उत्तर प्रदेश में SIR का आज आखिरी दिन, फॉर्म नहीं भरा तो करें ये काम

इस प्रक्रिया में जहां दिवंगत मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं, वहीं पलायन कर चुके या लंबे समय से क्षेत्र से बाहर रहने वाले मतदाताओं के रिकॉर्ड का सत्यापन किया जा रहा है। दूसरी ओर, नए मतदाताओं के नाम जोड़े जा रहे हैं और नाम, पता, उम्र, फोटो जैसी गलतियों को भी इसी मंच पर दुरुस्त किया जा रहा है।

SIR प्रक्रिया आज अंतिम दिन
उत्तर प्रदेश SIR प्रक्रिया आज अंतिम दिन
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar26 Dec 2025 11:46 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची को दुरुस्त करने के लिए चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया आज अंतिम दिन है। डेडलाइन के दबाव के चलते उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बूथों और विशेष कैंपों पर सुबह से ही हलचल तेज दिख रही है। चुनावी तैयारियों की इस अहम कड़ी में अगर आपने अब तक गणना फॉर्म जमा नहीं किया है, तो देर न करें आज ही नजदीकी केंद्र/कैंप पर पहुंचकर या उपलब्ध ऑनलाइन माध्यम से फॉर्म भरकर जमा कर दें। क्योंकि आखिरी तारीख निकलते ही नाम जोड़ने, विवरण सुधारने या संशोधन की प्रक्रिया ड्राफ्ट सूची के बाद दावे-आपत्तियों के रास्ते जाएगी, जिसमें समय भी लगेगा और प्रक्रिया भी लंबी हो सकती है।

उत्तर प्रदेश में क्यों जरूरी है SIR?

उत्तर प्रदेश जैसे विशाल और विविध आबादी वाले राज्य में मतदाता सूची का सही, साफ और अपडेट रहना चुनावी व्यवस्था की बुनियाद है। यही वजह है कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को वोटर लिस्ट की एक तरह की “डीप क्लीनिंग + अपडेशन ड्राइव” माना जा रहा है। इस प्रक्रिया में जहां दिवंगत मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं, वहीं पलायन कर चुके या लंबे समय से क्षेत्र से बाहर रहने वाले मतदाताओं के रिकॉर्ड का सत्यापन किया जा रहा है। दूसरी ओर, नए मतदाताओं के नाम जोड़े जा रहे हैं और नाम, पता, उम्र, फोटो जैसी गलतियों को भी इसी मंच पर दुरुस्त किया जा रहा है। कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश में वोटर लिस्ट को ज्यादा सटीक, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए SIR एक निर्णायक कदम है ताकि हर पात्र मतदाता का नाम सही जगह, सही जानकारी के साथ दर्ज रहे।

जिलों में विशेष कैंप

उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में अंतिम दिन की डेडलाइन को देखते हुए प्रशासन ने विशेष कैंपों का नेटवर्क सक्रिय कर दिया है। कई मतदान केंद्रों पर बीएलओ (Booth Level Officer) की तैनाती के साथ फॉर्म भरवाने, त्रुटि सुधारने और जमा कराने की ऑन-द-स्पॉट व्यवस्था की गई, ताकि कोई पात्र मतदाता प्रक्रिया से छूट न जाए। कई जगहों पर राजनीतिक दलों के बीएलए (Booth Level Agents) भी बूथों पर मौजूद रहे और लोगों को फॉर्म भरने-जमा करने में सहायता करते दिखे। राज्य स्तर पर भी इसे लेकर हाई अलर्ट मोड नजर आया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर भाजपा के प्रदेश नेतृत्व तक ने जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं से घर-घर जागरूकता बढ़ाने की अपील की थी। इसका असर अब जमीन पर दिख रहा है, जहां बूथों पर बढ़ती भीड़ और तेज होती गतिविधियां बताती हैं कि उत्तर प्रदेश में वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने की यह कवायद अपने निर्णायक मुकाम पर पहुंच चुकी है।

कैसे अपडेट हो रहा डाटा?

चुनाव आयोग की ओर से घर-घर बीएलओ भेजकर मतदाताओं तक गणना फॉर्म पहुंचाए गए, ताकि प्रक्रिया ज्यादा से ज्यादा लोगों की पहुंच में रहे। मतदाता द्वारा भरे गए फॉर्म के आधार पर ऑनलाइन डेटा एंट्री की जा रही है और इसी अपडेटेड रिकॉर्ड से नई मतदाता सूची तैयार होगी। जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में SIR के तुरंत बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होने की संभावना है, जबकि फरवरी में फाइनल सूची प्रकाशित होने का अनुमान जताया जा रहा है। सबसे अहम बात यह है कि जो मतदाता आज फॉर्म जमा नहीं कर पाए, उनके लिए रास्ता पूरी तरह बंद नहीं होता ड्राफ्ट सूची के प्रकाशन के बाद वे उचित दस्तावेजों के साथ दावा/आपत्ति दाखिल कर सकते हैं। आयोग इन दावों-आपत्तियों की जांच कर फाइनल अपडेट से पहले अंतिम एडिटिंग करेगा, ताकि उत्तर प्रदेश में किसी भी योग्य मतदाता का नाम सिर्फ प्रक्रिया या त्रुटि के कारण सूची से छूट न जाए।

उत्तर प्रदेश के मतदाताओं के लिए जरूरी सलाह

उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के इस निर्णायक अपडेट के बीच मतदाताओं के लिए तीन बातें बेहद जरूरी हैं अगर आपका फॉर्म अब तक जमा नहीं हुआ है, तो इसे आज ही नजदीकी केंद्र/कैंप या ऑनलाइन माध्यम से जमा कर दें। अगर नाम, पता, उम्र या फोटो में जरा-सी भी गलती है, तो उसे समय रहते सुधरवा लेना आगे की परेशानी से बचाएगा। और जब ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी हो, तो अपना नाम और पूरा विवरण एक बार नहीं, ध्यान से दो बार जरूर जांचें ताकि उत्तर प्रदेश में आपका मतदान अधिकार किसी त्रुटि या देरी की वजह से अधूरा न रह जाए। UP News

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उत्तर प्रदेश में ‘फॉग इमरजेंसी’: 25 जिलों में रेड अलर्ट

मौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल राहत के संकेत कमजोर हैं, इसलिए लोगों को सलाह है कि खासकर सुबह-सवेरे और देर रात अनावश्यक यात्रा से बचें, वाहन चलाते समय लो-बीम लाइट और फॉग लैंप का इस्तेमाल करें और अपडेटेड मौसम/ट्रैफिक सूचना देखकर ही घर से निकलें।

IMD अलर्ट के बाद यूपी के 25 जिलों में रेड वार्निंग
IMD अलर्ट के बाद यूपी के 25 जिलों में रेड वार्निंग
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar26 Dec 2025 10:35 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश में सर्दी ने अब अपना सबसे सख्त रंग दिखाना शुरू कर दिया है। कड़ाके की ठंड के बीच घना कोहरा प्रदेश के कई इलाकों में जनजीवन पर भारी पड़ रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए चेताया है कि अगले कुछ घंटों में कोहरे की परत और गाढ़ी हो सकती है, जिससे दृश्यता बेहद कम रहने का अंदेशा है। इसका सीधा असर हाईवे पर ट्रैफिक, ट्रेन संचालन और उड़ानों की समय-सारणी पर पड़ सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल राहत के संकेत कमजोर हैं, इसलिए लोगों को सलाह है कि खासकर सुबह-सवेरे और देर रात अनावश्यक यात्रा से बचें, वाहन चलाते समय लो-बीम लाइट और फॉग लैंप का इस्तेमाल करें और अपडेटेड मौसम/ट्रैफिक सूचना देखकर ही घर से निकलें।

रेड अलर्ट वाले 25 जिले

IMD की रेड वार्निंग के अनुसार जिन जिलों में हालात सबसे ज्यादा गंभीर बताए जा रहे हैं, वहां वेरी डेंस फॉग की स्थिति बन सकती है। उत्तर प्रदेश के ये जिले रेड अलर्ट में हैं - अंबेडकर नगर, अमेठी, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बाराबंकी, बरेली, देवरिया, जौनपुर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कौशांबी, कुशीनगर, महराजगंज, मिर्जापुर, मुरादाबाद, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, रामपुर, सहारनपुर, संत रविदास नगर (भदोही), श्रावस्ती, सुल्तानपुर, वाराणसी।

विशेष चेतावनी: इन इलाकों में सुबह-रात के समय दृश्यता इतनी घट सकती है कि हाईवे और ग्रामीण सड़कों पर दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है।

20 जिलों में ऑरेंज अलर्ट

मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के कई अन्य जिलों में घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है - औरैया, बलरामपुर, बस्ती, बिजनौर, चंदौली, इटावा, फतेहपुर, गोंडा, गोरखपुर, हरदोई, जालौन, कन्नौज, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, मऊ, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, उन्नाव।

उत्तर प्रदेश में यातायात पर दोहरी मार

कोहरे का असर उत्तर प्रदेश की ट्रैफिक व्यवस्था पर साफ दिख रहा है। कई जिलों में सुबह के वक्त वाहन धीमी रफ्तार से चलते नजर आ रहे हैं। हाईवे पर बसें-ट्रक भी सावधानी के साथ रेंग रहे हैं। इसी तरह रेल संचालन भी प्रभावित है। कई ट्रेनें घंटों लेट चल रही हैं और यात्रियों को स्टेशनों पर लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।उत्तर प्रदेश में कम दृश्यता के चलते लखनऊ, वाराणसी और अन्य बड़े शहरों के एयरपोर्ट पर उड़ानों के संचालन में दिक्कतें आ सकती हैं। कुछ फ्लाइट्स लेट, तो कुछ को जरूरत पड़ने पर डायवर्ट/कैंसिल भी किया जा सकता है। यात्रियों को सलाह है कि एयरपोर्ट निकलने से पहले फ्लाइट स्टेटस जरूर जांच लें।

ड्राइवरों के लिए एडवाइजरी

उत्तर प्रदेश में घने कोहरे के अलर्ट को देखते हुए प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। पुलिस और ट्रैफिक विभाग को हाई-अलर्ट मोड में रखते हुए प्रमुख चौराहों, हाईवे और ब्लैक-स्पॉट्स पर अतिरिक्त निगरानी बढ़ाई जा रही है। अधिकारियों का जोर इस बात पर है कि कम दृश्यता वाले घंटों में हादसों का जोखिम न बढ़े। ऐसे में वाहन चालकों से अपील है कि वे फॉग लाइट/लो-बीम का इस्तेमाल करें, तेज रफ्तार से बचें, सुरक्षित दूरी बनाए रखें और सुबह-तड़के व देर रात अनावश्यक यात्रा टालें। दोपहिया चालक हेलमेट के साथ गर्म कपड़े पहनकर ही निकलें।

लेट चल रही ट्रेनों की सूची

  1. 12302 नई दिल्ली–हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस — 10 घंटे लेट
  2. 12314 नई दिल्ली–सियालदह राजधानी एक्सप्रेस — 11 घंटे लेट
  3. 12818 झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस — 5:30 घंटे लेट
  4. 20802 मगध एक्सप्रेस — 4 घंटे लेट
  5. 03252 दानापुर स्पेशल एक्सप्रेस — 16 घंटे लेट
  6. 04078 नई दिल्ली–कामाख्या स्पेशल — 3 घंटे लेट
  7. 12394 नई दिल्ली–राजेंद्र नगर संपूर्ण क्रांति — 10 घंटे लेट
  8. 12802 आनंद विहार–पुरी पुरुषोत्तम — 4 घंटे लेट
  9. 15657 दिल्ली–कामाख्या ब्रह्मपुत्र मेल — 3:30 घंटे लेट
  10. 14038 सिलचर पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति — 4 घंटे लेट
  11. 22362 नई दिल्ली–राजेंद्र नगर अमृत भारत — 8 घंटे लेट
  12. 05562 रक्सौल स्पेशल — 15 घंटे लेट
  13. 09343 पटना स्पेशल — 4 घंटे लेट
  14. 03223 हरिद्वार स्पेशल — 8 घंटे लेट
  15. 12370 देहरादून–हावड़ा कुंभ एक्सप्रेस — 8:30 घंटे लेट
  16. 06221 दरभंगा स्पेशल — 25 घंटे लेट
  17. 12282 नई दिल्ली–भुवनेश्वर दुरंतो — 9 घंटे लेट
  18. 12260 बीकानेर–सियालदह दुरंतो — 3 घंटे लेट
  19. 12815 नंदनकानन एक्सप्रेस — 2:30 घंटे लेट
  20. 12320 ग्वालियर–कोलकाता एक्सप्रेस — 2:30 घंटे लेट
  21. 12372 बीकानेर–हावड़ा सुपरफास्ट — 2:30 घंटे लेट
  22. 22361 राजेंद्र नगर–नई दिल्ली अमृत भारत — 9:30 घंटे लेट
  23. 12324 प्रयागराज–हावड़ा विभूति — 15 घंटे लेट
  24. 12333 हावड़ा–प्रयागराज विभूति — 2 घंटे लेट
  25. 14004 नई दिल्ली–मालदा टाउन एक्सप्रेस — आज रद्द

कब मिलेगी ठंड और कोहरे से राहत?

मौसम विभाग के संकेतों के मुताबिक अभी कुछ दिनों तक उत्तर प्रदेश में घने कोहरे और सर्द हवाओं का असर बना रह सकता है। यानी निकट भविष्य में राहत सीमित है। ऐसे में नागरिकों से अपील है कि अत्यावश्यक काम होने पर ही यात्रा करें और स्वास्थ्य व सुरक्षा को प्राथमिकता दें। UP News

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संगम तट पर आस्था का महायोग : प्रयागराज में 25 लाख कल्पवासी जुटेंगे

कल्पवास का मतलब है नियम, संयम और साधना के साथ एक महीने तक मेला क्षेत्र में निवास करना। इस वर्ष 30 दिसंबर से कल्पवासियों का आगमन शुरू होगा और पौष शुक्ल पूर्णिमा यानी 3 जनवरी से लगभग 20 से 25 लाख श्रद्धालुओं का एकमाह का कल्पवास आरंभ होगा, जो माघ पूर्णिमा 1 फरवरी तक चलेगा।

magh mela (1)
संगम तट पर आस्था का सैलाब
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar25 Dec 2025 05:32 PM
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UP News : प्रयागराज में हर साल आयोजित माघ मेले के दौरान गंगा और यमुना के पावन संगम तट पर लाखों श्रद्धालु कल्पवास करते हैं। कल्पवास का मतलब है नियम, संयम और साधना के साथ एक महीने तक मेला क्षेत्र में निवास करना। इस वर्ष 30 दिसंबर से कल्पवासियों का आगमन शुरू होगा और पौष शुक्ल पूर्णिमा यानी 3 जनवरी से लगभग 20 से 25 लाख श्रद्धालुओं का एकमाह का कल्पवास आरंभ होगा, जो माघ पूर्णिमा 1 फरवरी तक चलेगा।

कल्पवासियों का आयोजन और व्यवस्था

कल्पवास में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न राज्यों और जिलों से श्रद्धालु पहले ही अपने शिविरों में स्थान आरक्षित कर चुके हैं। इन्हें दंडी बाड़ा, आचार्य बाड़ा, तीर्थ-पुरोहितों और खाक चौक के शिविरों में जगह दी जाती है। वर्ष 1954 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद भी संगम तट पर एक माह तक कल्पवास कर चुके हैं।

कल्पवास के 21 विधि-विधान

पद्म पुराण में महर्षि दत्तात्रेय ने कल्पवास के 21 नियम बताए हैं। इनमें सत्य व्रत, अहिंसा, काम-क्रोध का त्याग, इंद्रिय संयम, ब्रह्मचर्य पालन, सूर्योदय से पहले जागरण, नित्य त्रिकाल गंगा स्नान, मौन, जप-तप, सत्संग, हरिकथा श्रवण, एक समय भोजन और निरंतर ईश्वर स्मरण शामिल हैं। साथ ही कल्पवासी को निर्धारित क्षेत्र से बाहर नहीं जाना और साधु-संतों की सेवा करना भी आवश्यक है।

प्रमुख संगठन और व्यवस्थाएं

खाक चौक व्यवस्था समिति के प्रधानमंत्री जगद्गुरु संतोष दास सतुआ बाबा ने बताया कि श्रद्धालु नए साल की शुरुआत से पहले ही संगम तट पर पहुंचने लगेंगे। अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी ब्रह्माश्रम महाराज के अनुसार, पौष शुक्ल पूर्णिमा से माघ पूर्णिमा तक यह परंपरा चलती है। आचार्य बाड़ा के लगभग 300 शिविरों में लगभग 5 हजार कल्पवासियों के शामिल होने की संभावना है।

माघ मेले में कल्पवास की सांस्कृतिक महत्ता

किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर प्रो. (डॉ.) लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महाराज ने कहा कि माघ मेले में कल्पवास की परंपरा हमारी जीवंत संस्कृति का प्रतीक है। यह न केवल श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक अनुभव है, बल्कि धार्मिक अनुशासन और सामाजिक एकता की भी सीख देती है। यह कल्पवास माघ के महीने में हर साल प्रयागराज में होता है जिसे माघ मेला के नाम से जाता है।

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