Sunday, 1 December 2024

पिता और भाई के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए छोड़ दी नौकरी, किया ये बड़ा काम

Noida News : एक कहावत है कि जो व्यक्ति अपने लक्ष्य को निर्धारित करते हुए मेहनत करता है, ईश्वर भी…

पिता और भाई के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए छोड़ दी नौकरी, किया ये बड़ा काम

Noida News : एक कहावत है कि जो व्यक्ति अपने लक्ष्य को निर्धारित करते हुए मेहनत करता है, ईश्वर भी उस व्यक्ति की मदद करने को मजबूर हो जाता है। कुछ ऐसा ही नोएडा के इस लाल के साथ हुआ है। पिता और भाई के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए नोएडा के एक लाल ने मन में ठानी और अपनी नौकरी को छोड़ दिया। नौकरी छोड़ने के बाद वकालत की पढ़ाई। वकील बना तो अपने दिवंगत पिता और भाई की हत्या का मुकदमा लड़ा। आज इस युवक ने अपने पिता और भाई के हत्यारों को कानूनन सजा दिला ही दी। नोएडा के इस युवक की चारों ओर खूब चर्चा हो रही है।

Noida News in hindi

अपने पिता और भाई के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए नोएडा के इस युवक को दस वर्ष का इंतजार तो करना पड़ा, लेकिन वह अपने मकसद में कामयाब हो गया। हत्यारों को आजीवन सजा दिलाकर इस युवक ने अपने दिवंगत पिता और भाई को श्रद्धांजलि दी है।

10 साल पहले की गई थी पिता की हत्या

आपको बात दें कि नोएडा के रायपुर गांव के रहने वाले आकाश चौहान के पिता पाले राम एक सामाजिक कार्यकर्ता थे। यमुना नदी से अवैध रेत खनन के खिलाफ होने वाले आंदोलनों का स्व. पालेराम हमेशा नेतृत्व करते थे। पुलिस और जिला प्रशासन में कई शिकायतें दर्ज कीं, लेकिन कुछ नहीं हो सका। उन्होंने 2012 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो खनन माफिया आक्रामक हो गए।

31 जुलाई 2013 को जब आकाश अपने कंपनी कार्यालय में थे और उनके पिता घर के आंगन में लेटे हुए थे, तब एक बाइक पर सवार तीन लोगों ने उनके पिता को सिर, सीने और हाथ में छह गोलियां मारी थी। गंभीर रूप से घायल होने के कारण उनकी मौत हो गई थी। पिता की हत्या के बाद भी धमकियों का सिलसिला नहीं थमा।

पिता की हत्या हुए अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ था और आकाश इस सदमे से उबर भी नहीं पाया था कि 21 जून 2014 को आकाश के छोटे भाई का शव दिल्ली के नरेला इलाके में रेलवे ट्रैक के पास मिला। आकाश का आरोप है कि पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच नहीं की और मामले को बंद कर दिया। आरोप है कि उसके भाई को भी रेत माफिया ने मार डाला।

परिवार संभालने की जिम्मेदारी

आकाश चौहान के पिता की हत्या और उसके छोटे भाई का रेलवे ट्रैक से शव मिलने पर वह बुरी तरह टूट गया था। पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। पिता और भाई की हत्या मामले में उन पर फैसला करने का दबाव भी बनाया गया। यही नहीं आकाश के खिलाफ झूठा मुकदमा भी दर्ज कराया गया।

मुश्किल था खनन माफियओं से निपटना

आपको यह भी बता दें कि पाले राम की हत्या एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन के कुछ दिनों के भीतर हुई थी। आकाश तब एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे। वह अपने पिता के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा चाहता था, इसलिए उनके पूर्व शासकीय अधिवक्ता केके सिंह ने आकाश को कानून की पढ़ाई करने की सलाह दी।

नौकरी छोड़ बन गए वकील

पिता और भाई के हत्यारों को सजा दिलाने का जो प्रण आकाश ने लिया था, उसे पूरा करने के लिए आकाश ने अपनी प्राइवेट नौकरी छोड दी और ग्रेटर नोएडा के एक कॉलेज से विधि में स्नातक की डिग्री हासिल की और वकील बन गए। जिसके बाद उन्होंने जनपदीय न्यायालय में अधिवक्ता केके सिंह के साथ मुकदमा लड़ा। जिसके परिणामस्वरूप हत्यारोपित राजपाल और उनके एक बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जबकि दो अन्य को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। आकाश का कहना है कि माफिया से उनकी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी, लेकिन अब हम खुश हैं कि उनमें से दो को दोषी ठहराया गया है।

अपना नोएडा फिर टॉप पर, अब इस जनहित के काम में मारी बाजी

ग्रेटर नोएडा नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।

देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुक  पर लाइक करें या  ट्विटर  पर फॉलो करें।

Related Post