचारिक मार्गदर्शक रहा। यहाँ से चुने गए जनप्रतिनिधियों ने विधानसभा से लेकर संसद तक प्रभावी नेतृत्व दिया। यह नगर राजनीतिक संवाद, बहस और नीति-निर्माण की प्रयोगशाला के रूप में कार्य करता रहा।

प्रयागराज केवल आस्था का संगम नहीं, बल्कि विचार, नेतृत्व और लोकतंत्र का संगम भी है। स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आधुनिक भारत के शासन ढांचे तक, इस नगर ने राजनीतिक चेतना को दिशा दी है। भारतीय राजनीति के इतिहास में प्रयागराज का स्थान स्थायी, विशिष्ट और अत्यंत गौरवशाली है।

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विधानसभा में सीएम योगी ने कहा, उत्तर प्रदेश में अपराधियों में कानून का भय

समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के समय सरकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर धन की बर्बादी हुई। उन्होंने जेपीएनआईसी और गोमती रिवर फ्रंट परियोजना का उल्लेख करते हुए कहा कि निर्धारित लागत से कई गुना खर्च होने के बावजूद ये योजनाएं अधूरी रहीं।

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योगी आदित्यनाथ
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar24 Dec 2025 06:22 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए विपक्ष पर कड़ा हमला बोला। अपने संबोधन में उन्होंने कानून-व्यवस्था, विकास कार्यों, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति को प्रमुख मुद्दा बनाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब उन राज्यों में शामिल नहीं है जिन्हें कभी बीमारू कहा जाता था। उनके अनुसार, वर्तमान समय में प्रदेश में व्यापारियों से जबरन वसूली जैसी घटनाएं बंद हो चुकी हैं और अपराधियों में कानून का भय है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी और माफिया गतिविधियों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीएम योगी ने यह भी कहा कि सरकारी या सार्वजनिक जमीन पर अवैध कब्जा कर अवैध गतिविधियां चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने संकेत दिया कि ऐसे मामलों में प्रशासन बुलडोजर जैसी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा।

पूर्ववर्ती सरकारों पर भ्रष्टाचार के आरोप

समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के समय सरकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर धन की बर्बादी हुई। उन्होंने जेपीएनआईसी और गोमती रिवर फ्रंट परियोजना का उल्लेख करते हुए कहा कि निर्धारित लागत से कई गुना खर्च होने के बावजूद ये योजनाएं अधूरी रहीं। इसके विपरीत, उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जैसे बड़े प्रोजेक्ट कम लागत में समय पर पूरे कर दिखाए।

दंगों और अराजकता पर सरकार का पक्ष

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश में न तो दंगे होते हैं और न ही कर्फ्यू लगाने की जरूरत पड़ती है। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि पूर्व में माफियाओं के दबाव में आकर कई मामलों में पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाया। पूजा पाल हत्याकांड का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के लिए पीड़ित की पहचान या राजनीतिक पक्ष मायने नहीं रखता, बल्कि न्याय सर्वोपरि है। सीएम योगी ने तुष्टिकरण की राजनीति को लेकर भी विपक्ष पर हमला किया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में एक दलित हिंदू की हत्या पर विपक्ष की चुप्पी सवाल खड़े करती है, जबकि अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर संवेदना दिखाई जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि अवैध प्रवासियों और रोहिंग्याओं के खिलाफ कार्रवाई होने पर कुछ राजनीतिक दल विरोध करेंगे, क्योंकि वे इन्हें वोट बैंक के रूप में देखते हैं।


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सीएम योगी बोले : चेहरा देखकर योजनाओं का लाभ देना पाप है

मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी के कार्यकाल की तुलना करते हुए कहा कि उस समय कई बड़े प्रोजेक्ट तय लागत से कई गुना खर्च होने के बावजूद अधूरे रह गए।

सीएम योगी आदित्यनाथ
सीएम योगी आदित्यनाथ
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar24 Dec 2025 05:34 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनुपूरक बजट पर चर्चा करते हुए प्रदेश की उपलब्धियों और सुरक्षा-व्यवस्था पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसी भी व्यक्ति को जाति, धर्म, नाम या पहचान के आधार पर योजनाओं का लाभ नहीं देती।

सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार रोकना

मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी के कार्यकाल की तुलना करते हुए कहा कि उस समय कई बड़े प्रोजेक्ट तय लागत से कई गुना खर्च होने के बावजूद अधूरे रह गए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जेपीएनआईसी का प्रोजेक्ट 860 करोड़ रुपये में अधूरा रह गया, जबकि गोमती रिवर फ्रंट का 167 करोड़ का प्रोजेक्ट 1400 करोड़ में भी पूरा नहीं हुआ। इसके विपरीत, उनकी सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जैसी बड़ी परियोजनाएँ कम लागत में समय पर पूरी कीं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन सुधारों के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था में मजबूती आई है और निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अब उत्तर प्रदेश बीमारू राज्यों की सूची से बाहर आ चुका है और प्रदेश में व्यवसाय और सुरक्षा का बेहतर माहौल बन गया है।

सुरक्षा और कानून व्यवस्था

सीएम ने स्पष्ट किया कि आज प्रदेश में गुंडागर्दी और अवैध वसूली नहीं होती। किसी भी बेटी, व्यापारी या नागरिक को कोई खतरा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अपराध करने वालों को सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने नौ लाख सरकारी नौकरियों में किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं होने दिया। भर्ती बोर्ड में रिटायर्ड डीजीपी को शामिल कर नकल माफियाओं की कमर तोड़ी गई। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य सज्जनों को सुरक्षा और दुर्जनों को कानूनी कार्रवाई के माध्यम से ठिकाना देना है।

विकास योजनाओं का समान लाभ

योगी आदित्यनाथ ने दोहराया कि कोई भी व्यक्ति नाम, धर्म या जाति के आधार पर योजनाओं से वंचित नहीं रहेगा। उनका कहना था,

चेहरा देखकर किसी को योजनाओं का लाभ देना हमारे लिए पाप है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार सभी बेटियों, व्यापारियों और नागरिकों को समान सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति जबरन कब्जा नहीं कर पाएगा, और अगर कोई ऐसा करता है तो उसे छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता।

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