Saturday, 11 January 2025

नाबालिग को संन्यासी की दीक्षा देने वाला महंत अखाड़े से निष्कासित

Prayagraj News : आजकल देश में सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के रूप में आयोजित…

नाबालिग को संन्यासी की दीक्षा देने वाला महंत अखाड़े से निष्कासित

Prayagraj News : आजकल देश में सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के रूप में आयोजित किया जा रहा है। यहां लगने वाला यह कुंभ 12 सालों के बाद लगने वाला पूर्ण कुंभ कललाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि अब ऐसी लग्न नक्षत्र में लगने वाली यह महाकुंभ 144 सालों बाद लगेगी। इस महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हो जाएगी, इसके बाद तमाम विशेष स्रान के दिन बीच बीच में पड़ेंगे। इस महाकुंभ में देशभर के तमाम श्रद्धालुओं की नजर है। ऐसे में महाकुंभ को लेकर तैयारियां आखिरी चरण में हैं। योगी सरकार ने किसी भी श्रद्धालु को कोई दिक्कत ना हो इसका पूरा ख्याल रखा है। हालांकि इस बीच महाकुंभ में सन्यासियों के जूना अखाड़े ने एक महंत पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उस महंत को अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया।

महंत कौशल गिरि 7 साल के लिए अखाड़े से निष्कासित

प्रयागराज के इस महाकुंभ में एक अनोखी और नियम के विरुद्ध घटना को अंजाम दिया गया। दरअसल एक महंत द्वारा जूना अखाड़े में नाबालिग बच्ची को सन्यास की दीक्षा दी गई, नियम विरुद्ध इस दीक्षा से नाराज होकर कार्रवाई की गई। इस मामले में महंत कौशल गिरि ने एक 13 साल की नाबालिग लड़की को अपना चेला बनाते हुए सन्यास की दीक्षा दी थी। इसको लेकर नाराज जूना अखाड़े ने सन्यास की दीक्षा देने के कारण 7 साल के लिए महंत कौशल गिरि को अखाड़े से निष्कासित कर दिया। अखाड़े की परंपरा और नियम को तोड़ने के कारण महंत कौशल गिरि के खिलाफ कार्रवाई की गई है। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की महासभा ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया, क्योंकि नाबालिग को संन्यास की दीक्षा नहीं दी जा सकती है।

13 साल की नाबालिग बच्ची को दी दीक्षा

प्रयागराज में महाकुंभ मेले में मौजूद जूना अखाड़े के प्रवक्ता महंत नारायण गिरी ने एक वीडियो जारी करके बताया कि 2 दिन पहले महंत कौशल गिरि ने आगरा की रहने वाली 13 साल की राखी सिंह को संन्यास की दीक्षा दी थी। बताया जाता है कि राखी सिंह को उनके माता पिता ने दान कर दिया था। लेकिन अखाड़े की परंपरा और नियम के मुताबिक किसी नाबालिग लड़की को सन्यासी की दीक्षा देकर उसे सन्यासी नहीं बनाया जा सकता है। राखी 9 वीं क्लास की छात्रा है, जानकारी के मुताबिक राखी का परिवार 26 दिसंबर को प्रयागराज आया था और अपनी बेटी को कौशल गिरी को दान कर दिया था।

लड़की ने खुद साध्वी बनने की इच्छा जताई थी

यह सच है कि आगरा के रहने वाले राखी का परिवार कई सालों से महंत कौशल गिरी से जुड़ा हुआ था। राखी के घरवालों के मुताबिक राखी ने खुद साध्वी बनने की इच्छा जताई थी। राखी महंत के साथ जुड़कर सनातन धर्म की सेवा करना चाहती थी। ऐसे में महंत कौशल गिरि ने राखी को दीक्षा दे दी, जिसकी वजह से उन पर जुना अखाड़े की महासभा ने कार्रवाई की है। एक महंत होने के बावजूद कौशल गिरि ने एक नाबालिग को अपना चेला बनाते हुए सन्यासी बनने की दीक्षा दे दी, और वे अन्य साधु संतों का कोपभाजन बन गए। क्योंकि अखाड़ों में परंपरा और नियमानुसार ही काम करना होता है।

महाकुंभ फिर 144 साल बाद आएगा, अभी नहीं तो कभी नहीं

ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। 

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुक  पर लाइक करें या  ट्विटर  पर फॉलो करें।

Related Post