Tuesday, 14 January 2025

National Education Day 2023 की थीम है ये, अबुल कलाम के जन्मदिन पर मनाया जाता है ये दिन

National Education Day 2023- भारत देश में हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता…

National Education Day 2023 की थीम है ये, अबुल कलाम के जन्मदिन पर मनाया जाता है ये दिन

National Education Day 2023- भारत देश में हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। 11 नवंबर के दिन ही भारत के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद का जन्म हुआ था। उनके जन्मदिन के मौके पर हर साल 11 नवंबर को शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। अबुल कलाम ने भारत के शिक्षा क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया है और शिक्षा के स्तर को बहुत आगे बढ़ाया है। आज शिक्षा दिवस के मौके पर आइये जानते हैं इसका इतिहास एवं इस साल की थीम।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का इतिहास:-

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) को 2008 से मनाया जा रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने वर्ष 2008 में 11 सितंबर को यह घोषणा की थी कि हर साल 11 नवंबर को अबुल कलाम के जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में उनके महान योगदान को याद करते हुए ही उनके जन्मदिन को शिक्षा दिवस का दर्जा दिया गया। अबुल कलाम को एक शिक्षाविद एवं स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर उनके अहम योगदान के लिए वर्ष 1992 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

National Education Day 2023-

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की थीम:-

हर वर्ष शिक्षा दिवस पर शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक थीम तय की जाती है। इस बार राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की थीम (National Education Day Theme 2023) ‘Embracing Innovation’ है। ये थीम रचनात्मक, दूरदर्शी शिक्षण विधियां को बढ़ावा देने के लिए नवीन दृष्टिकोण के महत्व पर प्रकाश डालती है।

अबुल कलाम आजाद:-

अबुल कलाम बहुत बड़े विद्वान थे। इसके साथ ही वो एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे। अबुल कलाम उस अफगान उलमाओं के परिवार से तालुक रखते थे जो बाबर के समय में भारत आए थे। उनकी मां अरबी मूल की थीं और उनके पिता फारसी थे। अबुल कलाम का जन्म 11 नवंबर 1888 में मक्का में हुआ था। शिक्षा के क्षेत्र में मौलाना अबुल कलाम का योगदान राष्ट्र के हित में एक बहुत बड़ा योगदान रहा है। स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में मौलाना अबुल कलाम ने 15 अगस्त 1947 से 2 फरवरी 1958 तक देश की सेवा की और देश को शिक्षा के क्षेत्र में आगे ले गए।

मानवता के चेहरे को उजागर करता है अनुवाद, इस थीम के साथ मनाया जा रहा ‘International Translation Day’

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