Maha Kumbh 2025 : किसी मजबूरी अथवा दूसरे किसी कारण से आप महाकुंभ (Maha Kumbh ) में स्नान करने नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में आपको कष्ट हो रहा होगा कि 144 साल बाद आए महाकुंभ में स्नान करके पुण्य कमाने का अवसर चला गया है। मजबूरी तो आखिर मजबूरी होती है। आप चिंता ना करें। आप अपने घर पर बैठे हुए भी महाकुंभ में स्नान करने का पुण्य कमा सकते हैं। यदि आप ठीक ढंग से उपाय करेंगे तो आपको महाकुंभ के शाही स्नान में मिलने वाला पुण्य अपने घर में बैठकर भी प्राप्त हो सकता है।
क्या करें घर पर ही महाकुंभ के पुण्य के लिए
महाकुंभ में स्नान का पुण्य शाही स्नान के मुहूर्त वाली तिथि के दिन मिलता है। यदि आप महाकुंभ में स्नान करने नहीं जा सकते तो इन नियमों का पालन करें। आपको बता दें कि 13 जनवरी 2025 से प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज में डुबकी लगाकर पुण्य की प्राप्ति करने जा रहे हैं। बहुत से ऐसे लोग हैं जो नहीं जा रहे हैं तो वे अपने घर पर कुछ नियमों का पालन करते हुए महाकुंभ का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वो नियम।
शाही स्नान सूर्योदय से पहले किया जाता है। इसलिए सुबह जल्दी उठें। कोशिश करें कि आप जहां रहते हैं, वहां आसपास किसी पवित्र नदी या सरोवर में जाकर स्नान करें। अगर आपके आसपास कोई पवित्र नदी नहीं है, तो आप घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इस दौरान गंगा मैया का सुमिरन करें “हर हर गंगे” का जप करें, इससे भी पुण्य प्राप्ति होगी।
Maha Kumbh 2025 :
स्नान करते समय भगवान का ध्यान करें और ” ऊँ नम: शिवाय” या “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय” जैसे मंत्र का जाप भी करते रहें। आप “गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति। नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिं कुरू” का जाप भी कर सकते हैं। यदि आप यह मंत्र नहीं बोल सकते तो स्नान के दौरान गंगा मैया का सुमिरन करते हुए “हर हर गंगे” का जप कीजिए। कुंभ में पांच बार डुबकी लगाने का नियम है। तो, आप भी ऐसा कर सकते हैं। स्नान के समय साबुन, डिटर्जेंट जैसी चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। स्नान के उपरांत भगवान सूर्य नारायण को जल अर्पित करें, उसके उपरांत घर पर तुलसी मैया को जल अर्पित करें। स्नान के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें और घर के पूजा स्थान पर बैठें। भगवान श्री हरि विष्णु, शिव और अन्य देवताओं का ध्यान करें। गंगा मैया को प्रणाम करें। महाकुंभ के दौरान दान का विशेष महत्व होता है। घर से ही गरीबों या जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े, या धन का दान करें। इस दिन व्रत रखें या सात्विक भोजन करें। प्याज, लहसुन और तामसिक चीजों से बचें। दिन का कुछ समय कथा श्रवण, मंत्र जाप, नाम जप, ध्यान और योग इत्यादि में बिताएं। सबसे जरूरी है कि आपके मन में श्रद्धा और पवित्रता बनी रहे।
इस प्रकार हैं महाकुंभ 2025 अमृत स्नान की तिथियां
13 जनवरी (सोमवार)- स्नान, पौष पूर्णिमा, 14 जनवरी (मंगलवार)- अमृत स्नान, मकर सक्रांति, 29 जनवरी (बुधवार)- अमृत स्नान मौनी अमावस्या, 3 फरवरी (सोमवार)- अमृत स्नान, बसंत पंचमी, 12 फरवरी (बुधवार)- स्नान, माघी पूर्णिमा, 26 फरवरी (बुधवार)- स्नान, महाशिवरात्रि। Maha Kumbh 2025 :
दुर्घटनाओं का इतिहास भी रहा है महाकुंभ के मेलों में
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