Tuesday, 26 November 2024

घर को स्वर्ग बना देती हैं इस तरह की महिलाएं, खूब बरसता है धन

Chanakya Niti / चाणक्य नीति : शादी के लिए लड़की पसंद करते वक्त आज का व्यक्ति लड़की की सुंदरता ही…

घर को स्वर्ग बना देती हैं इस तरह की महिलाएं, खूब बरसता है धन

Chanakya Niti / चाणक्य नीति : शादी के लिए लड़की पसंद करते वक्त आज का व्यक्ति लड़की की सुंदरता ही सबसे पहले देखता है। इसके बाद यह देखा जाता है कि लड़की कितना पढ़ी लिखी है और वह नौकरी भी करती है या नहीं। पढ़ी लिखी और नौकरी करने वाली लड़की वर्तमान समय में अमूमन सभी लोगों की पहली पसंद होती है। नौकरी करने वाली लड़की इसलिए भी देखी जाती है, ताकि जरुरत पड़ने पर वह अपने पति और परिवार की आर्थिक मदद कर सके। लेकिन हम आपको बताते हैं कि लड़की में इन गुणों को देखने के साथ ही कुछ ऐसे गुण भी देखने चाहिए, जिससे आपका घर परिवार स्वर्ग बन जाए और धन की खूब बारिश हो।

Chanakya Niti

महिलाओं के कुछ गुण ऐसे होते हैं, जिनके कारण महिलाएं अपने घर परिवार ही नहीं बल्कि जिस घर में वह ब्याह जाती है, उस घर को भी स्वर्ग बना देती है। लड़की पढ़ी लिखी हो या ना हो। लड़कियों के इस तरह के गुणों को लेकर आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र चाण​क्य नीति में स्पष्ट लिखा है कि सदगुणों वाली लड़की अपने घर परिवार को स्वर्ग से भी ज्यादा सुंदर और खुशहाल बना देती है। आचार्य चाणक्य लिखते हैं कि …

सानन्तं सवनं सुताश्च सुधयः कान्ता प्रियालापिनी,
इच्छापूर्तिधनं स्वयोषिति रतिः स्वाज्ञापरः सेवकाः।
आतिथ्यं शिवपूजनं प्रतिदिनं मिष्टान्नपानं गृहे,
साधोः संगमुपासते च सततं धन्यो गृहस्थाश्रमः।।

आचार्य चाणक्य यहां गृहस्थ की चर्चा करते हुए कहते हैं कि जिस गृहस्थ के घर में निरन्तर उत्सव-यज्ञ, पाठ और कीर्तन आदि होता रहता है, सन्तान सुशिक्षित होती है, महिलाएं मधुर भाषा बोलती है, मीठा बोलने वाली होती है, आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पर्याप्त धन होता है, पति-पत्नी एक दूसरे में अनुरक्त हैं, सेवक स्वामिभक्त और आज्ञापालक होते हैं, अतिथि का भोजन आदि से सत्कार और शिव का पूजन होता रहता है, घर में भोज आदि से मित्रों का स्वागत होता रहता है तथा महात्मा पुरुषों का आना-जाना भी लगा रहता है, ऐसे पुरुष का घर सचमुच ही प्रशंसनीय है। ऐसा व्यक्ति अत्यन्त सौभाग्यशाली एवं धन्य होता है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसा घर स्वर्ग होता है और मां लक्ष्मी की हमेशा कृपा बनी रहने के कारण धन की वर्षा होती रहती है।

थोड़ा-सा दान

आर्तेषु विप्रेषु दयान्वितश्चेच्छ्रद्धेन यः स्वल्पमुपैति दानम्।
अनन्तपारं समुपैति दानं यद्दीयते तन्न लभेद् द्विजेभ्यः।।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दुःखियों और विद्वानों को जो थोड़ा-सा भी दान देता है, उसे उसका अनन्त गुना स्वयं मिल जाता है। अर्थ यह है कि जो व्यक्ति दुःखियों, गरीबों, विद्वान महापुरुषों आदि को थोड़ा-सा भी दान देता है, उसे भले ही उन व्यक्तियों से प्रकट में कुछ भी नहीं मिलता, किन्तु इससे उसे बहुत बड़ा पुण्य मिलता है। इसी पुण्य से उसे दिये गये दान से लाखों हजारों गुना अधिक प्राप्त होता है।

अपने लोगों से प्रेम

दाक्षिण्यं स्वजने वया परजने शाठ्यं सवा दुर्जने पीतिः
साधुजने स्मय खलजने विद्वज्ञ्जने चार्जवम्।
शौर्य शत्रुजने क्षमा गुरुजने नारीजने धूर्तताः
इत्थं ये पुरुषा कलासु कुशलास्तेष्वेव लोकस्थितिः।।

आचार्य चाणक्य यहां उन कुछ भले लोगों की चर्चा करते हुए कहते हैं कि जो अपने लोगों से प्रेम, परायों पर दया, दुष्टों के साथ सख्ती, सज्जनों से सरलता, मूर्खा से परहेज, विद्वानों का आदर, शत्रुओं के साथ बहादुरी और गुरुजनों का सम्मान करते हैं, जिन्हें स्त्रियों से लगाव नहीं होता, ऐसे लोग महापुरुष कहे जाते हैं। ऐसे ही लोगों के कारण दुनिया टिकी हुई है।
आशय यह है कि जो व्यवहार कुशल लोग अपने भाई-बन्धुओं से प्रेम करते हैं, अन्य लोगों पर दया करते हैं, दुष्टों के साथ दुष्टता का कठोर व्यवहार करते हैं, साधुओं, विद्वानों, माता-पिता तथा गुरु के साथ आदर का व्यवहार करते हैं, मूर्ख लोगों से दूर ही रहते हैं। शत्रु का बहादुरी से सामना करते हैं तथा स्त्रियों के पीछे नहीं भागते । ऐसे ही लोग समाज के व्यवहार को जानते हैं। इन्हीं के प्रभाव से समाज चल पाता है। Chanakya Niti

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