Saturday, 30 November 2024

आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव किए गए

परिवर्तनों से सीआरपीसी (CRPC) में सुधार होने से लोगों को न्‍याय सुगम और बेहतर मिल सकेगा।

आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव किए गए

New Delhi News नई दिल्ली। लोकसभा में तमाम विपक्ष के सांसदों को बर्खास्‍त किए जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को तीन नए आपराधिक कानून विधेयक पर बोलते हुए लोकसभा में कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (CRPC) में पहले 484 धाराएं थीं, अब 531 होंगी। 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं। 39 नए सब सेक्शन जोड़े गए हैं। इन सब परिवर्तनों से सीआरपीसी (CRPC) में सुधार होने से लोगों को न्‍याय सुगम और बेहतर मिल सकेगा। अपने वक्‍तव्‍य के दौरान वे विपक्ष खासकर कांग्रेस के बारे में जरूर कुछ ना कुछ टिप्‍पड़ी करते रहते थे।

सीआरपीसी के 177 धाराओं में बदलाव हुआ

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सीआरपीसी (CRPC) के 177 धाराओं में बदलाव हुआ है। 44 नए प्रोविजन और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं। 35 सेक्शन में टाइम लाइन जोड़ी हैं और 14 धाराओं को हटा दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मैंने तीनों विधेयकों को गहनता से पढ़ा है और इन्हें बनाने से पहले 158 परामर्श सत्रों में भाग लिया है। अमित शाह ने कहा कि (CRPC)  में पहले 484 धाराएं थीं, अब इसमें 531 धाराएं होंगी। 177 धाराओं में बदलाव किए गए हैं और 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं।  39 नई उप-धाराएं जोड़ी गई हैं। 44 नए प्रावधान जोड़े गए हैं।

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आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री के विचारों को और उनकी सोच को गृह मंत्रालय ने कार्यरूप में आगे बढ़ाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति की बात कही थी, उसी के तहत गृह मंत्रालय ने आपराधिक कानूनों में बदलाव के लिए गंभीरता से विचार किया है। अमित शाह ने कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव किया जा रहा है। इससे पुराने हो चुके जर्जरित कानूनों से मुक्ति मिलेगी।

कांग्रेस को आड़े हाथों लिया

लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने मॉब लिंचिंग को एक घृणित अपराध बताते हुए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्‍होंने कहा कि हम कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर रहे हैं। लेकिन मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि आपने (कांग्रेस) भी वर्षों देश में शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया? आपने इस मॉब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल सिर्फ भारतीय जनता पार्टी को गाली देने के लिए किया, लेकिन जब तक सत्ता में रहे तो माॅब लिंचिंग पर कानून बनाना ही भूल गए। सिफ हमें कोशते रहे।

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