Monday, 25 November 2024

ऐतिहासिक श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर में शिवभक्तों का रेला, भक्तों की भीड़

Ghaziabad News : गाजियाबाद (चेतना मंच)। गाजियाबाद में स्थित ऐतिहासिक सिद्धपीठ श्री दूधेश्वरनाथ मठ महादेव मंदिर (Siddhapeeth Shri Dudheshwarnath Math…

ऐतिहासिक श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर में शिवभक्तों का रेला, भक्तों की भीड़

Ghaziabad News : गाजियाबाद (चेतना मंच)। गाजियाबाद में स्थित ऐतिहासिक सिद्धपीठ श्री दूधेश्वरनाथ मठ महादेव मंदिर (Siddhapeeth Shri Dudheshwarnath Math Mahadev Temple) में सावन के दूसरे सोमवार को देश भर के श्रद्धालु भगवान की पूजा-अर्चना के लिए लाईनों में लगे हुए हैं। मंदिर परिसर ही नहीं आसपास का क्षेत्र भी भगवान दूधेश्वर, हर-हर महादेव व बोल बम के जयकारों से गुंजायमान हो रहा है। मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार के जलाभिषेक का सिलसिला तो रात्रि 12 बजे से शुरू हुआ, मगर भक्तों की लाईन रात्रि 10 बजे से ही लगने लगी थी।

श्री महंत नारायण गिरी महाराज ने की सबसे पहले पूजा

मंदिर के पीठाधीश्वर, श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज (Srimahant Narayan Giri Maharaj)  ने सबसे पहले भगवान दूधेश्वर की पूजा-अर्चना की व जलाभिषेक किया। मंदिर में विराजमान सभी देवी-देवताओं व गुरू मूर्तियों तथा सिद्ध संतों की समाधि की पूजा-अर्चना की और उसके बाद मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। 3 बजे भगवान का श्रृंगार व आरती हुई। आचार्य तयोराज उपाध्याय रूद्राभिषेक कराया। आरती देवी मंदिर के महंत गिरिशानंद गिरि महाराज ने की। धूप आरती व दीप आरती के बाद भगवान के जलाभिषेक का सिलसिला पुन: प्रारंभ हुआ। मंदिर में हजारों कांवडिएं भी पूजा-अर्चना कर गंगाजल लेने के लिए रवाना हो रहे हैं। भक्तों की लाईन जस्सीपुरा मोड से भी आगे तक पहुंच गई। भक्त भगवान की पूजा-अर्चनाव जलाभिषेककर महाराजश्री का आशीर्वाद भी ले रहे हैं।

आराधना से महादेव और शक्ति दोनों होते हैं प्रसन्न

श्री महंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि शास्त्रों में सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय माह बताया गया है। दरअसल सावन माह चातुर्मास मास के चार माहों में से एक माह है। चातुर्मास में भगवान विष्णु के योगनिंद्रा में रहते से दौरान भगवान शिव ही पालनकर्ता होते हैं और वहीं भगवान विष्णु के भी कामों को भी देखते हैं। यानि सावन के महीने में त्रिदेवों की सारी शक्तियां भगवान शिव के पास ही होती हैं। इसी कारण इस मास में उनकी पूजा करने का इतना अधिक फल मिलता है। सावन में उनकी पूजा, अभिषेक, शिव स्तुति, मंत्र जाप का खास महत्व है। खासकर सोमवार के दिन महादेव की आराधना से शिव और शक्ति दोनों प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से दैविक, दैहिक और भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। निर्धन को, निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है तथा कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है।

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रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए जाप

महाराजश्री ने बताया कि दूसरे सोमवार को महाकालेश्वर शिव की विशेष पूजा करने का विधान है। श्रद्धालु को ऊं महाशिवाय वरदाय हीं ऐं काम्य सिद्धि रुद्राय नम मंत्र का रुद्राक्ष की माला से जाप करना चाहिए। महाकालेश्वर की पूजा से गृहस्थ जीवन होता है। पारिवारिक कलह, पितृ दोष व तांत्रिक दोष से मुक्ति मिलती है। पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा के नेतृत्व में मंदिर व उसके आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाक-चौबंद है।Ghaziabad News

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