Congress Leader Manish Tewari : कांग्रेस के जानेमान नेता, पूर्व सांसद और प्रवक्ता मनीष तिवारी खुद सुप्रीम कोर्ट के बहुत बड़े वकील हैं । लेकिन हाल ही में एक मीडिया इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया है कि उनके परिवार को 40 साल से न्याय का इंतजार है। पर आज तक उन्हें न्याय नहीं मिल पाया है। मनीष तिवारी ने साक्षात्कार में बताया कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे पिता की निर्मम हत्या के 40 वर्षों बाद भी हमें न्याय नहीं मिल पाया है। उन्होंने अपने पिता वी एन तिवारी की निर्मम हत्या का वाक्या याद करते हुए बताया
पिता की निर्मम हत्या के 40 वर्ष बाद भी नहीं मिला न्याय
“3 अप्रैल 1984 का दिन था जब चंडीगढ़ के सेक्टर 24 के मकान नंबर 84 यानी हमारे घर पर सुबह-सुबह कुछ लोग आए। यह तीन लोग थे जिन्होंने कहा कि हम पटियाला से आए हैं और तिवारी साहब के स्टूडेंट है। यह तीन लोग एक साथ आए थे उन्होंने कहा हमें सर से मिलना है। हमारी नौकरानी जिन्हे हम माताजी कहते थे उन्होंने दरवाजा खोला, मेरी मां ड्राइंग रूम में कुछ व्यायाम कर रही थी जब उन्हें पता चला कुछ लोग मेरे पिताजी से मिलने आए हैं तो उन्होंने नौकरानी से कहा कि उन्हें उठा दो। उस वक्त सुबह के 5:45 बजे थे पिताजी उठे और बाहर आए उन लोगों को ड्राइंग रूम में बैठने को कहा। मेरी मां ड्राइंग रूम से अपने कमरे की तरफ चली गई । पिता के कमरे से ड्राइंग रूम का फ़ासला 20 – 25 फीट का रहा होगा । यह हमारा सरकारी मकान था जो मेरी मां को आवंटित हुआ था । मेरे पिता ड्राइंग रूम की तरफ बढ़ रहे थे इतने में ही हमलावरों ने मेरे पिता पर गोलियां बरसा दी। मेरी मां गोली की आवाज सुनकर दौड़ते हुए आई उन्होंने गोली चलाने वाले एक हमलावर को पीछे से पकड़ लिया। हमलावरों का एक साथी भाग चुका था। हमलावर ने मेरी मां को झटकते हुए नीचे गिरा दिया और उन पर भी पिस्टल तान दी लेकिन उनकी गोलियां खत्म हो चुकी थी ।
भिंडरावाला ने किया था माँ को फोन
Congress Leader Manish Tewari ने बताया मैं और मेरी बहन ऊपर सो रहे थे हमें गोलियों की आवाज सुनाई दी हमें लगा कि शायद कोई सिलेंडर ब्लास्ट हुआ है। हम तेजी से नीचे आए पिताजी ने सफेद कुर्ता पजामा पहना हुआ था वह खून सने थे और सोफे को पकड़ कर उठने की कोशिश कर रहे थे । हमलावर भाग चुके थे। बाद में पता चला बाहर निकल कर उन्होंने एक और बेगुनाह व्यक्ति की हत्या कर दी थी। हम लोग पिताजी को गाड़ी में डालकर अस्पताल ले गए। उन्हें पीजीआई ले जाया गया था लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका । ऑपरेशन थिएटर में ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
सांसद की हत्या की चार्जशीट तक दाखिल नहीं हुई
हादसे के कुछ दिन बाद संत जरनैल सिंह भिंडरावाला ने मेरी मां को फोन किया और सफाई दी कि हमारा इसमें कोई लेना देना नहीं था। पिता की हत्यारे कौन थे हमें आज तक पता नहीं चल पाया । केस सीबीआई को ट्रांसफर हो गया था। मनीष तिवारी के पिता एक सांसद थे, उनकी हत्या के मामले में कोई न्याय नहीं हुआ। एक सांसद की हत्या हुई थी और इसकी चार्जशीट तक दाखिल नहीं हुई। इस केस का अभी तक कुछ भी नहीं हुआ। आपको बता दे Congress Leader Manish Tewari के पिता विश्वनाथ तिवारी एक लेखक और सांसद थे । 1982 में उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया गया था। उन्होंने पंजाबी अंग्रेजी और हिंदी में कई किताबें लिखी । उनका विवाह अमृत तिवारी से हुआ था जो पेशे से डॉक्टर हैं।
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