सार
Noida News : भारत सरकार (Indian government) ने एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले ने सबको आश्चर्यचकित कर दिया है। फैसला यह है कि अब भारत में 10वीं तथा 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार हुआ करेगी।
विस्तार
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) ने बड़ी घोषणा की है। इस घोषणा में उन्होंने कहा है कि अगले शिक्षा सत्र 2024 से भारत में बोर्ड की परीक्षा साल में दो बार हुआ करेगी। साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा कर दी है कि 11वीं तथा 12वीं के छात्र को दो भाषाएं पढऩा अनिवार्य कर दिया गया है।
बोर्ड की परीक्षा दो बार होगी
आपको बता दें कि दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं अब साल में दो बार होंगी और विद्यार्थियों को इसमें सर्वश्रेष्ठ अंक बरकरार रखने का विकल्प होगा। इसके अलावा 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा और इनमें से कम से कम एक भाषा भारतीय होनी चाहिए। ये प्रावधान स्कूली शिक्षा के नए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (एनसीएफ) में शामिल हैं, जिसे बुधवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जारी किया।
क्या कहा शिक्षा मंत्री ने
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि नई शिक्षा नीति (एनइपी) के अनुसार नया पाठ्यचर्या ढांचा तैयार है और इसके आधार पर 2024 के शैक्षणिक सत्र के लिए पाठ्य पुस्तकें तैयार की जाएंगी। इसमें कहा गया कला एवं विज्ञान, पाठ्यक्रम संबंधी गतिविधियों तथा व्यवसायिक एवं अकादमिक विषयों के बीच कोई सख्त विभाजन रेखा नहीं होनी चाहिए। स्कूली स्तर पर राष्ट्रीय पाने के दस्तावेज के अनुसार कक्षा 11वीं और विषय का चयन कला, विज्ञान, वाणिज्य एक सीमित नहीं रहेगा बल्कि विद्यार्थियों को अपनी पसंद का विषय चुनने की आजादी मिलेगी। इसमें कहा गया है कि नए पाठ्यचर्या ढांचे के तहत बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी और विद्यार्थियों को सर्वश्रेष्ठ अंक बरकरार रखने की इजाजत होगी। दस्तावेज के मुताबिक वर्तमान में जिस तरह से बोर्ड परीक्षाएं ली जाती हैं, उससे किसी एक दिन अपेक्षित प्रदर्शन नहीं करने से बोर्ड परीक्षा के परिणाम-पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। चूंकि ये परीक्षाएं साल में एक बार ली जाती हैं तो किसी एक दिन खराब प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी के पास कोई विकल्प नहीं बचता है। विद्यार्थियों पर बोर्ड परीक्षा के बोझ को कई कदमों के जरिए कम किया जा सकता है। इसमें पाठ्य सामग्री के बोझ को कम करना और आसान बनाना, तथ्यों पर जोर देने की बजाए क्षमताओं पर ध्यान देना शामिल है।
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दस्तावेज के अनुसार इसमें बोर्ड परीक्षा वर्ष में कम से कम दो बार पेश करना शामिल है ताकि विद्यार्थियों को दूसरी बार परीक्षा देने और अपना प्रदर्शन बेहतर बनाने का विकल्प मिल सके। पाठ्यचर्या ढांचे के अनुसार विद्यार्थी उस बोर्ड परीक्षा में उपस्थित हो सकता है जिसके लिए वह तैयार महसूस कर रहा हो। स्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति के अनुसार, हाल के दशकों में भारत में यह दुर्भाग्यपूर्ण चलन पाया गया है। कि 11वीं और 12वीं कक्षा को केवल उच्च शिक्षा में दाखिला हासिल करने के माध्यम के रूप में देखा जाता है। माध्यमिक स्कूली स्तर पर, खास तौर पर 11वीं और 12वीं कक्षा को उच्च शिक्षा में विभिन्न पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों के चयन के तंत्र के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। पाठ्यचर्या के अनुसार, व्यवसायिक शिक्षा, कला शिक्षा और शारीरिक शिक्षा एवं सेहत राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे का अभिन्न हिस्सा है। हालांकि इन मामलों में अधिकांश मूल्यांकन प्रदर्शन आधारित होना चाहिए और लिखित परीक्षा आधारित नहीं ।
अपनी पसंद के विषय चुनेंगे विद्यार्थी
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि अब 11वीं और 12वीं में विद्यार्थियों को पसंद के विषय चुनने की आजादी होगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्कूली शिक्षा का नया राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा (एनसीएफ) भी जारी किया। नया पाठ्यचर्या ढांचा तैयार है और इसके आधार पर 2024 के शैक्षणिक सत्र के लिए। पाठ्य पुस्तकें तैयार की जाएंगी। कक्षा 11वीं और 12वीं में विषयों का चयन कला, विज्ञान, वाणिज्य स्टीम तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि विद्यार्थियों को अपनी पसंद का विषय चुनने की आजादी मिलेगी। Noida News
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