Friday, 29 November 2024

Health : सेहत का साथी है ‘आंवला’

विनय संकोची Health : फाइलेंथस वंश का पादप आंवला एक फलदार वृक्ष है, जिसके पीले फूल घंटाकार और फल हरे…

Health : सेहत का साथी है ‘आंवला’

विनय संकोची

Health : फाइलेंथस वंश का पादप आंवला एक फलदार वृक्ष है, जिसके पीले फूल घंटाकार और फल हरे चिकने और गूदे वाले होते हैं। संस्कृत में आंवला को अमृता, अमृत फल, आमलकी, पंचरसा आदि नाम दिए गए हैं। आयुर्वेद में आंवले को सर्वोत्कृष्ट औषधि के रूप में मान्यता प्राप्त है। प्राचीन ग्रंथों में आंवले को माता के समान रक्षा करने वाला कहा गया है। महर्षि चरक के मतानुसार शारीरिक अवनति को रोकने वाले दृव्यों में आंवला सबसे प्रमुख है। आंवला विटामिन-सी का सर्वोत्तम प्राकृतिक स्रोत है और बड़ी बात यह है कि आंवला में विद्यमान विटामिन-सी कभी नष्ट नहीं होता है।

मान्यता है कि आंवला फल श्रीहरि विष्णु को बहुत प्रिय है। आंवला वृक्ष को पूजनीय घोषित किए जाने के पीछे संभवत यही भावना रही होगी कि कोई इस गुणकारी वृक्ष को नुकसान पहुंचाने का प्रयास न करे।

आंवला (Gooseberry) के 100 ग्राम गूदे में 720 मिलीग्राम विटामिन-सी (Vitamin-C) पाया जाता है, जबकि इतने ही आंवला रस में विटामिन-सी की मात्रा 921 मिलीग्राम होती है। इसके अतिरिक्त आंवले में प्रोटीन(Protein) , खनिज द्रव्य(Minerals) , कार्बोहाइड्रेट(Carbohydrates) , कैल्शियम(Calcium,) , फास्फोरस(Phosphorus) , आयरन(Iron) , निकोटीनिक एसिड(Nicotinic Acid), गैलिक एसिड(Gallic Acid), टैनिक एसिड(Tannic Acid), ग्लूकोज(Glucose), एल्ब्यूमिन(Albumin) आदि तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। बेहद गुणकारी अमृत फल आंवला के नियमित सेवन से बुढ़ापा पास नहीं आता है, स्मरण शक्ति बढ़ती है। मधुमेह और दिल की बीमारी का इलाज भी आंवले में छिपा हुआ है।आइए जानते हैं की आंवला किस-किस शारीरिक व्याधि में कितना लाभकारी होता है।

• मधुमेह के रोगियों की संख्या में निरंतर वृद्धि चिंता का विषय है। आज लगभग हर घर में मधुमेह का एक रोगी मिल जाता है। आंवला मधुमेह पीड़ितों के लिए किसी औषधि से कम नहीं है। आंवले में पाए जाने वाले खनिज ‘क्रोमिक’ न केवल कार्बोहाइड्रेट के पाचन में सहायक है, अपितु शरीर में इंसुलिन के स्तर को भी नियंत्रित रखता है। आंवला अथवा इसके चूर्ण आदि के नियमित सेवन से मधुमेह को नियंत्रण में रखा जा सकता है।

• आंवला रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाने में सहायक है। हीमोग्लोबिन कम होने पर रोजाना आंवले के रस का सेवन करने से अप्रत्याशित लाभ होता है। आंवला लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण कर खून की कमी नहीं होने देता है।

• नेत्र ज्योति बढ़ाने में आंवला अत्यंत लाभकारी है। एक चम्मच आंवला चूर्ण को शहद के साथ सेवन करने से लाभ होता है। इस प्रयोग से मोतियाबिंद की समस्या से भी छुटकारा मिलता है।

• आंवला याददाश्त बढ़ाने में भी बहुत सहायता करता है। यदि हर सुबह आंवला के मुरब्बे को गाय के दूध के साथ खाया जाए, तो
भुलक्कड़पन दूर होता है। रोजाना आंवले का रस पीने से भी फायदा होता है।

• आमला में हृदय रोग के खतरे को काफी कम करने वाले तत्व हैं। आंवले में एंटीऑक्सीडेंट और पोटेशियम जैसे कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक हैं। एंटीऑक्सीडेंट खून में बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) के ऑक्सीकरण को रोककर दिल की सेहत में सुधार करता है।

• आंवला रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायता करता है। आंवला का रस विटामिन-सी का उत्तम स्रोत है, जो जल में घुलनशील विटामिन है और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के विरुद्ध कोशिकाओं के रक्षण के अतिरिक्त विटामिन-सी प्रतिरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ बनाता है।

• आंवला वजन घटाने में भी सहायक है। आंवले में पर्याप्त मात्रा में अमीनो एसिड होता है, जो शरीर के मेटाबॉलिक रेट को सुधारने का काम करता है। सुबह सवेरे खाली पेट आंवले के सेवन से शरीर में फैट नहीं जमता है।

• आंवला में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट के कारण त्वचा के दाग धब्बों से भी मुक्ति मिलती है। इसके लिए आंवले का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाया भी जा सकता है। आंवला बालों को काला और चमकदार बनाने का काम बखूबी करता है। खाली पेट आंवला खाने या आंवले के पानी से बाल धोने से बाल चमकदार नजर आते हैं।

• आंवला में कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में होता है, इसी कारण आंवला के नियमित सेवन से हड्डियां मजबूत होती है और जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है।

• आंवला पाचन तंत्र को ठीक कर पेट की समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। खाली पेट आंवला सेवन से कब्ज और एसिडिटी में राहत मिलती है।

 विशेष : आंवला निश्चित रूप से बेहद स्वास्थ्यकर है। यहां आंवला के गुणों के संबंध में सामान्य जानकारी उपलब्ध कराई गई है, यदि आंवले को रोग विशेष में औषधि के रूप में प्रयोग करना है, तो योग्य चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें। यह आवश्यक है।

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