दूसरे की पत्नी से अवैध संबंध रखना पड़ा भारी, पति ने दी दर्दनाक मौत

जांच में सामने आया है कि यह हत्या आपसी रंजिश या लूट नहीं, बल्कि अवैध प्रेम संबंधों का नतीजा थी। पुलिस का कहना है कि लंबे समय से चले आ रहे विवाद ने आखिरकार एक युवक की जान ले ली। पत्नी से अवैध संबंध रखने वाले सख्स को पति ने मौत के घाट उतारा।

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मृतक
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar29 Dec 2025 07:13 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद के शिकारपुर क्षेत्र में हुए शिवम वर्मा हत्याकांड से पुलिस ने पर्दा उठा दिया है। जांच में सामने आया है कि यह हत्या आपसी रंजिश या लूट नहीं, बल्कि अवैध प्रेम संबंधों का नतीजा थी। पुलिस का कहना है कि लंबे समय से चले आ रहे विवाद ने आखिरकार एक युवक की जान ले ली। पत्नी से अवैध संबंध रखने वाले सख्स को पति ने मौत के घाट उतारा।

आरोपी की पत्नी से थे मृतक के संबंध

पुलिस जांच के अनुसार, नगर के साठा मोहल्ला निवासी शिवम वर्मा के संबंध विक्की गुप्ता की पत्नी से थे। यह रिश्ता इतना आगे बढ़ गया था कि वर्ष 2024 में शिवम महिला को अपने साथ भगा ले गया था। बाद में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए महिला को बरामद कर लिया था, लेकिन इसके बावजूद शिवम ने उससे संपर्क और मुलाकात बंद नहीं की।

बदले की आग में रची गई हत्या की साजिश

पत्नी से संबंध बने रहने की जानकारी मिलने के बाद विक्की गुप्ता भीतर ही भीतर आक्रोश में था। इसी नाराजगी और बदले की भावना में उसने अपने साथियों मनीष, राहुल, दिलशाद और दो अन्य लोगों के साथ मिलकर शिवम वर्मा की हत्या की योजना बनाई। मौका पाकर आरोपियों ने शिवम की हत्या कर दी।

सबूत मिटाने के लिए नदी में फेंका शव

हत्या के बाद आरोपियों ने शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की और शिकारपुर थाना क्षेत्र के बादशाहपुर गांव के पास बहने वाली काली नदी में लाश फेंक दी, ताकि पुलिस तक कोई सुराग न पहुंच सके। पुलिस ने मामले की गहन जांच करते हुए पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया है। अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि अन्य फरार आरोपियों की तलाश के लिए दबिश दी जा रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही सभी आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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वर्ष-2025 में शराब ने भर दिया उत्तर प्रदेश का खजाना

नई आबकारी नीति ने विभाग की पूरी कार्यप्रणाली को तकनीक आधारित और पारदर्शी बना दिया है। वहीं राजस्व प्राप्ति के मामले में इस साल आबकारी विभाग ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। निवेश और रोजगार सृजन में भी उल्लेखनीय कार्य हुआ है।

शराब बिक्री से भर रहा यूपी का खजाना
शराब बिक्री से भर रहा यूपी का खजाना
locationभारत
userआरपी रघुवंशी
calendar29 Dec 2025 06:27 PM
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UP News : वर्ष-2025 समाप्त हो रहा है। इस दौरान वर्ष-2025 की उपलब्धियों की भी खूब चर्चा हो रही है। उत्तर प्रदेश में अनेक उपलब्धियों के साथ ही प्रदेश की आबकारी नीति की भी जमकर चर्चा हो रही है। उत्तर प्रदेश सरकार की आबकारी नीति के कारण शराब की बिक्री ने उत्तर प्रदेश सरकार का खजाना खूब भर दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष-2025 में आबकारी नीति में बदलाव का बड़ा प्रयोग करके सफलता हासिल की है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस साल अपने निर्णयों से आबकारी विभाग में क्रांतिकारी परिवर्तन किए हैं। ये साल आबकारी विभाग के लिए कई बदलाव के लिए जाना जाएगा। नई आबकारी नीति ने विभाग की पूरी कार्यप्रणाली को तकनीक आधारित और पारदर्शी बना दिया है। वहीं राजस्व प्राप्ति के मामले में इस साल आबकारी विभाग ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। निवेश और रोजगार सृजन में भी उल्लेखनीय कार्य हुआ है। 

उत्तर प्रदेश का आबकारी विभाग पहले से ज्यादा पारदर्शी और तकनीक आधारित

योगी आदित्यनाथ सरकार की नई आबकारी नीति ने विभाग की छवि को सकारात्मक रूप से बदलने का काम किया है। इस साल शराब की दुकानों का आवंटन ई-लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया गया जिससे लाइसेंस आवंटन की प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और ऑनलाइन हो गई। शराब की दुकानों से जुड़े विभिन्न प्रकार के थोक और बॉण्ड अनुज्ञापनों का निर्गमन, मदिरा की बोतलों पर लगने वाले लेबलों का अनुमोदन, मदिरा की एमआरपी का निर्धारण और अल्कोहल निर्यात के परमिट, अब सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन हो गई हैं। 

उत्तर प्रदेश में अवैध बिक्री और कारोबार पर पूरी तरह से नियंत्रण

नई नीति के तहत उत्पादन से लेकर परिवहन और बिक्री तक हर स्तर पर सख्त निगरानी सुनिश्चित की गई है। शीरा के उत्पादन, उठान और वितरण की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन की गई है, जबकि आसवनियों और अन्य इकाइयों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मदिरा और स्पिरिट के टैंकरों में डिजिटल लॉक लगाए गए हैं और केवल जीपीएस युक्त वाहनों से ही परिवहन की अनुमति दी गई है। आसवनियों में डिजिटल अल्कोहलोमीटर, मास फ्लो मीटर, रडार आधारित लेवल सेंसर और बॉटलिंग काउंटर लगाए गए हैं। 

उत्तर प्रदेश सरकार ने की है अवैध शराब में लिप्त अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस साल अवैध शराब और अपराधियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी और प्रभावी कार्रवाई की है। इस साल प्रदेशभर में अवैध शराब के निर्माण और तस्करी से जुड़े 79,990 अभियोग दर्ज किए गए हैं। इस दौरान 20.86 लाख लीटर अवैध मदिरा एवं मादक द्रव्य बरामद किए गए। अवैध कारोबार में संलिप्त 15,085 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 2,755 को जेल भेजा गया। अवैध मदिरा से जुड़ी किसी भी सूचना के लिए लखनऊ स्थित कंट्रोल एवं कमांड सेंटर का टोल फ्री नंबर 14405 और व्हाट्सएप नंबर 9454466019 सक्रिय है। साथ ही, मदिरा की वैधता जांच के लिए यूपी एक्साइज सिटीजन ऐप विकसित किया गया है। 

शराब ने भर दिया उत्तर प्रदेश का खजाना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की नई आबकारी नीति का असर राजस्व आंकड़ों में साफ दिखाई दे रहा है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में नवंबर माह तक प्रदेश को कुल 35,144.11 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 की समान अवधि में प्राप्त 30,402.34 करोड़ रुपये की तुलना में 15.59 प्रतिशत अधिक है। इस अवधि में सरकार को 4,741.77 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिला है। ये आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि योगी सरकार की आबकारी नीति ने राजस्व संग्रह को नई मजबूती दी उत्तर प्रदेश में इस साल तक 182 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन हुआ, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। योगी आदित्यनाथ सरकार के संरचनात्मक सुधार, तकनीकी अनुकूलता और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ से शराब, बीयर, वाइन व एल्कोहल आधारित उद्योगों में वृद्धि हुई है। प्रदेश में 105.25 करोड़ लीटर और प्रदेश से बाहर 40.96 करोड़ लीटर एथेनॉल बिक्री ने उत्तर प्रदेश को एथेनॉल सप्लाई का भरोसेमंद केंद्र बनाया है। इंवेस्ट यूपी के अंतर्गत अब तक 140 समझौते साइन हुए हैं, जिसके तहत 35378 करोड़ रुपये के निवेश की प्रक्रिया चल रही है। वहीं 56 रेडी-टू-लॉन्च प्रोजेक्ट हैं जिनके लिए जमीन आवंटित हो चुकी है। इसके माध्यम से 11667 करोड़ रुपये के निवेश की प्रक्रिया चल रही है। वर्तमान में 35 प्रोजेक्ट संचालित हैं जिसमें 4045 करोड़ से ज्यादा का निवेश हो चुका है। इन परियोजनाओं ने 5000 से अधिक रोजगार भी सृजित किए हैं। UP News

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असद खान ने सनातन धर्म अपनाया, बने अथर्व त्यागी

मध्य प्रदेश के सागर जिले से आए असद खान ने वैदिक विधि-विधान के साथ सनातन धर्म को स्वीकार किया और अपना नया नाम अथर्व त्यागी धारण किया। गंगा नदी के मध्य नाव पर आयोजित इस संस्कार में 21 ब्राह्मणों की उपस्थिति में मंत्रोच्चार के साथ शुद्धिकरण, पूजन और नामकरण की प्रक्रिया संपन्न कराई गई।

asad khan
असद खान जो अथर्व त्यागी बने
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar29 Dec 2025 06:25 PM
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UP News : काशी की पावन धरती गंगा की निर्मल धाराओं के बीच एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान का साक्षी बना। मध्य प्रदेश के सागर जिले से आए असद खान ने वैदिक विधि-विधान के साथ सनातन धर्म को स्वीकार किया और अपना नया नाम अथर्व त्यागी धारण किया। गंगा नदी के मध्य नाव पर आयोजित इस संस्कार में 21 ब्राह्मणों की उपस्थिति में मंत्रोच्चार के साथ शुद्धिकरण, पूजन और नामकरण की प्रक्रिया संपन्न कराई गई।

अनुष्ठान की शुरुआत शुद्धिकरण संस्कार से हुई

धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत शुद्धिकरण संस्कार से हुई, जिसके बाद पंचद्रव स्नान कराया गया। तत्पश्चात गौरी-गणेश का पूजन और गंगा आरती की गई। इस दौरान हनुमान चालीसा का पाठ भी किया गया। पूरे कार्यक्रम को शास्त्रों में वर्णित विधियों के अनुसार पूर्ण किया गया। इस धार्मिक प्रक्रिया का संचालन करने वाले ब्राह्मण आलोक नाथ योगी ने बताया कि घर वापसी से पहले व्यक्ति का आत्मिक और वैदिक शुद्धिकरण आवश्यक होता है। उन्होंने कहा कि सभी संस्कार प्राचीन सनातन परंपराओं के अनुरूप कराए गए, जिसमें नामकरण भी सम्मिलित था। इसी क्रम में असद खान का नया नाम अथर्व त्यागी रखा गया।

अथर्व त्यागी पेशे से हैं इंजीनियर

अथर्व त्यागी ने बताया कि वह पेशे से इंजीनियर हैं और सरकारी विभागों में ठेकेदारी का कार्य करते हैं। उनका पूरा परिवार अब भी सागर जिले में रहता है और मुस्लिम परंपराओं का पालन करता है। उन्होंने कहा कि बचपन से ही उन्हें मंदिरों में जाना, पूजा-पाठ करना और देवी-देवताओं के प्रति श्रद्धा रखना अच्छा लगता था। हालांकि, बड़े होने पर नाम और पहचान के कारण कई बार मंदिरों में असहज स्थिति का सामना करना पड़ा।

अथर्व ने खुद को बजरंग बली का अनन्य भक्त बतलाया

उन्होंने स्वयं को बजरंग बली का अनन्य भक्त बताया और कहा कि अपनी अंतरात्मा की आवाज और आस्था के अनुरूप जीवन जीने के लिए उन्होंने सनातन धर्म अपनाने का निर्णय लिया। अथर्व त्यागी का कहना है कि यह फैसला उन्होंने किसी दबाव में नहीं, बल्कि पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ लिया है। इस अवसर पर हिंदू युवा शक्ति के प्रदेश प्रचारक योगी आलोक नाथ के साथ सुधीर सिंह, सौरभ गौतम, निखिल यादव, सौम्या सिंह, ऋचा सिंह, सचिन त्रिपाठी सहित 21 बटुक ब्राह्मणों ने मिलकर सभी धार्मिक अनुष्ठानों को संपन्न कराया।

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