Lucknow News: उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ में रहीमाबाद थाना क्षेत्र के अन्तर्गत गहदो निवासी दलित छात्र आशीष कुमार ने खुदकुशी कर ली थी। आत्महत्या से पहले उसने सुसाइड नोट में उपनिरीक्षक राजमणि पाल, लल्लन पाल, सिपाही मोहित शर्मा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि नंदू विश्वकर्मा व दो अन्य पर फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया था। इस मामले में पुलिस ने रविवार देर शाम को नंदू विश्वकर्मा समेत 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बता दें कि इससे पहले आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने दो दारोगा और एक पुलिस कर्मी को लाइन हाजिर कर दिया था।
सिविल सेवा की कर रहा था तैयारी
डीसीपी पश्चिमी राहुल राज ने बताया कि सिविल सेवा की तैयारी कर रहे दलित छात्र आशीष कुमार रावत (22) को झूठे मुकदमे में फंसा कर आत्महत्या के लिए विवश करने वाले 3 आरोपियों को रहीमाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है। रहीमाबाद थाने में तैनात दो दरोगा और सिपाही के साथ मिल कर साजिश रची थी इस घटना में दरोगा राजमणि पाल, लल्लन पाल और सिपाही मोहित पुलिस लाइन से संबद्ध कर दिए गए हैं। क्योंकि उनके खिलाफ मृतक के परिजन ने गंभीर आरोप लगाए थे।
मुकदमें में धारा कम करने के लिए मांगी थी रिश्वत
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डीसीपी के मुताबिक, बख्तौरीपुर निवासी नंदू विश्वकर्मा, श्याम किशोर और अरविंद कुमार ने 28 सितंबर 2022 को आशीष कुमार रावत और उसके भाई मनीष के खिलाफ मलिहाबाद कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे के कारण आशीष काफी परेशान था। 11 जून को उसने गहदो स्थित आवास पर खुदकुशी की थी। आशीष ने सुसाइड नोट में आरोपियों के साथ दरोगा राजमणि पाल, लल्लन पाल और सिपाही मोहित शर्मा पर 50 हजार रुपये मांगने का आरोप लगाया था। आशीष की मां सुशीला ने आरोप लगाया था कि राजमणि पाल ने मुकदमे में धारा कम करने के लिए रिश्वत मांगी थी।
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